साजिश के तहत बिगाड़ा गया त्रिपुरा का माहौल ,जमीयत की रिपोर्ट में किया गया दावा

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

जमीयत उलमा ए हिंद की एक टीम ने त्रिपुरा में हुए हिंसा के बाद वहां पहुंच एक फैक्ट रिपोर्ट तैयार किया है, जिसके अनुसार किसी साजिश के तहत राज्य का माहौल बिगड़ा गया हैं। रिपोर्ट में कई खुलासे मौजूद हैं, जिसमें वहां के डीजीपी के ऊपर ट्वीट के माध्यम से झूट फैलाने का भी आरोप भी लगाया गया है। साथ ही फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपने निरीक्षण और रिपोर्ट के आधार पर सरकारों के समक्ष 5 मांगे रखी हैं। आपको बता दें कि अल्पसंख्यक समुदाय विरोधी हिंसा में कई दुकानें, घर और मस्जिदों के जलने की सूचना है। इसके अलावा बेहद शर्मनाक रैलियों की भी सूचना है जहां अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाते हुए कई आपत्तिजनक नारे लगाएं गए थें।


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ऐसे तो त्रिपुरा हमेशा से शांतिपूर्ण राज्य रहा है जहां कभी भी कोई धार्मिक दंगे की घटना नहीं हुई थी लेकिन कुछ दिनों पहले त्रिपुरा में हिंसा का ऐसा दौर चला की कई लोगों की जिंदगी को बरबाद कर गया। अल्पसंख्यक समुदाय विरोधी हिंसा के बाद से कई तरह की अफवाहें सामने आ रही थीं। एक तरह से आरोप प्रत्यारोपों का दौर चल रहा था, ऐसे में जमीयत उलमा ए हिंद ने खास पहल करते हुए अपनी फैक्ट फाइंडिंग टीम को त्रिपुरा भेजा और फिर जो रिपोर्ट सामने आई वो काफी चौंकाने वाली है।

कुछ दिनों पहले डीजीपी वी. एस. यादव ने अपने ट्विटर के माध्यम से, त्रिपुरा में होने वाली घटनाओं को फेक न्यूज़ बताया था और अपने बयान में यह कहा था की पानी सागर में किसी मस्जिद में आग़जनी नहीं की गई है, लेकिन वहीं जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव, मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी जोकि फैक्ट फाइंडिंग टीम के भी हिस्सा हैं, ने बताया कि उनके पास पानी सागर की तस्वीर हैं जिससे साफ पता चलता है कि मस्जिद पर आगजनी की गई है।

जमीअत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देशों पर जमीअत उलमा ए हिंद की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को घटनास्थल पर भेजा गया था जिसमें मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी के साथ साथ, मौलाना अब्दुल मोमिन, अध्यक्ष जमीयत उलमा त्रिपुरा, मौलाना गय्यूर अहमद क़ासमी और मौलाना यासीन जहाज़ी शामिल हैं।

मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने अगरतला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि जो कुछ भी त्रिपुरा में हुआ वो रूह तक को कंपाने वाला था और वहां के मुसलमान अब तक डरे हुए हैं। जमीयत उलमा ए हिंद के पास मौजूद साक्ष्य के अनुरूप एक फैक्ट रिपोर्ट पूरी तरह तैयार कर भारत सरकार के उच्च अधिकारियों से के समक्ष प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के साथ ही जमीयत उलमा ए हिंद ने अपने निरीक्षण के आधार पर राज्य और केंद्र सरकार के सामने 5 मांगे रखी हैं।

१) त्रिपुरा में आयोजित रैली मे मुस्लिम समुदाय के पैगंबर साहब के बारे में अपतिजनक नारे लगाकर अपमान करने वालों और रैली के आयोजनकर्ताओं पर सख्त कार्यवाही की मांग रखी गई है। जमीयत उलमा ए हिंद के अनुसार इस रैली से देश के मुसलमानों के धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंची है।

२) अपने दूसरे मांग में जमीयत उलमा ए हिंद ने उन सभी संस्थाओं और दलों पर कड़ी कार्रवाई करने के मांग रखिन्हाई जिसने दंगा, आग़जनी और अल्पसंख्यकों पर हमला किया था, ताकि भविष्य में ऐसे किसी घटनाओं पर प्रतिबंध लगे।

३) तीसरी मांग में जमीयत उलमा ए हिंद ने उन सारे दंगा पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की बात की हैं जिन्हें दंगे के प्रभाव में अपनी संपत्तियों से हाथ धोना पड़ा ताकि वो अपने दुकानों और मकानों की पुनर्स्थापना कर सकें।

४) जमीयत उलमा ए हिंद ने अपने चौथे मांग में राज्य के डीजीपी और दंगा प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस प्रशासन को निलंबित करने की बात कही।

५) अपने आखरी मांग में जमीयत उलमा ए हिंद ने वहां के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के जान और माल की सुरक्षा के लिए विशेष दल तैनात करवाने की बात कही।

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