स्टाफ़ रिपोर्टर । Twocircles.net
कड़कड़डूमा अदालत दिल्ली दंगो के एक मामले में सामाजिक कार्यकर्ता खालिद सैफी को जमानत दे दी है। इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस पर टिप्पणी करतें हुए कहा है कि ” अदालत ये देखने मे असफल है कि खालिद सैफ़ी इस षड्यंत्र में कैसे शामिल है लेकिन वो अभी जेल में रहेंगे UAPA की वजह से “।
पुलिस ने जो केस से संबंधित साक्ष्य अदालत के समक्ष पेश किए, अदालत ने उन साक्ष्यो को नाकाफी बताते हुए खालिद को जमानत दी है। अदालत ने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस द्वारा यह कार्यवाही बदले की भावना से की गई है।
ख़ालिद सैफी को ज़मानत देते हुए कोर्ट ने कहा, “इस केस में नाकाफ़ी सुबूतों के आधार पर आरोपी पर आरोपपत्र दाखिल करने में पुलिस ने अपना दिमाग नहीं लगाया जो दिखाता है कि पुलिस ने बदले की भावना के तहत कार्यवाही की है। हालांकि खालिद सैफी एक अन्य एफआईआर होने के कारण अभी भी जेल में ही रहेंगे। खालिद सैफी पिछले 7 महीने से दिल्ली दंगों की साज़िश रचने के आरोप में जेल में बंद हैं, हालांकि इससे पहले भी उनको एक अन्य केस में जमानत मिल चुकी है।
अदालत यह भी समझने में नाकाम रही कि साजिश रचने के दावे का केवल एक गवाह के बयान के आधार पर कैसे अनुमान लगाया जा सकता था? बयान में केवल इतना कहा गया कि ”यूनाइटेड अगेंस्ट हेट” के सदस्य सैफी ने कथित तौर पर शाहीन बाग में आठ जनवरी को सह-आरोपी ताहिर हुसैन और उमर खालिद से मुलाकात की थी लेकिन मुलाकात के विषय का खुलासा नहीं किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि इस मामले में ”बनावटी” सामग्री के आधार पर सैफी को जेल में रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि खालिद अभी भी जेल में ही रहेंगे।
ज्ञात हो समाजिक कार्यकर्ता खालिद सैफी युनाइटेड अगेंस्ट हेट संगठन से जुड़े हैं, खालिद पिछले 7 महीने से दिल्ली के खजूरी खास में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप के कारण जेल में हैं। खालिद सैफी पर दिल्ली पुलिस द्वारा यूएपीए की कार्यवाही भी की गई हैं।