स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net
यूपी के मिर्जापुर की सानिया का चयन एनडीए परीक्षा में हुआ है। वो देश की पहली मुस्लिम महिला हैं और उत्तर प्रदेश की पहली महिला हैं जो फाइटर प्लेन की पायलट बनी हैं। सानिया 27 दिसंबर से पुणे के खड़गवासला की एनडीए एकेडमी को ट्रेनिंग के लिए ज्वाइन करेंगी। सानिया को नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में 149 रैंक प्राप्त हुईं हैं, वहीं महिलाओं के लिए रिजर्व फ्लाइंग विंग की 19 सीटों पर उन्हें दूसरा स्थान मिला है।
नेशनल डिफेंस एकेडमी का रिजल्ट घोषित होते ही मिर्जापुर के छोटे से गांव जसोवर की रहने वाली सानिया देशभर में सुर्खियों में आ गई हैं। टीवी मैकेनिक शाहिद अली की होनहार बेटी सानिया का चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी में फाइटर प्लेन की पायलट के तौर पर हुआ हैं। सानिया ने इसी वर्ष के अप्रैल में एनडीए की परीक्षा में भाग लिया था, जिसकी लिस्ट अब जारी हुईं हैं। सानिया ने पहली फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी का इंटरव्यू देखकर फाइटर पायलट बनने का ख्वाब देखा था।
मिर्जापुर शहर से क़रीब 30 किलोमीटर दूर गांव जसोवर की सानिया शुरूआत से ही प्रतिभाशाली रही है। उन्होंने अपनी शुरुआती और दसवीं की शिक्षा गांव के ही पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से पूरी की। इसके बाद गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की हैं। सानिया ने 12वी में मिर्जापुर जिले में प्रथम स्थान हासिल किया था। सानिया दसवीं क्लास के बाद से ही एनडीए की तैयारी में लग गई थी।
सानिया ने 12वी बाद मिर्जापुर की सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी से एनडीए की तैयारी शुरू की थी। पहले अटेम्प्ट में सानिया को सफलता नहीं मिली लेकिन इससे निराश नहीं हुईं बल्कि और मेहनत से एनडीए परीक्षा की तैयारी में लग गई। इस वर्ष अप्रैल में हुईं एनडीए की परीक्षा में सानिया ने फिर भाग लिया और जब परीक्षा का नतीज़ा आया तो सानिया को ख़ुद यक़ीन नहीं हुआ कि वो यूपी की पहली महिला फाइटर प्लेन की पायलट बन गई है।
सानिया के पिता शाहिद अली टीवी मैकेनिक हैं। गांव में घर के बाहर ही उनकी छोटी सी दुकान हैं। शाहिद अली बताते हैं कि शुरुआत में दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए 12-14 घंटा तक काम किया , आज उस मेहनत का परिणाम मिला है कि बेटी ने पायलट बनकर परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। शाहिद अपनी बेटी की सफलता पर बहुत खुश हैं देशभर से उन्हें बधाई मिल रहीं हैं। शाहिद कहते हैं कि सानिया ने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की है।
सानिया की मां तबस्सुम अपनी बेटी की उपलब्धि पर ख़ुशी से फूले नहीं समा रही है। तबस्सुम कहती हैं कि बेटी ने बताया कि वो एनडीए के रास्ते देशसेवा में जाना चाहतीं हैं। हमने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी यहां तक पहुंचेगी। हमारी बेटी ने अपने फाइटर पायलट बनने के सपने को पूरा करके हमें और पूरे गांव को गौरवान्वित किया है। यह सब उसकी मेहनत का परिणाम है।
खास बात यह है कि सानिया ने हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके पायलट बनने का ख्वाब देखा था और जूनून के दम पर उसने पूरा भी किया। क्योंकि समाज में एक नियति बनी हुई है कि हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले बच्चे अंग्रेजी मीडियम के मुकाबले एनडीए जैसी परीक्षाओं को नहीं निकाल पाते हैं। एनडीए की तैयारी के दौरान यह चीज़ सानिया के साथ भी हुईं, सानिया पर भी दबाव था कि वो अंग्रेजी मोड में परीक्षा दे, लेकिन सानिया ने हिंदी में ही परीक्षा दी और पायलट बनने के सपने को पूरा किया।
सानिया देश की पहली मुस्लिम फाइटर पायलट बनने पर फख्र महसूस कर रही है। सानिया कहती हैं कि वो देश की पहली पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी को अपना प्रेरणास्रोत मानती है। पहले बचपन से वो इंजीनियर बनना चाहतीं थीं लेकिन अवनी चतुर्वेदी का इंटरव्यू देखा, इंटरव्यू में अवनी ने बताया था कि फाइटर पायलट में ज़्यादा लड़कियां शामिल नहीं होती है। बस यह बात उनके दिल में लग गई और उन्होंने एनडीए में जाकर पायलट बनने की ठान ली।
सानिया बताती है कि जब पहले एटेंप में उनका सिलेक्शन नहीं हुआ तो उनका मन जरुर उदास हुआ था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि सिलेक्शन न होने के पीछे की वजह पर काम करना शुरू किया और उस पर मेहनत की। जिसका नतीजा है कि आज वो अपने सपने को साकार कर रहीं हैं। वो बताती है कि पढ़ाई के दौरान लोगों ने कई तरह की बातें की कि लड़की हैं पायलट क्यों बनेगी। लेकिन परिवार वालों ने सब बातों को अनसुना करते हुए हमेशा सपोर्ट किया।
सानिया कहती हैं कि समाज में लड़कियों के पढ़ने और आगे बढ़ने पर कई रूकावटे आती है। बहुत कम लड़कियां होती है जो पढ़ाई कर पाती है। उनके साथ भी कई दिक्कतें आईं लेकिन माता पिता का हर तरह से सपोर्ट रहा , उन्होंने हर तरह से साथ दिया मेरा मोरल नहीं डाउन होने दिया। सानिया ने कहा कि हमे अपने उद्देश्य पर पूरा फोकस करके मेहनत करना चाहिए तो कामयाबी जरूर मिलती है।
सानिया आज पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही है। मिर्जापुर के अफ़ज़ल ख़ान कहते हैं कि सानिया ने पूरे मुस्लिम समाज का हर फख्र से ऊंचा किया है। मुस्लिम समाज की लड़कियां भी सानिया से प्रेरित होकर अपने सपनों को पूरा करेंगी।
मिर्जापुर से आने वाली एएमयू की छात्रा सादिया कहती हैं कि सानिया ने देशभर की लड़कियों को एक रास्ता दिखाया है। खासकर मुस्लिम समुदाय में लड़कियों की पढ़ाई पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाता हैं जिससे लड़कियों के सपने मर जाते हैं,लेकिन सानिया जैसे एक प्रेरणास्रोत बनकर आईं हैं, उम्मीद है अब हर माता-पिता अपने बेटियों को मजबूती से पढ़ाएंगे ताकि वो आगे चलकर अपने सपनों को पूरा कर सकें।
युवा नेत्री याशिका चौहान कहती है कि इससे पहले भी एक सानिया मिर्जा देश को गौरवशाली पल दे चुकी है। अब एक और सानिया मिर्ज़ा हमारे गौरव को बढ़ाने का काम करेंगी। सानिया मिर्ज़ा की कामयाबी तमाम लड़कियों को प्रेरित करेगी, खासकर पिछड़े हुए तबके इससे सीख लेंगे।