Home India News शर्मनाक : बुलन्दशहर में इंस्पेक्टर की हत्या का आरोपी योगेश राज जिला...

शर्मनाक : बुलन्दशहर में इंस्पेक्टर की हत्या का आरोपी योगेश राज जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना कस्बे में 2018 में हुई हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के मुख्य आरोपी योगेश राज़ ने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की हैं। स्याना हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज़ ने बुलंदशहर के वार्ड नंबर- 5 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव 2150 वोट से जीता है। योगेश राज़ को दंगा भड़काने और दो लोगों की हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया था।‌ फिलहाल वो अक्टूबर 2019 से जमानत पर बाहर हैं।

पंचायत चुनाव के परिणाम जारी हो चुके हैं। बुलंदशहर के वार्ड नंबर 5 से बुलंदशहर हिंसा के आरोपी योगेश राज़ ने भी चुनाव लड़ा था। योगेश ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दोष चौधरी को 2150 मतों के अंतर से हराया है। योगेश के खिलाफ पांच अन्य लोगों ने भी चुनाव लड़ा था। योगेश ने यह चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और जीत भी हासिल की।‌

चुनाव के दौरान ही योगेश राज के विरूद्ध स्याना कोतवाली में कोरोना गाइडलाइन उल्लघंन करने का मुकदमा दर्ज हुआ हैं। दरअसल योगेश अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बिना मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी के पालन के बिना धज्जियां उड़ाते हुए प्रचार करता था। पुलिस ने योगोश समेत 55 अन्य समर्थकों के खिलाफ कोविड नियमों के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया था।

योगेश राज 2018 में बजरंग दल के बुलंदशहर इकाई के संयोजक रह चुका है। दिसंबर 2018 में बुलंदशहर के स्याना में झूठी गौहत्या की बात फैलने के बाद जमकर हिंसा हुई थी। बेकाबू भीड़ ने पुलिस पोस्ट समेत दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इसी दौरान स्याना कोतवाली के प्रभारी सुबोध कुमार और एक अन्य युवक सुमित की हत्या हो गई थी।

पुलिस ने योगेश पर हिंसा भड़काने और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि योगेश अपने दोस्तों के साथ मिलकर लोगों को भड़का रहा था। पुलिस ने योगेश राज व‌ अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302, 333, 353, 427, 436, 394 के तहत मामला दर्ज किया था। हिंसा के करीब एक महीने बाद योगेश को जनवरी 2019 में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था।

योगेश को आठ महीने के अंदर ही जमानत भी मिल गई थी। साथ ही योगेश के ऊपर रासुका की कार्रवाई भी करी गई थी। मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने अदालत में दायर आरोप पत्र में उसके ऊपर लगाया गया एनएसए हटा दिया गया था। योगेश को अक्टूबर 2019 में जमानत दे दी गई थी। जमानत मिलने के योगेश का धूमधाम से स्वागत भी किया गया था।