स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net
यूपी सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से बने नेता मुख्तार अंसारी को बेशर्मी के साथ बचा रही है। यूपी सरकार ने उन्हें कई आपराधिक मामलों के मुकदमे का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश नहीं भेजने पर पंजाब सरकार की कठिन आलोचना की।
यूपी सरकार के मुताबिक़ मुख्तार अंसारी पर इलाहाबाद के सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत में दस से ज़्यादा गंभीर मुक़दमे दर्ज हैं, जिसमे हत्या, जबरन वसूली, धोका धडी और गैंगस्टर एक्ट शामिल हैं। इसलिए अंसारी को पंजाब से यूपी ट्रांसफर करने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में यूपी द्वारा अंसारी की हिरासत की याचिका पर सुनवाई जारी है जो वर्तमान में पंजाब के रोपड़ जिले की जेल में जबरन वसूली के मामले में बंद है।
यूपी सरकार ने कहा कि इलाहाबाद की अदालत ने अंसारी को बांदा जेल में बंद करने का निर्देश दिया था, लेकिन जेल के एसएसपी ने मोहाली के एक मजिस्ट्रेट द्वारा निकाले गए वारंट के बाद पंजाब पुलिस को उसकी हिरासत दे दी। यह इलाहाबाद अदालत की अनुमति के बिना किया गया था। एसएसपी को निलंबित कर उसके खिलाफ एक विभागीय जांच का आदेश दिया गया है।
मुख्तार अंसारी के पक्ष से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि अंसारी एक छोटे व्यक्ति है, यूपी सरकार क्यों उसके पीछे पड़ी है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्तार अंसारी छोटा व्यक्ति नहीं है, वह बहुत ताकतवर है और पूरी पंजाब सरकार बेशर्मी के साथ उसे बचा रही है. तो रोहतगी ने जवाब दिया कि अगर मुख्तार अंसारी इतने ही ताकतवर हैं तो क्यों न उनको मुख्यमंत्री बना दिया जाए.
वहीं मुख्तार अंसारी ने अपनी सेहत का हवाले देने के साथ ही साथ कहा है कि यूपी मे उनकी जान को खतरा है। बसपा के विधायक ने बताया कि यूपी सरकार राजनीतिक बदले की भावना से कार्यवाही कर रही है। आगे कहा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वो किसी भी मुकदमें की सुनवाई के लिए तैयार है। अंसारी ने डॉन बृजेश सिंह से अपनी जान को खतरा बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में पंजाब सरकार ने मुख्तार अंसारी की सेहत का ज़िक्र किया है, जिसका 2019 से जेल के और दूसरे अस्पतालों में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों की राय का हवाला देते हुए आगे कहा कि, चिकित्सा विशेषज्ञों कि विशिष्ट सलाह के कारण अंसारी को उत्तर प्रदेश राज्य को नहीं सौंपा जा सकता है। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब सरकार एक गैंगस्टर को बचा रही है और मुख्तार अंसारी जेल में मज़े कर रहा है।
पंजाब सरकार ने अपनी दलील रखी के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उलंघन नहीं किया जा सकता है। मौलिक अधिकार सरकारों के नहीं होते, नागरिकों के होते हैं। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए। पंजाब के वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने व्यक्तिगत आधार पर स्थगन की मांग की है। पीठ ने इसकी अनुमति देते हुए मामले की सुनवाई 2 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया है।