TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने देश भर में नए रेल किराया प्रणाली यानी ‘फ्लेक्सी फेयर सिस्टम’ लागू करने का ऐलान किया है. इस नए प्रणाली के तहत जैसे-जैसे टिकट कम होते जाएंगे वैसे-वैसे रेलवे में आपकी सीटों की क़ीमत बढ़ती जाएगी. ऐसा अब तक हवाई जहाज़ के टिकटों में होता था.
बताते चलें कि शुरुआत में पहली 10 फीसदी सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होगा. प्रत्येक 10 फ़ीसदी सीटों की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फ़ीसदी की बढ़ोतरी होगी. इसके तहत मांग के आधार पर किराया ज्यादा से ज्यादा 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा. सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम बढ़ोतरी 50 फ़ीसदी की होगी. वहीं थर्ड एसी के लिए यह 40 प्रतिशत अधिक होगी. यह सिस्टम फिलहाल राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में ही लागू किया गया है. यहां यह भी स्पष्ट रहे कि देश में 42 राजधानी, 46 शताब्दी तथा 54 दुरंतो ट्रेनें चल रही हैं.
रेल किराये में मनमानी तरीक़े से बढ़ोत्तरी के इस नए सिस्टम को लेकर पटना में आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कड़ा विरोध किया और इस वृद्धि को वापस लेने की मांग की है.
पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि रेलगाड़ी के परिचालन, यात्री सुविधाओं आदि में कोई सुधार नहीं हुआ. फिर भी रेल-किराए में भारी वृद्धि करके नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपने जन-विरोधी चेहरे को उजागर किया है.
वो कहते हैं कि सरकार कह रही है कि रेलवे घाटे में है. जबकि हक़ीक़त यह है रेलवें में भारी कुव्यवस्था है. और अपनी इसी कुव्यवस्था के चलते रेलवे घाटे में है. अगर सरकार रेलवे में अपनी कुव्यवस्था को सुधारे तो रेलवे का घाटा कम हो सकता है. मनमानी तरीके से रेल-किराया बढ़ाने से रेलवे का घाटा नहीं भरेगा. बल्कि रेल यात्रियों का रूझान हवाई जहाज़ की ओर होगा और रेलवे का घाटा और ज्यादा बढ़ेगा.
सिंह ने कहा कि सरकार की नीति का उद्देश्य है रेलवे को निजी क्षेत्र में कारपोरेट घरानों को सौंपना. इसकी तैयारी केन्द्र सरकार कर रही है.
सिंह ने देश की जनता से अपील की है कि वे सरकार की इस घातक नीतियों के खिलाफ़ ज़ोरदार आवाज़ उठाएं.