स्टाफ़ रिपोर्टर । TwoCircles.net
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में एक कट्टर हिंदु संगठन विश्व हिंदू सेना ने एक बेहद हैरतअंगेज कारनामा किया है। इस संगठन ने एक नेपाली नागरिक का जबरन मुंडन किया और इसके बाद उसके सर पर जय श्री राम लिख दिया। ऐसा करने वाले संगठन के अध्यक्ष अरुण पाठक का कहना है कि उन्होंने ऐसा नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयान से रुष्ट होकर किया है जिसमे उन्होंने श्रीराम का अपमान किया था।
पिछले दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ने कहा था कि राम का जन्म नेपाल में हुआ था और असली अयोध्या भी नेपाल में है। उनके इस बयान के बाद भारत में हिन्दू संगठनों में उबाल आ गया है। नेपाल पिछले कुछ समय से भारत को आंख दिखा रहा है।समझा जा रहा है कि ऐसा वो चीन के इशारे पर कर रहा है।
वाराणसी से नेपाल की दूरी 360 किमी है। बनारस में नेपालियों की आवाजाही काफ़ी है। इस घटना से पहले बनारस में पशुपतिनाथ मंदिर के बाहर इसी संगठन के लोगो ने एक पोस्टर लगाया था जिसमे चेतावनी दी गई थी कि नेपाल के पीएम अगर अपने बयान पर माफी नही मांगते हैं तो उनके नागरिकों को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
इसके बाद घाट किनारे जा रहे एक नेपाली नागरिक गुरुवार को नेपाली नागरिक का मुंडन कर उसके सिर पर जय श्री राम लिखकर उससे नारे लगवाएं गए। बाकायदा उसका वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया और ऐसा विश्व हिंदू सेना के संरक्षक अरुण पाठक ने किया।
हालांकि इसके बाद अरुण पाठक और उनके संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हो गया है। यह मुक़दमा भेलूपुर थाने में दर्ज हुआ। इसमे नेपाली समुदाय के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक पोस्टर लगाने, नेपाल के कथित नागरिक का जबरन सर मुड़ाने और फेसबुक पर पोस्ट कर वैमनस्य फैलाने का मुक़दमा दर्ज किया गया है।
यह मुक़दमा दर्ज कराने बनारस के ही आचार्य जितेंद्रनद सरस्वती भी थाने पहुंचे और उन्होंने नेपाली नागरिक का सर मुंडन कर वीडियो बनाकर वैमनस्य फैलाने की विश्व हिंदू सेना के प्रयासों की निंदा की और कहा कि भारत अतिथि देवो भवं का मूलभाव वाला देश है। यह क़दम कदाचित सही नहीं है।
विश्व हिंदू सेना के संरक्षक अरुण पाठक ने हालांकि इस कृत्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं की सराहना की है।अरुण पाठक ने नेपाली नागरिक के मुंडन और नारे बाजी की वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकॉउंट से साझा भी किया है। खुद को बाल ठाकरे का शिष्य और सनातनी कहने वाला इस संगठन का चीफ़ अरुण पाठक को हालांकि आलोचना भी झेलनी पड़ रही है। मगर वो ढीठता से अपने कदम पर अड़ा हुआ है।
बनारस के सचिन चौहान के मुताबिक यह घ्रणित कार्य राम भक्त नही कर सकते है। ऐसा करके इस संगठन ने रामभक्तो को बदनाम किया है वो ऐसे कृत्य का विरोध करते हैं।
इससे पहले अरुण पाठक कम्युनिस्ट विचारधारा के लोगो को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित करने के लिए अभियान चला चुका है।वो काफ़ी समय से चीन के ख़िलाफ़ अभियान छेड़े हुआ है। अरुण पाठक के मुताबिक चीन के सह पर नेपाल इतना बडबडा रहा है। अरुण पाठक का संगठन इससे पहले कम्युनिस्ट विचारधारा वाले लोगों को देश छोड़ने की कह पोस्टर लगा चुका है और वो एक अभियान चला रहा है जिसमे कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े लोगों को लगातार धमकाया जा रहा है।
सबसे खास बात यह है कि कुछ न्यूज चैनल पर इस ख़बर को दिखाएं जाने के बाद हटा लिया गया है जबकि स्थानीय अखबारों ने आज इस ख़बर को प्रकाशित किया है। वाराणसी भेलूपुर पुलिस अरुण पाठक की गिरफ्तारी के प्रयास करने की बात कह रही है। अरुण पाठक से संपर्क नही हो पा रहा है। इस मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की गई है। वो विश्व हिंदू सेना का कार्यकर्ता है। उसका नाम संतोष पांडे बताया जा रहा है।