स्टाफ़ रिपोर्टर । Twocircles.net
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने किसानों के आंदोलन के समर्थन करने का ऐलान किया है। ऐसा जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी के निर्देशन पर किया गया है। इस घोषणा के बाद संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल बुरारी मैदान और सिंधु बॉर्डर पर पहुंचा और किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा है कि किसान उगाते हैं, तो हम खाते हैं। उन्हें हमसे जिस प्रकार का भी समर्थन चाहिए उसके लिए हम उनके साथ खड़े है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने किसानों के इस आंदोलन के लिए अपना समर्थन देने की आज ही घोषणा की है। आज जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के बुरारी मैदान भेजा, जिसका नेतृत्व मौलाना महमूद मदनी के सबसे विश्वसनीय साथी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने किया। इन्होंने वहां किसान लीडरों से मुलाकात की और किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनके साथ नारे भी लगाए। वहां मौजूद किसानों ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के समर्थन का स्वागत किया और ‘वाहे गुरु’ का नारा बुलंद किया। प्रतिनिधिमंडल उसके बाद सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना हुआ।
जमीयत के प्रवक्ता मौलाना मूसा क़ासमी ने बताया कि यह स्पष्ट रहे कि केंद्र सरकार ने किसानों के कथित हितों के नाम पर तीन नए कानून बनाए हैं, जिनसे किसान संतुष्ट नहीं हैं और ये बहुत हानिकारक हैं। सरकार इन कानूनों को निरस्त करे और किसानों की आवश्यक मांगों को पूरी करे ।
बता दें पंजाब और हरियाणा के किसान विशेष रूप से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अधिकांश लोगों को सीमा पर रोका जा रहा है, दिल्ली और उसके आसपास बढ़ती ठंड के बावजूद, किसान अपना हौसला नहीं खो रहे हैं।
जमीयत के इस प्रतिनिधिमंडल में भाग लेने वाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना हकीमुद्दि कासमी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद किसान भाइयों के साथ हर तरह से खड़ी है। जमीयत के प्रतिनिधिमंडल मौलाना दाउद अमिनी, गय्यूर अहमद कासमी, मौलाना कारी अब्दुल सामी, कारी इरशाद, मौलाना मुबाशिर बवाना शामिल हुए। इसके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आंदोलन के क्षेत्रों में अपनी इकाइयों से अपील की है कि वे किसानों के आंदोलन के साथ हर संभव तरीके से सामंजस्य और एकता दिखाएं।