मोहम्मद ज़मीर हसन|twocircles.net
तेलंगाना सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही बैंक लिंक्ड सब्सिडी योजना के बजट आवंटन खर्च में लगातार कटौती की जा रही है। इसका खुलासा, आरटीआई एक्टीविस्ट एम.ए.अकरम द्वारा लगाई गई आरटीआई से हुआ है। अकरम ने आरटीआई दायर कर बैंक लिंक्ड स्कीम के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (एमडब्ल्यूडी) के विभिन्न मदों में हुए आवंटन और खर्च के बारे में जानकारी मांगी थी। इन आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बैंक से जुड़ी सब्सिडी योजना के लिए बजट आवंटन 28.31 करोड़ रुपये था और इसमें महज 60 लाख रुपये ही खर्च किया गया। यानी बजट आवंटन का केवल 2.11% खर्च किया गया।
आरटीआई से पता चला है कि साल दर साल इस योजना के खर्च में कटौती की जा रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में आवंटन 28.31 करोड़ रुपये था और खर्च महज व्यय 15 करोड़ रुपये किया गया था। यानी 52.9% बजट खर्च किया गया था। इसके अगले साल वित्त वर्ष 2021-22 में आवंटन 28.31 करोड़ रुपये था, खर्च 7 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक किया गया। यानी करीब 25 % बजट खर्च किया गया था।
इस योजना का मकसद अल्पसंख्यक समुदायों के छोटे व्यवसायियों को सशक्त बनाना था लेकिन इसके बजट में लगातार कटौती होने से इस वर्ग को योजना का लाभ नहीं मिला पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार साल से इस योजना का लाभ लेने के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा आवेदक इंतजार कर रहे हैं। लेकिन तेलंगाना सरकार ने पूर्व के वर्षों के सभी आवेदन बंद करने का फैसला किया है। इसमें गौर करने वाली बात यह है कि इस योजना के तहत महज 5 हजार परिवार को लाभ देने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन आवेदकों की संख्या देखें तो लाखों में है।
तेलंगाना अल्पसंख्यक वित्त निगम चेयरमैन मोहम्मद इम्तियाज इशाक ने इस योजना को लेकर मीडिया में कहा था कि हाल ही में मुख्यमंत्री केसीआर ने अल्पसंख्यक वित्त निगम के लिए 50 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी। इस राशि के तहत, हमने बैंक से जुड़ी सब्सिडी की श्रेणी- I के तहत 5,000 परिवारों के लिए ऋण देने का फैसला किया है, जो 80 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 1 लाख रुपये के हैं, और श्रेणी- II के तहत 70% सब्सिडी के साथ 2 लाख रुपये देने का प्रावधान है ।”
उनके मुताबिक केसीआर के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार ने ऋण को दो श्रेणियों में विभाजित किया है, पहले 3,500 परिवारों के लिए एक लाख कर्ज और 1,500 परिवारों के लिए दो लाख कर्ज रखा है। सरकार का मकसद गरीब लोगों की मदद करना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, इसके अलावा सरकार ने गरीब अल्पसंख्यक लोगों के लिए शादी मुबारक, शिक्षा ऋण आदि जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं। जिससे तेलंगाना के अल्पसंख्यक लोगों की योजनाओं के तहत मदद की जाए।’
लेकिन दूसरी तरफ तेलंगाना सरकार लगातार अल्पसंख्यक योजनाओं की बजट में कटौती करती जा रही है। डेटा से यह भी पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में तेलंगाना सरकार ने 1,724.69 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसमें से 1,716.30 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। इसमें भी विभाग ने सिर्फ 1,254.84 करोड़ रुपये ही खर्च किया।
इस मामले आरटीआई कार्यकर्ता अकरम ने मीडिया को बताया कि बैंक से जुड़ी सब्सिडी एक अच्छी पहल है, लेकिन जो अधिक मायने रखता है वह यह है कि जितनी जल्दी हो सके ऋण दिया जाना चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों को आवश्यक दस्तावेज के लिए 1,200 रुपए तक खर्च करना होता है। इसके प्रक्रिया को आसान बनाया जाना चाहिए और प्रतीक्षा को कम किया जाना चाहिए। सरकार योजना के बारे में बड़े पैमाने पर बोलती रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका असर जमीन पर भी हो।