स्टाफ रिपोर्टर।Twocircles.net
एटीएस के संस्थापक और शानदार आईपीएस अधिकारी आफताब अहमद खान का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थें। रिपोर्ट्स के अनुसार वह दो हफ्ते पहले कोविड से उबर चुके थे लेकिन शुक्रवार को उनकी तबीयत में फिर से गिरावट आई जिसके बाद उनका निधन हो गया। खान ने अपने करियर के दौरान मुंबई में कई गैंगस्टरों और आतंकवादियों के धूल चटा रखा है।
आफताब खान, 81 वर्ष के थें। अब उनके पीछे परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी रह गई हैं।
उन्होंने शुक्रवार को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दोपहर करीब तीन बजे अपनी अंतिम सांस ली। खान को कुछ दिनों पहले कोविड -19 का संक्रमण हुआ था। जिसके बाद उन्हें उपनगरीय अंधेरी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें बाद में छुट्टी दे दी गई थी। हालांकि, कल दोपहर, उनकी अचानक से तबीयत बिगड़ी और उन्हें फिर से अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें पहले से ही मृत घोषित कर दिया गया।
1963 बैच के आईपीएस अधिकारी आफताब खान को ही एटीएस के संस्थापक के रूप में जाना जाता था, जो देश में इस तरह का पहला आतंकवाद विरोधी संगठन था। 1990 में उन्होंने आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की स्थापना की थी। इसके अलावा आफताब खान को लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में हुए एनकाउंटर की घटना के बाद से बहुत प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी। 1991 में हुए इस एनकाउंटर में माया डोलास और दिलीप बुवा सहित सात गैंगस्टर मारे गए थे। इस मुठभेड़ को टीवी चैनलों पर लाइव दिखाया गया था। उस समय बहुत हंगामा मचा था। खान तब अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पश्चिम क्षेत्र) थे। मशहूर फिल्म ‘शूटआउट एट लोखंडवाला’ भी इसी एनकाउंटर पर आधारित थी। फिल्म में, अभिनेता संजय दत्त ने आफताब खान की भूमिका निभाई थी। खान ने 1995 में महाराष्ट्र पुलिस से इस्तीफा दे दिया था, उस समय वह पुलिस महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत थे।
मुंबई के पूर्व कमिश्नर एमएन सिंह ने मीडिया से कहा, “खान मेरे से दो बैच सीनियर हुआ करते थें। व्यक्तिगत रूप से, वह एक खुशमिजाज व्यक्ति थे और मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त थे, जब काम की बात आती थी, तो वह एक उत्कृष्ट क्षेत्र के व्यक्ति थे जो निर्भीक थे और उनमें दृढ़ विश्वास का साहस था।”
सेवानिवृत्ति के बाद, आफताब खान 1998 में जनता दल पार्टी में शामिल हो गए थें और मुंबई में उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव के लिए खड़े हुए। हालांकि वह असफल रहे और फिर उन्होंने अपनी सिक्योरिटी फर्म की शुरूआत की।
कई मिशनों में आफताब अहमद खान के साथ काम कर चुके पूर्व एसीपी इकबाल शेख ने बताया कि खान साहब बहुत जल्दी गुस्सा जाने वाले व्यक्ति थें। एक समय में बदमाशों और आतंकियों में आफताब खान के नाम का खौफ था। इकबाल ने कहा कि आफताब खान ने हमेशा मोर्चे से नेतृत्व किया, चाहे मिशन कितना भी कठिन क्यों न हो।
मुंबई शहर के रेलवे पुलिस आयुक्त कैसर खालिद ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी दी, उन्होंने लिखा, महान आईपीएस अधिकारी आफताब अहमद खान का आज मुंबई में निधन हो गया। उनका नेतृत्व, सूचना एकत्र करने का तरीका, वीरता, ऐसी अपराध शाखा टीमों का निर्माण करना जो मुंबई और महाराष्ट्र में अंडरवर्ल्ड और आतंकवाद को बढ़ने से रोकने के लिए समर्पित है। उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। आरआईपी सर!”