मोहम्मद वसीम । Twocircles.net के लिए
मुजफ्फरनगर- “मैडम हमें शराब पीने के लिए कहा जाता था मना करने पर जबर्दस्ती करते थे,
फिर हमें कोरोना की दवाई बताकर शराब पिलाई जाती थी। हमें बुरी तरह पीटा जाता था। महाराज हमारे साथ गंदा काम करते थे। हमें यहां धर्म की पढ़ाई करने के लिए लेकर आया गया था हम बहुत गरीब घर से है। बुरी तरह पीटते थे। पुलिस आती रहती थी। हमें पता था उनसे कहकर कुछ नही होगा। हमसे खाना बनवाते थे। चिनाई करवाते थे “।
10 साल के सोनू ने यह कहानी बाल कल्याण समिति की टीम को सुनाई है। सोनू (बदला हुआ नाम) मिजोरम का है वो उन चार बच्चों में से एक है जिसकी मैडिकल जांच में यौन शोषण की पुष्टि हुई है।
मुजफ्फरनगर से 25 किमी दूर भोपा थानाक्षेत्र के तीर्थनगरी शुक्रताल में गौड़ीय आश्रम के मठ संचालक भक्ति भूषण महाराज को इन आरोपों के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह शर्मनाक घटना बेहद विचलित करने वाली है। शुक्रताल में सैकड़ों आश्रम है। मगर पहली बार किसी आश्रम में इतना शर्मनाक मामला सामने आया है।
भोपा थाना प्रभारी संजीव कुमार के अनुसार आश्रम के संचालक अनाथ बच्चों का यौन शोषण कर रहे थे। मेडिकल जांच में चार बच्चों के यौन शोषण की पुष्टि हुई है। हैरतअंगेज रूप से ये सभी 10 साल से कम आयु के है। पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर आश्रम के मुख्य संचालक को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार कर लिया है। मामले का आश्चर्यजनक खुलासा एक पीड़ित बच्चें की दिखाई गई हिम्मत से हुआ है। 9 साल के मिजोरम के इस बच्चें ने चाइल्ड हेल्पलाइन को कॉल कर अपने साथ हो रहे अत्याचार की जानकारी दी और उसके बाद वहां आई टीम ने इन बच्चों की मदद की।
चाइल्ड हेल्प लाइन ने पहले तो पुलिस की मदद से आश्रम में बंधक बनाये मासूमो को बंधन मुक्त कराया और उसके बाद इनकी मेडिकल जांच कराई। आश्रम का नाम गौड़ीया मठ है। यह भोपा थाना क्षेत्र के फिरोजपुर रोड शुक्रताल में है। आश्रम संचालक भक्ति भूषण गोविंद महाराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मिज़ोरम,त्रिपुरा और मणिपुर के यह मासूम बच्चें यहां धार्मिक शिक्षा गृहण करने आए थे। बुधवार को मुज़फ्फरनगर में 1098 पर आई शिकायत पर चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम ने तीर्थ नगरी के नाम से विख्यात शुकतीर्थ स्थित एक आश्रम पर छापेमारी करते हुए 8 मासूम बच्चों को बंधन मुक्त कराया था। आज मेडिकल जांच में यह सच सामने आया है। पहले जानकारी दी गई थी कि गोड़िया मठ आश्रम में मिजोरम और त्रिपुरा को 10 बच्चो को बंधक बनाकर रखा जा रहा है और उनसे आश्रम में चिनाई के काम के साथ साथ पशुओं का चारा भी मंगाया जाता था। बच्चों ने बताया था कि काम न करने पर उनकी पिटाई की जाती थी। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम इन आठों बच्चों को लेकर थाना भोपा पहुंची जहां थाने में शिकायत दर्ज कराई ।
यहां तीर्थ नगरी के नाम से विख्यात शुकतीर्थ (शुक्रताल) में मंगलवार को जनपद की चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने गोडिया मठ आश्रम में छापेमारी करते हुए 8 बच्चों को अपने कब्जे में लिया है । चाइल्ड हेल्प लाइन की अध्यक्ष पूनम शर्मा ने बताया कि हमारे पास 1098 से रजिस्टर्ड होकर सूचना आई थी कि यहां पर जो गोडिया मठ आश्रम है इसमें बच्चों को बंधक बना रखा है। हमने वहां जाकर देखा तो वहां 8 – 10 बच्चे थे उन्होंने बच्चों को इतना डरा रखा था कि सब बच्चे महंत जी की तरफ से ही बोल रहे थे,लेकिन बच्चों की घबराहट को देखकर हम समझ गए थे कि कुछ तो गड़बड़ है जिसके बाद हमने बच्चों को विश्वास में लिया और उनसे प्यार से पूछा तो उन्होंने सब कुछ बताना शुरू कर दिया। आश्रम के लोगों ने पहले तो हमें बच्चों से बातें नहीं करने दी उसके बाद फिर बच्चों को छुपाना शुरू कर दिया।इसके बाद हमने उन लोगों से कहा कि हम कोई कार्यवाही नहीं करने जा रहे हैं। केवल हम अपनी ड्यूटी कर रहे हैं अगर आप अच्छा काम कर रहे हैं तो आपको नहीं डरना चाहिए हम इन बच्चों को लेकर जा रहे हैं। सुबह अपने कागजात दिखाकर बच्चों को ले आना और जैसे ही हम बच्चों की काउंसलिंग कर रहे थे इसी बीच उन्होंने दो बच्चों को वहां से गायब कर दिया । उन दोनों बच्चों को हमने पूरे आश्रम में ढूंढा मगर नहीं मिले और वह भी हमसे यह कह कर निकल गए कि हम बच्चों को ढूंढ कर ला रहे हैं बच्चे यह बता रहे हैं कि यह हम को पीटते थे ।इनमें एक 12 साल का बच्चा है इसका काम खाना बनाना था। दूसरे बच्चों के साथ भी बर्तन साफ करने और दूसरे काम कराए जाते थे। बच्चों के शरीर पर क्रूरता के निशान है। पूनम शर्मा के अनुसार यह गरीब बच्चे है,इनके साथ बेहद क्रुरता से पेश आया गया है।
सीओ भोपा राजेश द्विवेदी के अनुसार थाना भोपा पर गौड़ीय मठ के संचालक भक्ति सागर महाराज को उनके एक शिष्य के साथ यौन उत्पीड़न और पोक्सो के आरोपों के तहत मुक़दमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मुक़दमा चाइल्ड केयर की और दर्ज कराया गया है। सभी बच्चों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। यह मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा के बच्चे है।