जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net
आज आज़ादी के 74 सालों के बाद भी दलित उत्पीड़न की घटनाएं कम नहीं हो पाई हैं। नया मामला बुलंदशहर जनपद के नरसैना थाना क्षेत्र के गांव ढलना का है। जहां मंगलवार को दलितों की एक बारात पर ऊंची जाति के लोगों ने कथित तौर हमला कर दिया। हमले के दौरान दलितों के लिए जातिसूचक शब्दों और गालियों का इस्तेमाल किया गया, इसके अलावा दलित महिलाओं के साथ छेड़खानी किए जाने की भी रिपोर्ट है। घटना 15 फरवरी की है।
घटना के बाद से ढलना गांव का माहौल काफी बिगड़ गया और दोनो पक्षों की तरफ से हिंसा किए जाने की खबर सामने आई। दोनों पक्षों की तरफ से कई गंभीर धाराओं में एक दूसरे के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए। इधर, बढ़ते विवाद को देख पुलिस ने मोर्चा संभाला और गांव में फिर से शांति बहाल करने की कोशिश की, हालांकि अभी मामले की जांच जारी है।
मंगलवार को दलितों की एक बारात जब ढलना गांव के उच्च जाति के इलाके से गुज़री। तब कथित तौर पर, ठाकुर समाज के लगभग आधा दर्जन लोगों ने बारात में मौजूद दलितों को गालियां दी और उनके ऊपर लाठियां बरसाईं।
हमले से घायल हुए दलित युवक, विनय कुमार की शिकायत के आधार पर 5 ऊपरी जाति के सदस्यों पर एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसमें दंगा और हिंसा करने के भी आरोप भी शामिल है।
विनय कुमार द्वारा दर्ज करवाए गए पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, जब मंगलवार को रौनक नामक व्यक्ति की घुड़चढ़ी लगभग 2 बजे राजपूतों के मुहल्ले से गुज़री तब वहां कुछ ऊपरी जाति के लोग घुड़चढ़ी में मौजूद दलित लड़कियों के साथ छेड़खानी करने लगें।
इस बदसलूकी का जब विनय कुमार ने विरोध जताया तो आरोपियों ने विनय को जातिसूचक शब्दों से संबोधित करते हुए गंदी गालियां दीं। इसके अलावा विनय कुमार की डंडों और सरियों से भी पिटाई कर दी गई। हमला करते दौरान, ऊपरी जाति के लोग लगातार विनय को जान से मारने की बात कहे जा रहे थें।
किसी तरह घुड़चढ़ी में मौजूद लोगों ने हमलावरों से विनय को बचाया। इसी बीच मौका पाकर सारे आरोपी फिरार हो गए। पिटाई में विनय को काफी गंभीर चोटें आई।
विनय कुमार द्वारा दिए तहरीर में नामजद आरोपियों – बिल्लू उर्फ उदयभान, नवीन, गौरव, रिंकू, राहुल के खिलाफ धारा 147, 148, 323, 504, 506, 505(2) व एससी/एसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। हालांकि ऊपरी जाति के पक्ष का दावा इसके विपरित है। उनका कहना है कि दलितों ने ही उनके ऊपर पथराव किया और महाराणा प्रताप के नाम का एक बोर्ड तोड़ दिया था।
दूसरे पक्ष से शिकायत दर्ज करवाने वाले संजीव राणा कहते हैं, “दलितों की एक बारात जब मंगलवार की रात उनकी गली से गुजर रही थी तब महाराणा प्रताप के नाम का एक बोर्ड क्षतिग्रस्त हो गया था।” संजीव राणा के अनुसार उस समय सब शांत थें, लेकिन फिर अगले दिन, बुधवार को लगभग 40 हथियारबंद लोगों ने उनके ऊपर लाठियों से हमला कर दिया और क्षतिग्रस्त बोर्ड को उखाड़ फेंका।
ठाकुर बिरादरी की तरफ से किए गए शिकायत में दलित समाज के 10 लोगों पर, धर्म विशेष को गालियां दे महाराणा प्रताप का बोर्ड उखाड़ने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें, दंगा करने, स्वेच्छा से चोट पहुचाने, शांति भंग करने सहित अन्य अपराध भी शामिल हैं।
जिस बोर्ड को कथित तौर पर दलितों द्वारा उखाड़े जाने के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए हैं, उसे 6 महीने पहले ही करणी सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाया गया था।
एक स्थानीय पत्रकार ऋषिपाल ने TwoCircles.Net से बात करते हुए जानकारी दिया कि, “दोनो पक्षों ने अपनी अपनी ओर से पुलिस में कई लोगों के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करवाई है। पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी हुई है।” ऋषिपाल आगे बताते हैं, “फिलहाल दोनों पक्षों के बीच पुलिस प्रशासन ने सुलह करवाकर माहौल को शांत करवा दिया है।”
मंगलवार की इस घटना के बाद गुरुवार को ठाकुरों ने एक पंचायत बुलाई थी, लेकिन मौके की गंभीरता को परखते हुए पुलिस ने पंचायत होने से रोक दिया। पुलिस ने गांव में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए एक फ्लैग मार्च भी निकाला।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के अनुसार अब ढलना गांव में शांति है। उन्होंने मीडिया को जानकारी दिया कि गांव में एक भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इसके अलावा दोनो तरफ के लोगों को भी निर्देश दिए गए हैं की शांति बनाए रखने में वो पुलिस का सहयोग करें।