स्टाफ रिपोर्टर।twocircles.net
कर्नाटक में ईसाई धर्म से जुड़ी किताब को जलाये जाने का मामला सामने आया हैं। धार्मिक पुस्तकों को जलाने का आरोप हिंदूवादी संगठनों के लोगों पर लगा हैं। वहीं दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया है कि चर्च के लोग धर्मांतरण के कार्य में लिप्त हैं। यह घटना उस वक्त हुई जब ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग घर घर जाकर कुछ किताब बांट रहे थे। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि ईसाई समुदाय के लोगों को उनकी धार्मिक किताबें बांटे जाने को लेकर पहले ही चेतावनी दी गई थी कि उनके इस कार्य से संप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।
घटना कर्नाटक के कोलार ज़िले के श्रीनिवासपुर की है जहां बीते शुक्रवार को ईसाई समुदाय के संगठन से जुड़े लोग घर-घर जाकर अपने धर्म से जुड़ी किताबें बांट रहे थे। इसी दौरान हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोका और सवाल जवाब करें। फिर उन लोगों के हाथों से ईसाई धर्म से जुड़ी किताबें छीन ली और उसमें आग लगा दी।
हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप हैं कि ईसाई धर्म के लोग यह किताबें हमारे पास पड़ोस में बांट रहे थे और ईसाईयत का प्रचार कर रहे थे। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया है कि ईसाई धर्म से जुड़े लोग धर्मांतरण के कार्य में लिप्त हैं और इलाके के लोगों ने भी इनके आने पर आपत्ति जताई थी। वहीं ईसाई धर्म के लोगों का कहना है कि वे क्रिसमस के लिए ग्रीटिंग कार्ड बांट रहें थे।
इस मामले में कोलार पुलिस का कहना है कि ईसाइयों की पवित्र पुस्तक बाइबिल आग लगने वालीं पुस्तकों में नहीं थीं। पुलिस का कहना है कि ईसाई समुदाय को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि ऐसे धार्मिक बुकलेट के बांटने से माहौल बिगड़ सकता है, हमने ईसाई समुदाय के पदाधिकारियों को आगाह किया था कि घर -घर जाकर प्रचार के इस अभियान से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, क्योंकि पुलिस के अनुसार किसी भी पक्ष ने शिकायत के लिए उनसे संपर्क नहीं किया। हालांकि बाद में हिंदूवादी संगठन और ईसाई समुदाय के सदस्यों ने मिल बैठकर मामले को हल कर लिया।
कर्नाटक में ईसाई धर्म के लोगों पर हमलें के मामले बढ़े हैं।यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम की रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक वर्ष से भी कम समय में ईसाईयों और चर्चों पर लगभग 38 हमलें हुए हैं। यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के अनुसार उनकी हेल्पलाइन पर इस साल सितंबर तक 305 कॉल आए हैं। यह ईसाइयों पर हुए हमलों से जुड़े कॉल थे।
पिछले कई महीनों में कर्नाटक के उडुपी, बेलगावी, उत्तर कन्नड़, चित्रदुर्ग, बेंगलुरु आदि इलाकों से ईसाईयों पर हमले के मामले सामने आए हैं। एक अध्ययन के अनुसार भारत में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर होने वाले हमलों के मामले में कर्नाटक तीसरे स्थान पर है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण रोधी कानून लाने का भी ऐलान किया हैं।
कर्नाटक के अलावा कुछ और बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह की घटनाएं बीते दिनों में हुई हैं। बीते हफ़्ते हिंदू संगठनों के कई लोग हरियाणा के रोहतक के एक चर्च में घुस गए थे। इनका आरोप था कि चर्च में धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। पुलिस का कहना था कि उसने मामले की जांच की है और इसमें धर्म परिवर्तन जैसा कुछ नहीं मिला है।
बीते ही हफ़्ते मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सेंट जोसेफ स्कूल में बजरंग दल की अगुवाई में जमकर उत्पात किया गया था। जिस वक्त उपद्रवी स्कूल को अपना शिकार बना रहे थे, उस दौरान स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र गणित की परीक्षा दे रहे थे। बजरंग दल के प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि स्कूल धर्मांतरण का अड्डा बन गया है। जबरदस्ती और बहला -फुसलाकर हिन्दू विद्यार्थियों का धर्मांतरण कराया जाता है। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने आरोपों को सिरे से नकार दिया था।