‘बीफ़ के मुद्दे पर धार्मिक ध्रुवीकरण करके ब्राह्मणवादी सरकार मूलनिवासी बहुजनों को आपस में लड़ा रही है’ —डॉ. मनीषा बांगर

TwoCircles.net Staff Reporter

नई दिल्ली : बामसेफ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मनीषा बांगर ने देश की मौजूदा स्थिति को लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक बताया है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा व नियत पर सवाल खड़ा किया है.


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TwoCircles.net के साथ बातचीत में उन्होंने बताया कि देश की स्थिति काफ़ी शर्मनाक है. एक आतंक मचाता है. दूसरा मारता है. तीसरा अपील करता है तो चौथा रोता है. ये सब संघ परिवार व भाजपा का नाटक है और इस नाटक को इस देश के अनुसूचित जाति व जनजाति और अल्पसंख्यक तबक़े के लोग बख़ूबी समझ चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उनकी सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए डॉ. मनीषा बांगर कहती हैं, रोहिथ वेमुला मरता है तो ये लोग उसे अपना बेटा बताते हैं. लेकिन इनकी पुलिस व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करती है. उल्टे ये लोग अपना आतंक क़ायम करते हैं. गुजरात के ऊना में कुछ होता है तो ये कहते हैं कि मुझे मारो, दलितों को मत मारो. लेकिन इसके बावजूद यही घटना पूरे देश में चल रही है. सहारनपुर में इन्हीं लोगों ने दलितों को पीटने के लिए छोड़ दिया और बाद में योगी की पुलिस ने कार्रवाई भी पीटने वाले दलितों पर ही की. और अब मुसमलानों के ऊपर गोरक्षकों के आतंक पर मोदी ने लंबी चुप्पी के बाद अपना मुंह खोला है, लेकिन बावजूद इसके इनके खुद के गो-आतंकियों पर कोई असर नहीं हुआ.

वो आगे कहती हैं कि, पीएम मोदी को अपील नहीं करनी चाहिए. उनके हाथ में तो सत्ता है. सच पूछे तो उनकी नियत साफ़ नहीं है. अगर उनकी नियत साफ़ हो तो एक दिन में क्या, आधे दिन में सारी व्यवस्था ठीक हो जाए. सारे तथाकथित गोरक्षक अपनी औकात में आ जाएंगे.

डॉ. मनीषा बांगर बताती हैं कि, इस देश में अनुसूचित जाति व जनजाति और अल्पसंख्यक तबक़ा यानी मूलनिवासी लोगों को किसी न किसी तरह से उनके अपने संवैधानिक अधिकारों से दूर रखने तथा इनकी आवाज़ दबाने के लिए इस तरह के हिंसक रास्ते अपनाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ़ मीडिया भी इस हिंसा को हिन्दू बनाम मुसलमान बनाकर पेश कर रही है. दरअसल मीडिया इसे धार्मिक ध्रुवाकरण बताकर मूल निवासियों के मूल अधिकारों व समस्याओं को दबाने की कोशिश कर रही है.

वो आगे बताती हैं कि, ये सरकार इस देश में ब्राह्मणवाद क़ायम कर रही है. सच पूछे तो ब्राह्मणवाद की बुनियाद ही हिंसा पर आधारित है. ये आतंक व हिंसा फैलाए बिना सत्ता पर राज करने में कामयाब नहीं हो सकता.        

डॉ. मनीषा बांगर कहती हैं कि, बीफ़ और अन्य मुद्दों पर धार्मिक ध्रुवीकरण करके ब्राह्मणवादी सरकार मूलनिवासी बहुजनों को आपस मे लड़ा रही है. आरएसएस व भाजपा के हिंसक रणनीति का शिकार ओबीसी, एससी, एसटी और इनसे धर्म-परिवर्तित लोग हो रहे हैं. यह स्थिति लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है. बहुजनों को धार्मिक धुर्वीकरण को रोकने के लिए संगठित होकर इनके मंसूबो को परास्त करना होगा.

बताते चलें कि रविवार को मूलनिवासी संघ की ओर से क़रीब 15 लोगों की टीम के साथ डॉ. मनीषा बांगर बल्लभगढ़ ज़िले के खंदौली गांव में जुनैद के परिवार से मिलने एवं घटना की जानकारी लेने के लिए पहुंची थी. यहां घंटों जुनैद के परिवार के साथ बातचीत की और उनकी मां को दिलासा दिलाया. 

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