आस मुहम्मद कैफ, TwoCircles.net
नफ़रत की चपेट में अब पत्रकार भी आ गए हैं.शनिवार को मुजफ्फरनगर जनपद के मंसूरपुर थाना क्षेत्र में नाम और पता पूछकर पत्रकार की पिटाई करने का गंभीर मामला सामने आया है.पत्रकार का नाम शाहवेज़ खान है और वो मेरठ में एक स्थानीय समाचार पत्र में काम करता है.
शाहवेज़ खान के मुताबिक घटना शनिवार की रात लगभग आठ बजे की है वो मेरठ से मोटरसाइकिल से अपने घर मुजफ्फरनगर जा रहा था.मेरठ से मुजफ्फरनगर की दूरी 50 किमी है.शाहवेज़ ऐसा हर दिन करते हैं.शाहवेज़ बताते हैं कि खतौली से आगे निकालकर नावला गांव के नज़दीक एक सफेद रंग की सेंट्रो कार ने मुझे हॉर्न देना शुरू किया.उसमे चार लड़के थे.मैंने बाइक सड़क से नीचे उतार ली.वो उतर गए और मुझे गाली गलौच कर वापस चलने लगे.तभी उनमे से एक वापस मेरे पास आया और मुझसे मेरा नाम और पता पूछा मैंने अपना नाम शाहवेज़ और पता खालापार बताया इसके बाद उन्होंने मुझे धार्मिक टिप्पणी करते हुए लात घूंसों से पीटना शुरू कर दिया.
शाहवेज़ बताते हैं कि इसके बाद वो मुझे गाली देकर चले गए।उन्होंने मेरे साथ कोई लूटपाट नही की.मेरा नाम पता पूछकर गाली गलौच की गई और पिटाई की.जिससे मैं समझ गया कि यह पूरी तरह नफरत का मामला था.इसके बाद मेरे अंतर्मन में बहुत तकलीफ हुई मुझे अंदर से दुख हुआ.मैंने डायल-100 को कॉल की.कई बार कॉल करने पर डायल -100 की गाड़ी आई और मुझे थाने जाने सलाह देकर चली गई.
शाहवेज़ के अनुसार इसके बाद वो मंसूरपुर थाने गए और उन्होंने आरोपियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराने की तहरीर दी.पुलिस ने उनकी बात सुनी और पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया.यहां तक की गाड़ी का पता लगाकर आरोपियों के गांव तक पुलिस पहुंच गई.शाहवेज़ के मुताबिक थाना प्रभारी ने मुझसे बेहद सम्मान से बात की मगर मेरा मुक़दमा दर्ज नही किया.
शाहवेज़ के अनुसार उनसे एक पुलिस अधिकारी ने अनुरोध किया कि वो अपनी तहरीर से हेट क्राइम की बात हटा लें और सामान्य मारपीट की तहरीर दे दें.पुलिस उनसे वादा करती है कि वो गुंडागर्दी करने वाले लड़को का दिमाग ठीक कर देगी.
हालांकि इसके बाद शाहवेज़ ने अपनी तहरीर बदल दी.पुलिस ने शाहवेज का मुकदमा दर्ज कर लिया.
शाहवेज के मुताबिक उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुजफ्फरनगर में इस समय कावंड़ यात्रा चल रही है और वो नही चाहते इस समय मुजफ्फरनगर से कोई नकारात्मक ख़बर बाहर जाएं.
शाहवेज़ के बड़े भाई शादाब खान आवाज़ ए हक़ नाम वाली एक संस्था चलाते है उनकी यह संस्था कावंड़ियों के लिए कैम्प लगाती है और हिन्दू मुस्लिम सौहार्द से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करती है.
शादाब कहते है “मुजफरनगर में 2013 के भीषण दंगो को भी हमारे यहां के लोगो ने भुला दिया है और जाट और मुस्लिमों में अच्छा माहौल बन रहा है.वो साथ साथ मिलकर व्यापार राजनीति और दूसरे अच्छे काम कर रहे हैं.मुजफ्फरनगर के एक नाम मोहब्बतनगर भी है और हम लोगो के दिलों में कोई भी फर्क नही डाल सकता.मेरे भाई के साथ हुई यह घटना एक बड़ी साजिश भी हो सकती है इसलिए इसकी गहराई से पड़ताल और भी जरूरी हो जाती है”.
मुजफ्फरनगर के एसपी सिटी सतपाल अंतिल के मुताबिक इस तरह की शिकायत आई थी मगर उसका निस्तारण कर दिया गया है.
शाहवेज हमें बताते हैं कि मुझे खतौली सीओ आशीष प्रताप सिंह का फोन आया था.जिसमें उन्होंने बेहद अपनेपन से बात की.अब पुलिस ने मेरी एफआईआर लिख ली है और मैं उनकी कार्रवाई से संतुष्ट हूँ.पुलिस ने कहा है वो आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करना चाहते हैं.