आकिल हुसैन। Two circles.net
बीते कुछ समय से भारतीय मीडिया पर सवाल खड़े होते आ रहे हैं। देश के तमाम न्यूज़ चैनल अपने अपने स्टूडियो में बैठकर सरकार के प्रवक्ता के तौर पर काम कर रहे हैं। ऐसे में एबीपी न्यूज़ के एक सीनियर पत्रकार रक्षित सिंह ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दे दिया हैं। मेरठ किसान महापंचायत के दौरान रक्षित सिंह ने नौकरी छोड़ने का एलान किया। पत्रकार रक्षित सिंह ने आरोप लगाया है कि एबीपी न्यूज़ उन्हें किसान आंदोलन से संबंधित रिपोर्ट में सच दिखाने और बताने से रोकता रहा हैं।
एबीपी न्यूज़ के सीनियर पत्रकार रक्षित सिंह आज मेरठ के भैसा गांव की किसान महापंचायत कवर करने पहुंचे थे। वहीं मंच से उन्होंने एबीपी न्यूज़ से इस्तीफा देने का एलान किया। रक्षित पिछले सात साल से एबीपी न्यूज में काम कर रहे थे। किसान महापंचायत के दौरान उन्होंने मंच पर चढ़कर अपनी नौकरी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
मंच से संबोधन के दौरान रक्षित ने आरोप लगाते हुए कहा कि,’ मैं पिछले 15 सालों से पत्रकारिता कर रहा हूं और मैंने पत्रकारिता के पेशे को इसलिए चुना था ताकि सच दिखा सकूं लेकिन मुझे सच नहीं दिखाने दिया जा रहा इसलिए मैं ऐसी नौकरी को छोड़ता हूं’।
रक्षित ने मंच से कहा कि उन्होंने हमेशा सच्चाई के साथ कई संस्थानों में काम किया हैं लेकिन एक रुपए का भी आरोप नहीं है मेरे खिलाफ। पत्रकार रक्षित सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें किसान आंदोलन का सच दिखाने से रोका जा रहा है।
रक्षित ने मंच से कहा कि ,’आज की तारीख में मेरा सालाना 12 लाख का पैकेज है। और इसके अलावा मुझे कुछ आता भी नहीं है इसलिए मैं कुछ व्यापार भी नहीं कर सकता घर का अकेला लड़का हूं कहां से घर चलाऊंगा’।
मंच से बताया कि ‘उनके पिता का देहांत हो चुका है, परिवार में सिर्फ वे ही कमाने वाले एक सदस्य हैं। सबकी जिम्मेदारी उनके ऊपर हैं, कहां से पालूंगा सबको। इस सवाल को खुद से पिछले तीन महीनों से पूछ रहा हूं, कि इस बच्चे को क्या खिलाउंगा। क्योंकि मुझे मालूम है ये करने के बाद मेरे एफआईआर दर्ज होगी, मुकदमें दर्ज होंगे’।
मंच से संबोधित करते हुए पत्रकार ने कहा कि जब मेरा बच्चा मुझसे पूछेगा कि बापु जब देश में अघोषित इमरजेंसी लगी थी तब आप कहां थे तो मैं कहूंगा कि सीना ठोक के मैं किसानों के साथ खड़ा था’। उन्होंने कहा कि इस राज में कुछ भी हो सकता हैं, उनका सीना 56 इंची का न सही 5.6 इंची का हैं और वो सीना तान कर खड़े हैं।
मेरठ के मवाना क्षेत्र के भैसा गांव में किसान पंचायत राष्ट्रीय लोकदल की तरफ से बुलाई गई थी जिसमें पूर्व सांसद जयंत चौधरी भी मौजूद थे। रक्षित सिंह ने ट्वीट करते हुए बताया कि उनके ऊपर दबाव बनाया गया था कि आज की किसान पंचायत की समय से पहले की वीडियो बनाकर इसे फ्लाप दिखाया जाए।
(सहयोग -जिब्रान)