स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net
अयोध्या में लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले 83 वर्षीय मोहम्मद शरीफ के इलाज की सुध लेना शुरू हो गई हैं और अच्छा इलाज शुरू हो गया है। अयोध्या प्रशासन समेत सांसद, विधायक समेत कई समाजिक कार्यकर्ता मदद को आगे आए हैं और शरीफ़ चाचा का अयोध्या के एक प्राईवेट अस्पताल में इलाज शुरू हो गया है। मोहम्मद शरीफ पिछले कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन आर्थिक तंगहाली के चलते बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा था। फिलहाल मोहम्मद शरीफ का इलाज प्रशासन के सहयोग से शुरू हो गया है।
अयोध्या के मोहल्ला खिड़की अली बेग में रहने वाले 83 वर्षीय मोहम्मद शरीफ लगभग 28 वर्षों से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने के लिए जाने जाते हैं फिर वो चाहे जिस भी धर्म का हो। शरीफ़ मृत व्यक्ति के धर्म के अनुसार रिवाजों से अंतिम संस्कार करते हैं। मोहम्मद शरीफ ने यह काम तब शुरू किया था जब उनके बेटे रईस की एक हादसे में 28 साल पहले मौत हो गई थी और पुलिस ने लावारिस समझ कर अंतिम संस्कार कर दिया था।
मोहम्मद शरीफ साईकिल की मरम्मत की दुकान चलाते थे, जो अब बंद पड़ी है। वो किराए के मकान में रह रहे हैं । उनका बेटा मोहम्मद सगीर गाड़ी चलाकर और एक बेटा मोहम्मद अशरफ़ मोटर साईकिल एजेंसी में मिस्त्री का काम करके परिवार को पालते है लेकिन उसकी आमदनी इतनी नहीं है कि वो अपने पिता का बेहतर इलाज करा सके। मोहम्मद शरीफ लगभग 25,000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। उनकी यही सेवा को देखते हुए 2020 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की थी लेकिन एक साल से ज्यादा का समय बीत गया उन्हें अभी तक न ही पदक मिला और न ही प्रशस्ति पत्र मिला
फिलहाल मोहम्मद शरीफ गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उनके लीवर में सूजन हैं और किडनी में इन्फेक्शन के आलावा हार्ट में भी तकलीफ़ थी। और उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं हैं कि बेहतर इलाज़ कराया जा सके।
शरीफ अपने परिवार के साथ स्थानीय वक्फ मेंबर के घर में किराए पर रहते हैं। शरीफ़ के एक बेटे की मृत्यु डेढ़ साल पहले हो चुकी हैं जो उनकी साइकिल मरम्मत की दुकान में हाथ बंटाता था। मोहम्मद शरीफ की बीमारी के बारे में कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर करा और उनकी तंगहाल आर्थिक स्थिति से भी रूबरू करवाया। इसके बाद लोगों के संज्ञान में मामला आया। फैजाबाद प्रशासन ने तुरंत मामले को संज्ञान में लेते हुए उनका इलाज़ एक बेहतर प्राईवेट अस्पताल में शुरू करवा दिया।
फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह ने भी मोहम्मद शरीफ की बीमारी की सूचना को संज्ञान में लिया और तुरंत उत्तर प्रदेश सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराया। मोहम्मद शरीफ का इलाज फैजाबाद के सीएमओ की निगरानी में चल रहा हैं। इलाज़ को लेकर प्रशासन समेत सांसद, विधायक समेत तमाम नेता आगे आए हैं जिससे उनकी गंभीर बिमारियों का इलाज शुरू हो गया हैं और अब मोहम्मद शरीफ पहले से बेहतर हैं। कल रात में ही मोहम्मद शरीफ के ह्रदय से संबंधित सभी चिकित्सीय परीक्षण हुए हैं और डाक्टरों ने उनसे लोगों से मिलने जुलने और बात करने पर रोक लगाने को कहा हैं जिससे उनको आराम मिल सके।
मोहम्मद शरीफ के छोटे बेटे मोहम्मद अशरफ़ जो बुलेट गाड़ी की एजेंसी में मिस्त्री का काम करते हैं ने Two Circles.Net से बात करते हुए बताया कि,” उनके पिता का अच्छा इलाज़ फैजाबाद के ही एक बड़े अस्पताल में अस्पताल में चल रहा हैं , उनकी तबियत अब पहले से थोड़े बेहतर हैं”। मोहम्मद अशरफ़ बताते हैं कि फैजाबाद प्रशासन के साथ साथ यहां के सांसद, विधायक हर तरह से सहयोग कर रहे हैं और उन्हीं के सहयोग के चलते आज उनके पिता का अच्छे अस्पताल में इलाज हो रहा हैं। वे कहते हैं लोगों को सोशल मीडिया के जरिए उनके पिता के हालात के बारे में पता चला और लोग मदद को आगे आए हैं। मोहम्मद अशरफ़ कहते हैं लेकिन जिस तरह से उनके पिता को पद्मश्री मिला उसके अनुसार अभी तक सरकार से कोई सहायता नहीं मिल पाई हैं। मोहम्मद अशरफ़ बताते हैं कि उनके घर में 20 लोग हैं और सब दो कमरों के किराए के मकान में रहते हैं वे चाहते हैं कि सरकार की तरफ़ से एक घर की व्यवस्था करी जाए और उनके पिता को हर महीने भत्ता मिले और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधर सके।