Home UP2017 मुज़फ्फरनगर में मुस्लिमों ने संगठित वोटिंग के लिए कमर कसी

मुज़फ्फरनगर में मुस्लिमों ने संगठित वोटिंग के लिए कमर कसी

आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net

मुज़फ्फरनगर: वोट की कीमत को पहचानते हुए मुज़फ्फरनगर के चर्चित इलाके खालापार के मुसलमान यहां की एक संस्था पैग़ाम-ए-इंसानियत की दावत पर एकजुट हुए और वजह थी ‘पूर्ण मतदान’. मीटिंग में मुस्लिम चिकित्सक, वकीलों, विद्वानों, बुद्धिजीवियों ने भाग लेकर मुजफ्फरनगर जिले के मुसलमानों को एक होकर अपने वोट को ऐसी जगह इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया जो धर्मनिरपेक्ष आवाज़ बनकर सदन तक जनता की बात पहुंचा सके. कार्यक्रम की अध्यक्षता रियाज अहमद (पूर्व बीडीओ) और संचालन सेक्युलर फ्रंट के संयोजक गौहर सिद्दीकी ने किया.

इस अवसर पर पैग़ाम-ए-इंसानियत संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष आसिफ राही ने कहा कि इस समय भारत की स्थिति बेहद संवेदनशील है, साम्प्रदायिक ताक़तें देश की एकता व अखण्डता के खिलाफ़ षड्यंत्र में व्यस्त हैं, उन्होंने अफ़सोस जताते हुए कहा कि मुस्लिम इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं का वोट प्रतिशत काफ़ी कम रहता है, जिस कारण हम लोग इस जागरूकता में सबसे पीछे की पंक्ति में नज़र आते हैं. उन्होंने कहा कि ये याद रखें कि जो समाज मतदान से दूर रहता है, देश के विकास में उसकी कोई भागेदारी नहीं होती. हम लोगों को आज ये शपथ लेनी होगी कि हम सब मिलकर आपसी कलह को दरकिनार करते हुए एक होकर मज़बूती के साथ देश की एकता के लिए मतदान करेंगे.

अमीर आज़म खां एडवोकेट व सुल्तान मुशीर एडवोकेट ने कहा कि टीमें बनाकर मुस्लिम मुहल्लों में घर-घर मतदाता पर्चियां पहुंचाने की जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि नौजवानों को यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए चुनाव के दिन मतदाताओं को घर से निकाल कर पोलिंग बूथ तक पहुंचाना होगा. जमीअत-उलेमा के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना जमालुद्दीन कासमी व मुस्लिम वायस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हाजी अजमलउर्रहमान एडवोकेट ने कहा कि सरकारों का रवैया मुसलमानों के संबंध में संतोषजनक नहीं है, पिछले आम चुनावों में मुसलमानों का वोट प्रतिशत बेहद कम रहा, जो बेहद अफ़सोसनाक है.

जमीअत उलेमा मुज़फ़्फ़रनगर के सचिव मौलाना मूसा कासमी ने कहा कि सांप्रदायिक ताक़तों द्वारा मुजफ्फरनगर में एक बार फिर चुनाव के मद्देनज़र माहौल को खराब करने की कोशिशें हो सकती हैं, हम सभी को मिलकर बड़ी सावधानी से काम लेने की सख्त ज़रूरत है. हम इसका जवाब अपने मतदान के द्वारा ही देंगे.

मोहम्मद अहमद खां ने कहा कि बीएलओ से मिलकर पर्चियां घर-घर पहुंचाना ज़रूरी है तो मोहम्मद इस्लाम एडवोकेट ने कहा कि ये हमारे लिए शर्म की बात है कि पिछले चुनावों में कुछ बूथ ऐसे थे, जहां मुस्लिमों का पोलिंग प्रतिशत 25 प्रतिशत से भी कम रहा है.

मोहम्मद इकराम ने कहा कि हमें टीम गठित करके एक व्यक्ति को कम से कम 30 घरों की ज़िम्मेदारी देनी होगी. मोहम्मद तारिक़ कुरैशी ने कहा कि हमें एक होकर मतदान करने की आवश्यकता है.

राजू ज़ैदी ने अपने इलाक़े में 10-10 लोगों की टीम बनाकर मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने की ज़िम्मेदारी ली. वहीं महबूब आलम एडवोकेट ने सब लोगों को मीटिंग में तय किये गये एजेण्डे पर चलने की सलाह दी तो क़मरूज़्ज़मा एडवोकेट ने महिलाओं को मतदान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. नज़र ख़ाँ ने कहा कि ये चुनाव हमारा आने वाला भविष्य तय करेगा, वहीं आमिर अंसारी ने लोगों को कहा कि हमें आंखें खोलकर मतदान करने की ज़रूरत है.

असद फ़ारूक़ी ने कहा कि कुछ पोलिंग बूथ पर मतदान का प्रतिशत कम होने का एक कारण ये भी है कि मतदान स्थल से वोटर का मकान काफ़ी दूरी पर है जिसे सही कराने की आवश्यकता है.

सभी लोगों ने मिलकर यह तय किया कि मतदान की तारीख़ से पहले-पहले सभी लोग मिलकर अपने-अपने इलाक़ों में मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से नईम अहमद, शहजाद कुरैशी, मास्टर खुर्शीद, दिलशाद पहलवान, काज़ी दीन मौहम्मद, अमीर आज़म (कल्लू), डा. इरशाद अली सम्राट, ज़मीर अहमद होटल वाले, आलम गीर, मासूम त्यागी, फरहान खान, बदरूज़्ज़मां खान, असद सिद्दीक़ी, डा. शौक़ीन मिर्जा, शमीम अहमद कसार, डा. साजिद अल्वी, वसीम अहमद, मुज़फ़्फ़र अहमद, शाहनवाज़ ख़ान, डा. राशिद ख़ान, फैज़ान अंसारी, नौशाद कुरैशी (सभासद), तहसीन क़मर, हसन ज़ैदी, शुजाउर्रहमान, ज़ियाउर्रहमान, मो. शाहनवाज़ त्यागी, महबूब अनवर, शहज़ाद राही, मोहम्मद इरशाद (किदवई नगर), मो. शाहरूख़, मो. नवाब, मो. शमी ख़ान, सलीम कस्सार, मो. मुनीर, मो. साक़िब, मो. आतिफ़ सिद्दीकी, मो. मुस्लिम, मो. कलीम अहमद, शाह आलम, शाहबाज़ अहमद, इरशाद अहमद, मो. साजिद अलवी, डा. तौसीफ़ अहमद आदि मौजूद रहे.