आकिल हुसैन।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में परीक्षा में ग़लत जवाब देने पर टीचर ने एक दलित छात्र की पिटाई कर दी थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई। अब दलित छात्र की मौत पर बवाल हो गया है। आरोपी की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार की तमाम मांगों को लेकर रात भर प्रदर्शन चला, इस दौरान पुलिस जीप में आगजनी और पथराव की भी खबरें हैं। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। पहले तो मृत छात्र के परिजनों ने मांगों को पूरा करने तक अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया लेकिन रातभर प्रशासन की मान मनौव्वल के बाद आज सुबह शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना औरैया के अछल्दा क्षेत्र के वैशोली गांव की हैं। राजू दोहरे का 15 वर्षीय पुत्र निखित दोहरे अछल्दा के ही आदर्श इंटर कॉलेज में दसवीं कक्षा का छात्र था। राजू दोहरे ने अछल्दा थाना पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि 7 सितंबर 2022 को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्वनी सिंह ने क्लास में टेस्ट लिया था। टेस्ट में उनके बेटे से कुछ गलती हो गई जिससे ज़वाब गलत हो गया। इस बात को लेकर टीचर अश्वनी सिंह ने मेरे बेटे को बाल पकड़ कर लात घूसों और डंडों से इतना पीटा की वह स्कूल में ही बेहोश हो गया।
राजू दोहरे के अनुसार बेटे के बेहोश होने की जानकारी होने के बाद स्कूल पहुंचकर जब विरोध किया तो टीचर अश्वनी सिंह ने उसका इलाज इटावा के एक प्राइवेट अस्पताल में कराने की बात कही और यहां क़रीब 40 हज़ार का खर्चा आया जो अश्वनी सिंह द्वारा दिया गया। यहां डाक्टरों ने बताया कि निखित को बहुत सारी अंदरुनी चोटें आई हैं और फिर निखित को लखनऊ पीजीआई रेफर कर दिया गया।
दर्ज एफआईआर के मुताबिक जब राजू दोहरे ने यह जानकारी टीचर अश्वनी सिंह को दी तो उसने नाराज़ होकर गालियां दी और जाति सूचक शब्द कहे। फिर इसके बाद 11 सितंबर रविवार को थाने जाकर एफआईआर दर्ज करवाई। फिर पुलिस ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए सैफई में भर्ती करवाया लेकिन इलाज़ के दौरान 25 सितंबर को निखित की मृत्यु हो गई।
मृत छात्र के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के इटावा भेज दिया। 26 सितंबर सोमवार को पुलिस ने मृत छात्र का शव परिजनों को सौंप दिया। वहीं परिजन शव को लेकर सीधा लेकर आदर्श इंटर कॉलेज के सामने पहुंचे और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगें। इसके बाद परिवार की मांगो के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो उठा। गुस्साए लोगों की पुलिस के साथ कहासुनी भी हुई और फिर पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी गई।
मृत दलित छात्र के परिजनों ने प्रशासन के सामने मांग रखी कि आरोपी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज हो। पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा दिया जाए। पीड़ित परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को शहरी आवास दिया जाए। पीड़ित परिवार को ग्राम समाज भूमि से 2 एकड़ का पट्टा दिया जाए। इसके अलावा आरोपी के विरुद्ध फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी मांग रखीं।
परिजनों ने कहा कि मांग माने जाने तक शव उठने नहीं देंगे। परिजनों की पुलिस अधिकारियों से करीब 1 घंटे तक बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू किया तो फिर से प्रदर्शकारियों की झड़प पुलिस हो गई और पथराव शुरू हो गया। हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने अछल्दा थाने में उपद्रव और बवाल करने के आरोप में 35 नामजद सहित 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। औरैया प्रशासन ने पीड़ित परिवार की मांगों को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया। मंगलवार रात चलें मान मनौव्वल के बाद पीड़ित परिजन मृत निखित का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए। मंगलवार सुबह भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मृत छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मृतक छात्र निखित के पिता की तहरीर पर अछल्दा थाने में आरोपी टीचर अश्वनी सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 308, धारा 323, धारा 504 और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के बाद से आरोपी टीचर फरार है। औरैया की पुलिस कप्तान चारु निगम ने घटनास्थल का दौरा किया। एसपी चारु निगम ने मीडिया से बताया कि कॉलेज की एक अलमारी में टेस्ट की कॉपी रखी है, जिसकी चाबी आरोपी शिक्षक के पास है। उस रूम को बंद कर दिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में यह पता चला है कि OMR सीट में एक खाने की जगह दो या तीन खाने ब्लैक कर दिए थे और सामाजिक विज्ञान में सामाजिक की जगह समाजक लिखा था। अब कॉपी देखने के बाद ही सही पता चल सकता है कि क्या गलत लिखा था। गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें लगाई गई हैं।
वहीं औरैया के शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डीआईओएस ने शिक्षक को निलंबित करने के आदेश दिए हैं।
दलित छात्र की मौत की घटना ने तूल पकड़ लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, चंद्रशेखर आज़ाद ने घटना को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक प्रदीप यादव पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। प्रदीप यादव ने कहा कि दलित छात्र की पिटाई के बाद मृत्यु की घटना निंदनीय है। 19 दिन तक छात्र जिंदगी व मौत के बीच जंग लड़ता रहा, लेकिन पुलिस दोषी व्यक्ति को पकड़ न सकी। ये इस तरह की पहली घटना नहीं है। आखिर कब तक फौरी कार्रवाई करने की बजाय सरकार की कानून व्यवस्था लचर बनकर काम करेगी।
उधर घटनास्थल पर रात भर गहमागहमी रहीं कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद आ रहें हैं, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क रहा। चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट करते हुए पुलिस पर जबरन अंतिम संस्कार करवाने का आरोप लगाया है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने 15 वर्षीय दलित छात्र की मौत को जातिगत भेदभाव का परिणाम बताते हुए इसके लिये योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
आरोपी टीचर अश्वनी सिंह पर निखित की पिटाई से पहले एक अन्य छात्र अजय को भी पीटने का आरोप है। छात्र अजय के परिजनों के अनुसार आरोपी टीचर ने पहले उसे पीटा था। परिजनों के अनुसार स्कूल से लौटने पर उनके बेटे अजय का चेहरा उतरा उतरा था। इस संबंध में पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया।
मृत छात्र निखित के परिजनों के अनुसार निखित को सांस लेने में दिक्कत थी और शरीर पर चोटों के निशान थे। मृत छात्र के पिता राजू दोहरे खेती-बाड़ी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। उनके तीन बेटे हैं जिसमें निखित सबसे बड़ा था। निखित के अलावा उनका एक बेटा राघव 12 साल का हैं वहीं एक बेटा अभिषेक 6 साल का हैं। राजू ने कहा है कि वो अब अपने दोनों बेटों को स्कूल नहीं भेजेगा।