बिहार में डेहरी के लोगों ने पेश की मिसाल, नहीं निकालेंगे इस बार मुहर्रम का ताजिया व जुलूस

फ़हमिना हुसैन, TwoCircles.net


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डेहरी ऑन सोन (बिहार) : बिहार के डेहरी ऑन सोन यानी डालमिया नगर, रोहतास के लोगों ने एक ख़ास मिसाल पेश की है. शहर में किसी तरह का अशांति न हो, सामाजिक व साम्प्रदायिक सद्भाव और आपसी सौहार्द बरक़रार रहे, इसलिए यहां के ‘मुहर्रम कमिटी’ ने फ़ैसला लिया है कि आज मुहर्रम का ताजिया व जुलूस नहीं निकालेंगे. इस फ़ैसले के साथ ही शहर में लगाए गए मुहर्रम के झंडे व बैनर उतार लिए गए हैं.

इस फ़ैसले से शहर के कई लोग खुश हैं तो वहीं नाराज़ लोगों की संख्या भी कम नहीं है. ये नाराज़गी ’मुहर्रम कमिटी’ द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को लिखे पत्र में भी साफ़ झलकता है. इस पत्र में कहा लिखा गया है कि, आपके कार्यालय में हुई बैठक में नगर पूजा समिति को ये ज़िम्मेदारी दी गई थी कि ताजिया एवं आखाड़ा लाने वाले रास्ते को खाली कराया जाएगा, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी चिन्हित किए गए रास्ते को खाली नहीं कराया जा सका है. ऐसी परिस्थिति में मुहर्रम कमिटी, डेहरी के तमाम लाईसेंसदारों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि हमारे शहर में किसी तरह का अशांति न हो और आपसी सौहार्द क़ायम रहे, इसलिए हमलोग अपना त्योहार अपने-अपने मुहल्ले में ही मनाने का फैसला लिया है.

हालांकि इस पत्र में यह लिखा है कि, प्रशासन व पुलिस का भरपूर सहयोग नहीं मिलने का हम लोगों को खेद है.

इस मुहर्रम कमिटी के सचिव वारिस अली बताते हैं कि, कमिटी ने पहले ही प्रशासन को एक पत्र के ज़रिए आखाड़े के रास्ते में आने वाले रूकावटों को चिन्हित करके बता दिया था. उसके बाद इस संबंध में एक मीटिंग भी आयोजित की गई, जिसमें नगर पूजा समिति के पदाधिकारी भी शामिल हुए. प्रशासन की ओर से उन्हें ये ज़िम्मेदारी दी गई कि ताजिया ले जाने वाले रास्ते को खाली कराए. लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.

वो आगे बताते हैं कि, सच तो यह है कि पिछले सात दिनों से स्थानीय प्रशासन मुहर्रम के आखाड़ों का लाईंसेंस देने में आनाकानी कर रही थी. लगातार मीटिंगों में दुर्गा पूजा कमिटी और मुहर्रम कमिटी और दोनों समुदाय के लोग शामिल होते रहें. लेकिन जहां दुर्गा पूजा पंडाल का लाइसेंस मिला, वहीं मुहर्रम में ताजिया निकालने का लाइसेंस जारी नहीं किया गया. शायद प्रशासन की मंशा सही नहीं थी.

हालांकि मुसलमानों ने अपनी समझदारी का परिचय दिया और फ़ैसला लिया है कि मुहर्रम का ताजिया व आखाड़ा इस बार नहीं निकलेगा. बावजूद इसके कुछ असामाजिक तत्व साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. लोगों में अफ़वाह फैलाई जा रही है कि देखो, हमने इनका त्योहार सेलिब्रेट करने नहीं दिया.

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