रिजर्व सीट यूपी : 62 आरक्षित सीटों पर जीती बीजेपी, 17 पर सपा ने हासिल की जीत

स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के चुनावी समीकरण का एक रोचक तथ्य सामने आया है कि जिस दल ने सबसे ज्यादा आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की है, उसी दल ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई है। ऐसा पिछले चार विधानसभा चुनावों से होता आ रहा हैं, इस बार के विधानसभा चुनावों में भी यह ट्रेंड सही साबित हुआ है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने लगभग 75 फीसदी आरक्षित सीटों पर कब्ज़ा किया और प्रदेश में सरकार भी बनाई।‌ यूपी में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 86 विधानसभा की सीटें रिजर्व हैं। इनमें से 84 सीटें अनुसूचित जाति और दो सीटें जनजाति के लिए आरक्षित हैं।


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उत्तर प्रदेश में कुल 86 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में 62 सीटों पर बीजेपी,17 सीटों पर समाजवादी पार्टी, 4 सीटों पर अपना दल एस,2 सीटों पर ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा और एक सीट पर जनसत्ता दल को सफलता मिली है। बीजेपी ने जिन आरक्षित सीटों पर कब्ज़ा किया उनमें – रामपुर मनिहारान, पुरकाजी,खैर,इगलास,जलेसर, नहटौर,धनौरा, हापुड़ सदर, हस्तिनापुर, खुर्जा,आगरा देहात,आगरा कैंट, टूंडला,किशनी, बल्देव, फरीदपुर, पूरनपुर, पुवायां, हाथरस, चंदौसी, कन्नौज, औरैया, बिल्हौर, घाटमपुर,उरई, महरौनी,राठ, सफीपुर,मोहान, मोहनलालगंज, श्रीनगर,कस्ता, हरगांव, सिधौली, मिश्रिख,गोपामऊ,सांडी,बालामऊ, मलिहाबाद,नरैनी, खागा,सलोन, जगदीशपुर, कादीपुर, कोरांव, हैदरगढ़,बल्हा, मनकापुर, बलरामपुर, कपिलवस्तु,धनघटा, महाराजगंज,खजनी, बांसगांव, रामकोला, सलेमपुर, चकिया,अजगरा,औरई, ओबरा, दुद्धी शामिल हैं।

समाजवादी पार्टी ने जिन आरक्षित सीटों पर कब्ज़ा किया उनमें सहारनपुर ग्रामीण, नगीना, बिसौली, भरथना, बछरावां, मंझनपुर, सोरांव, जैदपुर, मिल्कीपुर, आलापुर, लालगंज,मेहनगर, मुहम्मदाबाद गोहाना, मछली शहर,केराकत, जखनियां, सैदपुर शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के सहयोगी दल सुभासपा ने महादेवा और बेल्थरा रोड पर जीत हासिल की। वहीं बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (एस) ने कायमगंज, मऊरानीपुर,बारा,छानबे में जीत दर्ज की। बाबागंज सीट पर राजा भैया की नेतृत्व वाली जनसत्ता दल ने जीत हासिल की।

पिछले चार चुनावों में यह देखने को मिला कि जिस दल ने सबसे ज्यादा आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की है, उसी दल ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई है। 2017 के चुनाव में बीजेपी को 70 आरक्षित सीटें प्राप्त हुईं थी तो वहीं समाजवादी पार्टी को मात्र 7 सीटे प्राप्त हुईं थीं, बसपा को दो सीटें प्राप्त हुईं थीं। एक तरह से देखा जाए तो भाजपा की सीटों में गिरावट आयी है, जबकि सपा की सीटों में बढ़ोतरी हुई है।

2017 में सवार्धिक आरक्षित सीटों पर कब्ज़ा करके बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 85 आरक्षित सीटों में से 59 सीटों हासिल हुई थी और सपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। वही बसपा को 15 सीटें, कांग्रेस को 4 सीटें और बीजेपी को 3 सीटें प्राप्त हुईं थीं।

2007 विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने मायावती के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। तब बसपा ने 89 आरक्षित सीटों में से 61 सीटों पर कब्ज़ा किया था। तब समाजवादी पार्टी को 13 सीट, बीजेपी को 7 सीट, कांग्रेस को 5 आरक्षित सीटें प्राप्त हुईं थीं।

बीजेपी को कहीं न कहीं सवर्णों की पार्टी का ठप्पा प्राप्त हैं। इसके बावजूद संपन्न हुए यूपी के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एससी एसटी आरक्षित 62 सीटें प्राप्त हुईं हैं। यूपी की की 86 आरक्षित सीटों में बसपा को एक भी सीट न मिलना बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि कभी इन्हीं रिजर्व सीटों ने मायावती की सरकार बनाई थी लेकिन अब वहीं उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो रही है। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने मिलकर इस चुनाव में 86 आरक्षित सीटों में से 65 सीटों पर कब्जा जमाया है।

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