आस मोहम्मद कैफ़, twocicles.net
दिल्ली। दिल्ली दंगो में मरने वाले 48 लोगों की पहचान हो गई है। जान किसी की भी जाए। ख़ून तो आख़िर इंसान का होता है। बेहद शर्मनाक और उससे भी ज्यादा दर्दनाक। इस दंगे ने दिल्ली में हुए 1984 के सिख विरोधी दंगो की याद ताजा कर दी है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि जिन लोगो ने 1984 में सिखों का क़त्ल किया था आज उनके बच्चें भी क़ातिल हो गए हैं। दुनियाभर में दिल्ली दंगो की आलोचना हो रही है। यहां दंगों में मरने वाले तमाम लोगो में से 48 की पहचान हो चुकी है। 3 मृयकों की अभी पहचान नहीं हुई है। एक दर्ज़न से ज्यादा अभी लापता भी है। यह लिस्ट जीटीबी अस्पताल और पुलिस से मिली जानकारी पर आधारित है।
1-शाहिद अल्वी, 22 सालः 22 साल के बुलंदशहर के डिबाई के रहने वाले शाहिद की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शाहिद की बीवी प्रेग्नेंट है। 6 महीने पहले उसकी शादी हुई थी। उसके भाई राशिद के अनुसार शादी के बाद कुछ क़र्ज़ हो गया था। इसलिए वो पैसा कमाने दिल्ली आया था। भजनपुरा दरगाह के करीब उसके पेट मे गोली मार दी गई। बाद में दंगाइयों ने दरगाह को जला दिया।
2-मुबारिक हुसैन, 28 सालः बाबरपुर के रहने वाले मुबारिक की छाती में गोली लगी। वो बिहार के दरभंगा के रहने वाले थे। दिल्ली में मजदूरी करने आए थे। जैसे उनके मज़हब का पता चला! मार दिया गया।
3-राहुल सोलंकी, 28 सालः बाबुनगर का रहना वाला होनहार सिविल इंजीनियर राहुल सोलंकी दूध लेने के लिए बाहर निकला था।उसके छाती में गोली लगी। राहुल के पिता ने कहा, ‘उनका बेटा कपिल मिश्रा जैसे नेताओं की नफरत की राजनीति की भेंट चढ़ गया।’
4-मुद्दसिर ख़ान, 37 सालः एक बच्चा याद होगा आपको जो अपने बाप की लाश के सामने बैठ कर आंसू गिरा रहा है। बेहद भावुक उस फ़ोटो में मुद्दसिर ख़ान ही मुर्दा लेटा हुआ है। कर्दमपुरी के रहने वाले मुद्दसिर की मौत गोली लगने से हुई।
5-नाज़िम ख़ान, 35 सालः वो एक गली में कबाड़ खरीदने गए थे। कफ़न में लौट कर आएं। पहचान हो गई है। कपड़ो से आधार कार्ड मिला।
6-मोहम्मद फ़ुरक़ान, 30 सालः सब्ज़ी खरीदने घर से बाहर निकला जाफराबाद फुरकान जिंदा लौटकर नही आया।वो भजनपुरा में मारा गया
7-रतनलाल, 42 सालः 3 बच्चों का पिता दिल्ली पुलिस का हेड कांस्टेबल और राजस्थान का निवासी रतनलाल गोकुलपुरी में दंगाइयों की गोली से शहीद हो गया।
8-महताब, 22 सालः बृजपुरी में महताब की आग में अधिक जल जाने की वजह से मौत हो गई।
9-अंकित शर्मा, 26 सालः मुज़फ़्फ़रनगर के गांव इटावा के रहने वाले अंकित शर्मा खुफिया विभाग का काम देखते थे। वो खजूरी खास में रहते थे। शरीर पर चाकुओं के कई घाव के साथ उनकी लाश चाँदबाग़ के नाले से मिली
10-विनोद कुमार, 42 सालः ब्रह्मपुरी इलाके में विनोद को बुरी तरह पीटा गया। जिससे उनकी मौत हो गई।
11-वीरभान सिंह, 48 सालः खाना लेने गए थे। गोली लगी और मौक़े पर ही मौत हो गई।
12-अशफाक़ हुसैन, 24 सालः यही वही है जिसके नाम ‘अशफाक’ सुनते ही सीने में पांच गोली उतार दी गईं। ऐसा मुस्तफाबाद में हुआ।
13-इशाक़ ख़ान, 24 सालः कबीरनगर में रहते थे। गोली मारकर हत्या कर दी गई।
14-दीपक, 34 सालः पत्थर बाजी में दीपक की मौत हो गई। वो मंडोली के थे।
15-शान मोहम्मद, 34 सालः लोनी के रहने वाले थे। गोली से मौत हुई।
16-प्रवेश कुमार, 44 सालः मौजपुर में पत्थरबाज़ी से मौत हुई। गोली का भी जख़्म मिला।
17-दिलबर, 20 सालः जलकर मौत हुई।
18-राहुल ठाकुर, 23 सालः अत्यधिक पिटाई से मौत हो गई।
19-अमन अली मलिक, 17 सालः
20-मारूफ़, 32 सालः
21-सलमान, 24 सालः
22-फ़ैज़ान, 24 सालः
23 आलोक तिवारी, 34 सालः
24-बाबू सलमानी, 33 सालः
25-अकबरी, 85 सालः अकबरी खजूरी ख़ास के गमरी गांव में घर मेंं जलकर मर गई।
26-अय्यूब साबिर, 60 साल
27-मोनिस, मुस्तुफ़ाबाद 21 साल
28-आमिर ख़ान, 30 सालः दो बच्चों का बाप,
29–हाशिम अली 19सालः आमिर का सगा भाई
30-अकील अहमद, 40 साल
31-आफ़ताब आलम, बिजनोर 18 साल
32-मोहसिन अली,24 साल
33-नितिन कुमार 15 साल
34-प्रेम सिंह 27
35-अनवर क़स्सार ,58 साल जलकर मौत
36-दिलबर नेगी-20
37-अरशद करावलनगर 22 साल
38-अतुल गुप्ता 45
39-दिनेश कुमार 35
40-मोहम्मद शाबान 22
41-मोहम्मद यूसुफ़
42-मुशर्रफ़, 35 साल
43-संजीत ठाकुर, 32 साल
44-परवेज़ आलम, 50 साल
45-सुलेमान, 22 साल
46-सईद, 19 साल
47-ज़ाकिर, 24 साल
48-आक़िब, 18 सालः यह अपनी बहन की शादी की ख़रीदारी करने आया था। भजनपुरा में मार दिया गया।