दस्तकारों, शिल्पकारों के आर्थिक सशक्तिकरण का  “मेगा मिशन” साबित रहे हैं “हुनर हाट”: नक़वी 

इंदौर। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने किया है कि उनके मंत्रालय की तरफ़ से देश भर में आयोजित किये जा रहे “हुनर हाट”, जरूरतमंद दस्तकारों, शिल्पकारों के आर्थिक सशक्तिकरण का “मेगा मिशन” साबित हुए हैं। लक्ष्मी ने इंदौर में 8 से 16 फरवरी तक चलने वाले “हुनर हाट” के उद्घाटन के मौके पर यह दावा किया। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने संयुक्त रूप से इस मेले का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि भारत विभिन्नता वाला देश है जहाँ अलग-अलग कला, संस्कृति, भाषा, वेशभूषा है। यही हिंदुस्तान की पहचान है। देश के हर कोने में हुनर है। राज्यपाल लालजी टंडन ने नक़वी को व्यापक स्तर पर “हुनर हाट” के माध्यम से दस्तकारों, शिल्पकारों को रोज़गार के अवसर मुहैया कराने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि नक़वी के नेतृत्व में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के देश की विरासत को मौक़ा-मार्किट मुहैया कराने के “ड्रीम प्रोजेक्ट” को मज़बूत कर रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश के कोने-कोने के हुनरमंदों की शानदार विरासत का संरक्षण करने एवं उन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मार्किट उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक काम कर रहा है।


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इस अवसर पर नक़वी ने कहा कि स्वदेशी क्राफ्ट, क्यूज़ीन और कल्चर और दस्तकारों, शिल्पकारों के आर्थिक सशक्तिकरण  के “मेगा मिशन”, “हुनर हाट” की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले लगभग 3 वर्षों में “हुनर हाट” के माध्यम से लगभग 3 लाख दस्तकारों, शिल्पकारों, खानसामों को रोज़गार और रोज़गार के मौक़े उपलब्ध कराये गए हैं। इनमे बड़ी संख्या में देश भर की महिला दस्तकार भी शामिल हैं। आने वाले लगभग 5 वर्षों में लगभग 100 “हुनर हाट” आयोजित किये जायेंगे। इनके माध्यम से लाखों “हुनर के उस्ताद” दस्तकारों, शिल्पकारों को रोज़गार और रोज़गार के अवसर मुहैया कराये जायेंगे।

नक़वीं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ना केवल दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार दे रही है बल्कि भारत की विलुप्त हो रही दस्तकारी-शिल्पकारी की विरासत का विकास भी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में 100 “हुनर हब” स्वीकृत किये हैं। इन “हुनर हब” में दस्तकारों, शिल्पकारों, पारम्परिक ख़ानसामों को वर्तमान ज़रूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग दी जा रही है। उनके हुनर को और निखारा जा रहा है और उनके स्वदेशी उत्पादों को राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट मुहैया कराया जा रहा है।

नक़वी ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख स्थानों पर आयोजित होने के कारण “हुनर हाट” में दस्तकारों, शिल्पकारों के हस्तनिर्मित दुर्लभ स्वदेशी उत्पाद, अन्य कलाकृतियों की जबरदस्त बिक्री हो रही है। यहां इन दस्तकारों और शिल्पकारों को देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आर्डर मिल रहे हैं। “हुनर हाट”, दस्तकारों, शिल्पकारों का “एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट एक्सचेंज” बन गया है।

नक़वी ने कहा कि इंदौर में आयोजित किया जा रहा “हुनर हाट” अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित 19वां “हुनर हाट” है। इससे पहले दिल्ली, मुंबई, इलाहाबाद, लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद एवं पुदूचेरी में “हुनर हाट” आयोजित किए जा चुके हैं। अगले “हुनर हाट” का आयोजन इंडिया गेट लॉन, राजपथ, नई दिल्ली में 13 से 23 फरवरी 2020, रांची में 29 फरवरी से 8 मार्च, 2020, चंडीगढ़ में 13 मार्च से 22 मार्च, 2020 तक आयोजित किया जाएगा।

नक़वी ने कहा कि आने वाले दिनों में “हुनर हाट” का आयोजन गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, देहरादून, पटना, भोपाल, नागपुर, रायपुर, पुडुचेर्री, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, भुबनेश्वर, अजमेर आदि में किया जायेगा।

इदौंर में आयोजित “हुनर हाट” में 125 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें देश भर के लगभग 250 दस्तकार, शिल्पकार, ख़ानसामे भाग ले रहे हैं जो अपने देश के कोने-कोने के स्वदेशी हस्तशिल्प और हथकरघा के शानदार स्वदेशी उत्पाद अपने साथ लाये हैं। यहाँ विभिन्न राज्यों के पारंपरिक लज़ीज़ पकवान भी “बावर्चीख़ाने” सेक्शन में अपनी सुगंध बिखेर रहे हैं। इसके अलावा रोज़ाना होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होंगे।

 

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