दो साल बाद हो रहा है हज,मुसलमानो में भारी उत्साह

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

गाजियाबाद के वारिश अहमद अपने अम्मी -अब्बू के साथ हज के रवाना हुए हैं। वारिश अहमद इससे पहले भी एक बार हज के लिए जा चुके हैं मगर वारिश इससे पहले इतने खुश कभी नही रहे हैं। वो बताते हैं कि वो खुशी से कई रात सो नही पाए और मां- बाप के साथ हज पर जाना उनके लिए निहायत ही सुकून देने वाला है। दो साल उन्होंने इस पल का इंतजार किया है। कोरोना की वजह से पिछले 2 साल हज के लिए वो नही जा पाए थे। अब ऐसा लगता है कि वो एक बुरा सपना था।


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दो वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर से दुनिया भर के मुसलमानों के लिए हज पर जाना मुमकिन हो गया है। इस साल का हज अगले महीने, 7 जुलाई से 12 जुलाई तक जारी रहने वाला है। हालांकि सटीक तारीख नए चांद पर निर्भर करेगा। इधर सऊदी अरब का हज और उमराह मंत्रालय, दुनियाभर के देशों के साथ मिलकर आजमीनो को हज पर भेजने की तैयारियां में जुटे हुआ है। फिलहाल भारत से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, केरल इत्यादि से पहला जत्था सऊदी अरब के लिए रवाना हो चुका है।

सऊदी अरब सरकार की तरफ से इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या पहले के मुकाबले बढ़ाकर लगभग दस लाख कर दी गई है। जिसमें से भारत के पास 79,237 आजमीन (तीर्थयात्री) का कोटा प्राप्त हुआ है। इसमें से करीब 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। भारत से सऊदी अरब जाने के लिए कुल 56,601 व्यक्तियों ने हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिए तो वहीं 22,636 व्यक्तियों ने विभिन्न हज ग्रुप ऑर्गनाइजर्स के जरिए सफर करने का विकल्प चुना है।

जो आजमीन हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिए सफर करने वाले हैं उनके लिए 10 आरोहण स्थल निर्धारित किए गए हैं। जिसमें अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोचीन, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और श्रीनगर शामिल हैं।

भारत के राज्यों से आजमीनों की संख्या देखी जाए तो इस बार उत्तर प्रदेश से कुल 8,701 आजमीन हैं, पश्चिम बंगाल (5,911), जम्मू और कश्मीर (5,281), केरल (5,274), महाराष्ट्र (4,874), असम (3,544), कर्नाटक (2,764), गुजरात (2,533) हैं। बिहार (2,210), राजस्थान (2,072), तेलंगाना (1,822), मध्य प्रदेश (1,780), झारखंड (1,559), तमिलनाडु (1,498), और आंध्र प्रदेश से 1,201 आजमीन।

इसके अलावा, दिल्ली (835), हरियाणा (617), उत्तराखंड (485), ओडिशा (466), छत्तीसगढ़ (431), मणिपुर (335), पंजाब (218), लद्दाख (216), लक्षद्वीप द्वीप समूह से 159 हज यात्री होंगे, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (114), त्रिपुरा (108), गोवा (67), पुडुचेरी (52), हिमाचल प्रदेश (38), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (34), और चंडीगढ़ 25 यात्रियों को चयनित किया गया है।

भारतीय हज समिति (एचसीआई) ने हज के लिए बीते 9 अप्रैल 2022 को ही ऑनलाइन आवेदन पत्र जारी कर दिया था। जिसके बाद, 4 जून से हज के लिए उड़ाने शुरू हो गई।

बता दें कि इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए कई सारी सरकारी पॉलिसी में उलट फेर किया गया है। जिसमें औरतों का मेहरम (खास पुरुष रिश्तेदार) के बिना हज पर जाना और हज के लिए सब्सिडी का हटाए जाना शामिल है। साथ ही, इस वर्ष भारत से हज पर जाने की प्रक्रिया के खर्चे में भी लगभग 1 लाख का इजाफा हुआ है।

पिछली बार जब 2019 में भारत से हज यात्री गए थे तब इस समय अजीजिया श्रेणी के लिए 2.36 लाख रुपये और ग्रीन श्रेणी के लिए एक भारतीय यात्री को लगभग 2.82 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ गए थे, लेकिन इस वर्ष 2022 में सरकार की तरफ से भेजे जाने वाले एक यात्री को 3.35 लाख से 4.07 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे।
इसके अलावा प्राइवेट ऑपरेटर्स की मदद से भेजे जाने वाले को 6 लाख तक खर्च करने पड़ रहे हैं।

दिल्ली राज्य से हज पर जाने का कुल खर्चा 3,88,800 लाख रुपए आ रहा है, इसमें किश्तों के रूप में 2,01000 रु. जमा करा चुके व्यक्तियों को तीसरी किश्त के 1,87,800 रु. बाकी जमा कराने होंगे। 31 मई से पहले तक अंतिम किश्त का जमा कराने को कहा गया है। इसके अलावा जिन आजमीनों ने कुर्बानी का ऑप्शन चुना है, उन्हें अतिरिक्त 16,747 रुपए और देंगे होंगे।

भारत सरकार ने सऊदी अरब सरकार के साथ मिलकर हज यात्रा के लिए कई आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। इस वर्ष, भारतीय हज यात्रियों की सहायता के लिए सऊदी अरब में कुल 357 हज कॉर्डिनेटर, असिस्टेंट हज ऑफिसर, हज असिस्टेंट, डॉक्टर और पैरामेडिक्स तैनात किए जाएंगे।

कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए इस बार, 65 वर्ष से ज़्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को हज में जाने से रोका गया है। इसके अलावा सऊदी अरब द्वारा स्वीकृत टीकों की मूल खुराक प्राप्त किए लोग ही वहां प्रवेश करने के योग्य रहने वाले हैं। साथ ही, अरब में प्रस्थान करने से 48 घंटे पहले यात्रियों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। यात्रा के लिए दो बैगेज केंद्रीय हज कमेटी की ओर से घर पर भेजे जा रहे हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया है कि हज यात्रियों का चयन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तय किए गए कॉविड टीकाकरण प्रोटोकॉल और अन्य मानदंडों के अनुसार किया गया है।

फिलहाल सऊदी अरब में, मस्जिदों और अन्य क्षेत्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखना अब ज़रूरी नहीं रहा है। न ही बाहर में मास्क पहनना अनिवार्य है, हालांकि मस्जिदों और अन्य अंदरूनी सुविधाओं के परिसर में मास्क पहने जाने को आवश्यक बनाया गया है। दो वर्षों से लगे हुए खास रोक के बाद इस बार मुसलमानों को मक्का की बड़ी मस्जिद और उसके साथ ही साथ मदीना में पैगंबर की मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए कोई पहले से अपॉइंटमेंट लेने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, उन्हें अभी भी ऑनलाइन ऐप “अबशेर” के माध्यम से हज परमिट प्राप्त करने की ज़रूरत होगी।

हज यात्रा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सऊदी अरब के अधिकारियों ने बताया है कि सिर्फ हज और उमराह परमिट वाले लोगों को ही मक्का में प्रवेश करने की अनुमति है; जिसका अर्थ है कि सभी घूमने आए लोगों, प्रवासी निवासियों और सऊदी के नागरिकों को बिना परमिट के शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। प्रतिबंध इस साल के हज सीजन के अंत तक प्रभावी रहेगा। हालांकि प्रवासी मक्का के प्रवेश स्थानों पर मौजूद सुरक्षा नियंत्रण केंद्रों से परमिट प्राप्त कर सकते हैं। यह सेवा घरेलू कामगारों के लिए परमिट के तहत ‘अबशेर इंडिविजुअल्स’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी उपलब्ध है। दिल्ली निवासी मोहम्मद शाकिर और उनकी पत्नी शकीला के अनुसार उनके लिए ये वर्ष काफी भाग्यशाली रहा है। 6 जून को दिल्ली से पहले जत्थे के साथ सऊदी अरब के लिए रवाना हुए दंपत्ति ने TwoCircles.Net से अपनी खुशी का इज़हार किया। शाकिर कहते हैं, “हमारी खुशनसीबी है जो खुदा ने हम दोनो को इस नेमत से बक्शा है।” उन्होंने दो वर्ष पहले ही हज के लिए आवेदन करने का इरादा किया था लेकिन कोविड -19 की वजह से लगे लॉकडाउन ने उन्हें इतना लंबा इंतजार करवाया।

इसी तरह हज की यात्रा करने को तैयार, बिहार के खालिद अहमद TwoCircles.Net को बताते हैं कि, “हज की प्रक्रिया दरअसल इस्लामिक वर्ष के आखरी महीने, ज़ु अल-हज्जा की 9 तारीख से शुरू होती है और उसके 5वें दिन यानी कि 13वीं तारीख को पूरी हो जाती है।” 54 वर्षीय खालिद ने दो वर्षों बाद हज करने को नसीब होने पर खासी खुशी ज़ाहिर की है। दिल्ली से ही हज पर जाने वाले 48 वर्षीय शम्स तबरेज़ ने इस प्रक्रिया में होने वाले पूरे खर्च पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्हें एक यात्री का, 4.5 लाख रुपयों का खर्चा आया है। शम्स अपनी पत्नी के साथ हज पर जा रहे हैं।

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