इस बार यूपी के अल्पसंख्यक बजट में 152 करोड़ की कटौती

स्टाफ़ रिपोर्टर। Twocircles.net 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2021-22 के लिये अपना बजट पेश कर दिया है, यह इस सरकार का आखिरी बजट था। वित्त मंत्रालय ने 5,50,270.78 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। पेश किए गए बजट में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 3007.88 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को आवंटित किए गए धन में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, मदरसा आधुनिकीकरण और राज्य के अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रस्तावित करे गए हैं।


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अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को जारी बजट में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना के लिए 829 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित किया गया हैं। अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों में मूलभूत सुविधाओं, स्वास्थ्य , शिक्षा , पेयजल आदि सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के लिए संचालित बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम के लिये भी 588 करोड़ रुपये बजट में प्रस्तावित करे गए हैं।

उत्तर प्रदेश में मदरसों के आधुनिकीकरण योजना के लिए भी 479 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। लगातार कुछ समय से मदरसों के आधुनिकीकरण की मांग भी करी जा रही थी, साथ ही पिछले काफ़ी महीनों से मदरसों के शिक्षकों की तनख्वाह भी रुकीं हुई थी।

मदरसों के लिए आवंटित करे गए बजट से अब एक उम्मीद जागी हैं कि मदरसा शिक्षकों की रुकी तनख्वाह अब मिल जाएगी। राज्य सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना के लिए 2019 में 404 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2020 में 459 करोड़ रुपये और 2021 में 479 करोड़ रुपये कर दिया हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष  अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को आवंटित किए गए धन में कटौती भी करी हैं।  2020 बजट में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 3159.24 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे वहीं इस वर्ष अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को 3007.88 करोड़ रुपए आवंटित हुए , पिछले वर्ष के मुकाबले 152 करोड़ रुपए की कटौती हुई हैं।

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