आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मेरठ : भारत बंद आह्वान के बाद मेरठ में हुई हिंसा, मेयर पति योगेश वर्मा की गिरफ़्तारी और युवा नेता गोपी पेरिया की हत्या के बाद मेरठ के दलित ख़ासे तनाव में हैं.
सबसे ज़्यादा तनाव शोभापुर गांव में है. यहां जातीय हिंसा का ख़तरा पैदा हो गया है. इस बीच अब शोभापुर के दलितों ने धर्म परिवर्तन की चेतावनी भी दी है.
भारी संख्या में यहां पुलिस बल तैनात किया गया है. भारत बंद की अगुवाई करने वाले युवा दलित नेता गोपी पेरिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस हत्या को भारत बंद की प्रतिक्रिया समझा जा रहा था और इस एक हत्या के बाद से यहां अत्याधिक तनाव है. अब यहां से अधिकतर दलित नौजवानों ने पलायन कर लिया है.
गांव के दलितों का दावा है कि भारत बंद के बाद बदला लेने की नीयत से यहां के 83 दलित नौजवानों की लिस्ट बनाई गई, जिनको मज़ा चखाने की धमकी गांव के एक दबंग जाति के लोगों ने दी. इसके बाद युवा बसपा नेता गोपी पेरिया को गोली मारकर हत्या कर दी गई.
गोपी भारत बंद के दौरान काफ़ी सक्रिय थे और दलितों के नौजवानों के एक समूह का नेतृत्व कर रहे थे. उनके शरीर में पोस्टमार्टम के दौरान 6 गोलियां लगी पाई गई. 3 गोली तो पोस्टमार्टम में भी नहीं निकली. इसके लिए एक्स-रे किया गया.
गोपी के भाई प्रशांत (24) का कहना है, ‘हमारे साथ अत्याचार की परकाष्ठा हो रही है. मेरा भाई के क़ातिलों के प्रति पुलिस की सहानभूति है. उन्हें पिस्टल की गोली लगी और पुलिस ने तमंचा बरामद किया.’ बता दें कि गोपी के पिता ताराचंद यहां से पार्षद का चुनाव लड़ चुके हैं.
गोपी की हत्या के आरोप में 2 युवक मनोज (34) और कपिल (39) को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इसके बाद भी यहां माहौल शांत होता नहीं दिख रहा है. ख़ास बात यह है कि 2 अप्रैल को हुए विवाद में मर्तक गोपी के पिता ताराचंद (56) माता शिक्षा देवी (52) और भाई प्रशांत को भी बवाल का आरोपी बनाया गया है.
ताराचंद कहते हैं कि, हमारे एक बेटे की जान ले ली गई और दूसरे को अब अपराधी बनाया जा रहा है. मेरी पत्नी और मेरे ख़िलाफ़ भी मुक़दमा है. पूरे गांव के दलितों को तबाह व बर्बाद कर दिया गया है. हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. समाज के लोग धर्म बदलने बात कह रहे हैं. हम सबके लिए धर्म बदलना ही सही है. कम से कम उस समाज के लोग तो हमारे साथ खड़े होंगे.
बता दें कि शोभापुर में आरएएफ़ और बड़ी संख्या में पीएसी तैनात की गई है. यहां दलितों और एक दबंग जाति के लोगों में पनप रहे गहरे आक्रोश की ख़ुफिया रिपोर्ट मेरठ की पुलिस कप्तान मंज़िल सैनी को मिली है.
मंज़िल सैनी कहती हैं कि, किसी भी प्रकार के षंड्यंत्र को नाकाम कर दिया जाएगा और कोई भी अशांति नहीं फैला पाएगा. स्थिति पर हमारा पूरा नियंत्रण है.
ग़ौरतलब रहे कि भारत बंद बवाल के बाद से अब तक हापुड़, मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर से सैकड़ों दलित नौजवान गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इससे दलित समाज अत्याधिक तनाव में है. लेकिन नाजायज़ सताने के इस आरोप पर एडीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी गिरफ्तारियां वीडियो और फ़ोटो के आधार पर हो रही हैं. किसी निर्दोष का उत्पीड़न नहीं हो रहा है.