बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के बेहटा गांव में कथित तौर पर गोमांस की शिकायत मिलने के बाद हुए बवाल के बाद अब अल्पसंख्यको के कुछ परिवारों ने वहां से पलायन कर दिया है.अल्पसंख्यको के 20-25 घरों पर ताले लटक गए है.गौकशी का आरोपी परिवार पहले ही घर छोड़कर जा चुका है.पुलिस का कहना है कि सिर्फ वही लोग गांव छोडक़र गए हैं.जिन्हें गौकशी के अपराध की जानकारी थी.
फिलहाल गांव में पीएसी तैनात की गई है.गलियों में सन्नाटा है।गांव में दहशत का माहौल है.मंगलवार को यहां एक परिवार द्वारा गौकशी की सूचना के बाद अल्पसंख्यक समाज के लोगो पर भी हमला कर दिया गया था.इस दौरान एक मदरसे में भी आग लगा दी गई थी.अपनी जान पर खेलकर एक पुलिस अफसर अभिषेक तिवारी ने पाकीज़ा किताबें जलने से बचाई थी.अब ख़ौफ़ज़दा अल्पसंख्यको ने अब गांव छोड़ने का फैसला किया है।दो दर्जन से ज्यादा घरों में ताले लटक गए हैं.
गौरतलब है कि सोमवार को जोनिहा चौकी को गांव में गौकशी होने की सूचना दी गई थी.जिसके बाद सीओ अभिषेक तिवारी कई थानों की फोर्स लेकर पहुंचे थे. मौके पर भीड़ जमा हो गई मगर पुलिस के कार्रवाई करने के तरीके से संतुष्ट होकर लौट गई.
अगले दिन (मंगलवार)सैकड़ो की भीड़ ने सुबह गांव के एकमात्र मदरसे पर हमला कर दिया.अल्पसंख्यको को पीटा गया और मदरसे में आग लगा दी गई.बवालियों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस असहाय नज़र आई.
फ़तेहपुर के एसपी रमेश अब कह रहे हैं कि बवाल करने वालों से पुलिस सख्त तरीके से निपटेगी अब तक 60 अज्ञात बवालियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है.डीएम और एसपी ने गांव में कैम्प किया हुआ है।पुलिस वीडियो साक्ष्यो के आधार पर इनकी पहचान कर रही है.
3 हजार की आबादी वाले इस गांव में दोनों समुदायों की बराबर आबादी है.सोमवार को जगतपाल पासवान ने गांव के अल्ताफ और मुश्ताक पर गौकशी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अल्ताफ और मुश्ताक के विरुद्ध तीस साल पहले भी एक गौकशी का मुकदमा दर्ज हुआ था.इसमे मुश्ताक के पिता मन्नू शाह को नामज़द किया गया था.तब भी भारी बवाल हुआ था और राजनीतिक षड्यंत्र की बात सामने आई थी.
घटना की तह में जाने पर पता चलता है कि इसी मुश्ताक के घर के पीछे जानवर की खाल और अवशेष बरामद हुआ जिसे पुलिस ने पास के ही एक तालाब में दफन करा दिया।जिस समय यह भीड़ तालाब के पास मौजूद थी एक दूसरे समूह ने मदरसे पर हमला कर दिया.गांव वालों के मुताबिक यह सब बाहरी लोग थे.कहा गया की गोमांस मदरसे के अंदर भी है. हालत इतने खराब हो गए कि डीएम और एसपी को गांव में ही कैम्प करना पड़ गया.
एडीजीपी एसएन सावंत के मुताबिक फिलहाल स्थानीय कोतवाल और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.मदरसे में आग लगाने के साथ ही एक मस्जिद में भी तोड़फोड़ की गई
गांव में दहशत का मामला यह है कि कोई भी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नही है.बवाल बजरंग दल प्रान्त संयोजक आचार्य अजित राज और भाजपा नेता बलराम सिंह चौहान की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है.
खास बात यह है कि मदरसे पर हमला करने वाले बवालियों से अधिक रुचि अब प्रशासन मदरसे को अवैध घोषित करने में ले रहा है.स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मदरसा और मस्जिद ही यहां हिन्दू संगठनों की आंख में खटक रहा था.
मदरसे के पीछे तालाब है फिलहाल मदरसे की जमीन की जांच कराने की बात डीएम ने कही है.मदरसा शिक्षा विभाग में रजिस्टर्ड नही है.मदरसे के प्रबंधक राशीद कुरेशी से हमने संपर्क करने की कोशिश की मगर बात नही हो पाई.मदरसा गांव में 20 साल पुराना है.
हालांकि स्थानीय लोग इसे निश्चित तौर पर एक योजना का हिस्सा बता रहे हैं.समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता नौशाद राइन के मुताबिक बेहटा के ज्यादातर लोग खाड़ी में नौकरी करते हैं.इसलिए इस इलाके में पिछले कुछ समय से मुसलमानों में सम्पन्नता दिखाई देती है.हाल ही में मस्जिद में एसी लगवाएं गए थे जिन्हें तोड़ दिया गया है.कुछ हिन्दू संगठनों के लोगो की आंखों में यह खटक रहा है.
गांव वालों के मुताबिक बुलंदशहर की तरह बेहटा गांव में भी बजरंग दल की भूमिका सामने आई है।बजरंग दल के प्रांत संयोजक आचार्य अजित राज मदरसे पर हमले कर रही भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे.
गांव के प्रधान पुत्र सोनू द्विवेदी ने बताया कि गांव में 22 साल बाद गौकशी को शिकायत आई है.लोग यहां मिलजुलकर रहते हैं.यहां मामले का समाधान हो गया था.एक दिन बाद मंगलवार को एक और सूचना आई कि तालाब में अवशेष है और उसके बाद लोग जमा हुए तभी बाहरी लोगो ने मदरसे पर हमला कर दिया.
बिंदकी सीओ अभिषेक तिवारी अल्पसंख्यको में किसी भी तरह के भय से इंकार करते हैं वो कहते हैं गांव में अब शांति है और वहां नमाज़ हो रही है.60 लोगो के खिलाफ मुक़दमा अज्ञात में दर्ज हुआ है।हम दोषियों को चिन्हित करने की कोशिश कर रहे हैं.