एक सप्ताह बाद भी जुनैद नासिर के हत्यारों तक नही पहुंचे कानून के हाथ

 

आकिल हुसैन। Twocircles.net


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राजस्थान के जुनैद और नासिर की हत्या के एक हफ्ते बाद भी पुलिस खाली हाथ हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद जुनैद और नासिर के लिए इंसाफ की मांग को लेकर हजारों की संख्या में लोगों ने फिरोजपुर झिरका रोड के अंबेडकर सर्किल पर प्रदर्शन भी किया। वहीं भरतपुर के घटमीका गांव में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे मृतक जुनैद और नासिर के परिजनों को भरतपुर प्रशासन की ओर से शांतिभंग का नोटिस दिया गया है।

भरतपुर ज़िले के घटमीका गांव के 27 वर्षीय नासिर और 35 वर्षीय जुनैद की बीते 16 फरवरी को गौरक्षक दल और बजरंग दल के मोनू मानेसर और उसके साथियों ने हत्या कर दी थी। घटना के एक हफ्ते बीतने के बाद भी राजस्थान और हरियाणा पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रहीं हैं या यूं कह लें कि आरोपियों को पकड़ना ही नहीं चाह रहीं हैं। भरतपुर प्रशासन ने नासिर और जुनैद के लिए न्याय की मांग को लेकर धरना दे रहे नासिर और जुनैद के चचेरे भाई समेत 12 लोगों के विरुद्ध शांति भंग का नोटिस जारी किया है।

जिन 12 लोगों के विरुद्ध भरतपुर प्रशासन ने शांतिभंग का नोटिस जारी किया है उसमें एक स्थानीय पत्रकार वसीम अकरम का नाम भी शामिल हैं। वसीम अकरम TwoCircle.net से बताते हैं कि वो लगातार इस घटना को शुरूआत से कवर कर रहे हैं, उन्हें शांतिभंग का नोटिस इसलिए जारी किया गया है ताकि सब पर दबाव बनाया जा सकें और इस मामले को शांत किया जा सकें।

वसीम अकरम TwoCircle.net से बताते हैं कि अभी तक महज़ एक आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर पाईं हैं। नासिर और जुनैद के परिवार वालें घटमीका गांव की ईदगाह पर इंसाफ़ और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। भरतपुर के पहाड़ी मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी किया उसमें लिखा है कि हमारे यहां धरने से इलाके की शांति को ख़तरा है। प्रशासन को नोटिस जारी करने के बजाए यह बताना चाहिए कि आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुईं हैं। वसीम अकरम बताते हैं कि सच तो यह है कि हरियाणा पुलिस आरोपियों को बचाने में लगीं हैं।

 

पत्रकार वसीम अकरम ने बताया कि कांग्रेस विधायक जाहिदा खातून और उनके लोग इस धरने को खत्म और मामले को दबाने में लगें हुए हैं। जाहिदा खातून ने गांव के अपने लोगों की एक कमेटी बनाकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जुनैद और नासिर के परिजनों के रूप में मिलवा दिया जबकि सच यह है कि मुख्यमंत्री से मिलने वालों में जुनैद और नासिर के घर से कोई नहीं था।

शांतिभंग का नोटिस पाने वालों में वसीम के अलावा मृतक जुनैद और नासिर के चचेरे भाई जाबिर, मौलाना हनीफ, मुख्तार अहमद, फखरुद्दीन मास्टर, कामिल, निसार अहमद, असरार अहमद, सद्दाम हुसैन, चांद, रईस का नाम शामिल हैं।

मृतक जुनैद और नासिर के चचेरे भाई जाबिर कहते हैं कि शांतिभंग का नोटिस सिर्फ इसलिए दिया गया है ताकि हमारे ऊपर धरना बंद करने का दबाव बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस को पकड़ना ही है तो उनके भाइयों की हत्या के आरोपियों को पकड़ें। जाबिर कहते हैं कि सरकारी मदद के नाम पर मात्र पांच लाख रुपए मिले हैं, हमे इंसाफ चाहिए मुआवजा नहीं, उन आरोपियों की गिरफ्तारी सबसे पहले हैं।

मृतक नासिर के रिश्तेदार कासिम कहते हैं कि आखिर कब तक यह लिंचिग होती रहेगी, अगर सरकार इसको रोकने में नाकाम हैं तो सरकार को कोर्ट, पुलिस थानों को बंद कर देना चाहिए और इन सब काम गौ रक्षक दल वालों को दे देना चाहिए।

शुक्रवार को मेवात के फिरोजपुर झिरका में जुमे की नमाज़ के बाद हजारों की संख्या में लोग इंसाफ की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन करते हुए लोगों ने जुनैद और नासिर की हत्या के आरोपी मोनू मानेसर को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। इसके अलावा फिरोजपुर झिरका के चौकी प्रभारी, सीआईए और पुलिस कप्तान को हटाने की मांग भी की गई।

मुख्य आरोपी मोनू मानेसर सत्ता के रसूख के दम पर अभी तक फरार हैं और पुलिस हाथ धरे बैठी हुई है। मोनू मानेसर के समर्थन में हिंदूवादी संगठन के लोगों ने गुड़गांव समेत कई अन्य जगहों पर पंचायत की, जूलूस निकाला और सड़कें जाम की। मोनू मानेसर के समर्थन में हुईं पंचायत में कथित तौर पर धमकी दी गई कि अगर राजस्थान पुलिस मोनू या किसी आरोपी को गिरफ्तार करने आई तो अपने पैरों पर जा नहीं सकेगी। पंचायत में मोनू को हिंदू गौरव भी बताया गया।

पुलिस ने एफआईआर में पांच आरोपियों को नामजद किया है। जिसमें मुख्य आरोपी मोनू मानेसर के अलावा
अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंह शामिल हैं। बताते हैं कि आरोपी लोकेश, रिंकू सैनी और श्रीकांत हरियाणा पुलिस के मुखबिर का काम करते थे। तीनों आरोपी पुलिस के साथ छापेमारी भी करने जाते थे। जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीनों में फिरोजपुर झिरका पुलिस चौकी में में दर्ज चार एफआईआर में तीन लोगों को मुखबिर के रूप में दर्ज किया गया है।

हरियाणा में मोनू मानेसर ने अपना एक गैंग बना रखा है जो कथित तौर पर गौ रक्षा का काम करता है। मुख्य आरोपी मोनू मानेसर पर कथित तौर पर गौ तस्करी के नाम पर तीन मुसलमानों की हत्या के आरोप है। मोनू मानेसर मुस्लिम विरोधी हिंसा को लेकर चर्चा में रहता है। मोनू की हरियाणा में सत्ताधारी दल में अच्छी पकड़ मानी जाती है, इसके अलावा मोनू का रसूख हरियाणा के बड़े बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में भी हैं। और इसी रसूख के बदौलत मोनू अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

नासिर और जुनैद दोनों मौसेरे भाई थे। पिछले हफ्ते दोनों भरतपुर से हरियाणा के फिरोजपुर घर का सामान लेने आए थे तभी मोनू मानेसर और उसके साथियों ने उन दोनों की गाड़ी रोककर उनके साथ मारपीट की थी और फिर बाद में गाड़ी समेत नासिर और जुनैद को आग के हवाले कर दिया था। मोनू समेत पांच लोगों पर हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज हुईं थीं। घटना के अगले दिन पुलिस ने रिंकू सैनी को गिरफ्तार भी किया था, रिंकू ने पुलिस पूछताछ में नासिर और जुनैद के साथ मारपीट करने की बात कबूली थी। लेकिन घटना के हफ्ते भर बाद भी इस मामले में हरियाणा पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है। मृतकों के परिजनों ने इस घटना में हरियाणा पुलिस के भी कथित रूप से शामिल होने के आरोप लगाएं हैं।

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