- कांग्रेस ने इस बार 14 मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा, 8 जीते
- जेडीएस ने सबसे ज़्यादा मुसलमान प्रत्याशी उतारे, पर एक प्रत्याशी भी नहीं जीता
मोहम्मद ज़मीर हसन| twocircles.net
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की है। उसने एससी और एसटी समुदाय के लिए रिजर्व सीटों पर भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पार्टी ने 51 रिजर्व सीटों में से 35 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा को महज 10 सीट ही मिली। पिछले चुनाव में भाजपा को 22 सीट मिली थी…
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। कांग्रेस को बहुमत से ज्यादा सीटें मिली हैं। कुल 224 विधानसभा सीटों की लड़ाई में सरकार बनाने के लिए 113 बहुमत चाहिए। ऐसे में कांग्रेस ने बहुमत से ज़्यादा 136 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, बीजेपी ने 65 सीट, जेडीएस ने 19 सीट, कल्याण राज प्रगति पक्षा 1, सर्वोदय कर्नाटक पक्षा 1 और 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। इसमें एससी और एसटी सीटों की अहम भूमिका देखी जा सकती है। कर्नाटक विधानसभा में इस बार 36 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 15 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं। बीजेपी ने पिछले साल एससी और एसटी की कुल 22 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उसने 10 एससी सीटों पर जीत हासिल की है। पिछले चुनाव के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित 35 सीटों पर जीत हासिल की है, जिसमें अनुसूचित जाति की 22 और अनुसूचित जनजाति की 13 सीटें शामिल हैं। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित केवल 14 सीटें जीतने में सफल रही थी। उसने पिछले चुनाव की तुलना में दोगुनी सीटें जीती हैं। वहीं, पिछले चुनाव में भी जेडीएस ने पांच एससी और एक एसटी सीट जीती थी। जेडीएस के द्वारा इस बार भी यही संख्या दोहराई गई है लेकिन बीजेपी शासित देवदुर्गा विधानसभा सीट जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, जेडीएस ने बीजेपी को हराकर जीत हासिल की है।
पिछले चुनाव और इस चुनाव में हासिल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की सीटों को पार्टी वार तरीके से नीचे टेबल में देखा जा सकता है।
2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की सीट पार्टी वार | |||
पार्टी | 2018 अनुसूचित जाति सीट | 2018 अनुसूचित जनजाति सीट | |
बीजेपी | 17 | 5 | |
कांग्रेस | 8 | 6 | |
जेडीएस | 5 | 1 | |
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पार्टी | 2023 अनुसूचित जाति सीट | 2023 अनुसूचित जनजाति सीट | |
बीजेपी | 10 | 0 | |
कांग्रेस | 22 | 13 | |
जेडीएस | 5 | 1 |
2018 के बाद कर्नाटक विधानसभा में दोगुनी मुस्लिम की संख्या होगी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं ऐसे मुसलमानों की प्रतिनिधत्व को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार चुनाव में कुल 14 मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा था। जिसमें से 8 मुस्लिम प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। बता दें, पिछले साल महज़ 224 सीटों वाली विधानसभा में महज़ 4 मुस्लिम प्रतिनिधित्व मौजूद थे। इस साल चार मुस्लिम प्रतिनिधित्व के नंबर में इज़ाफ़ा हुआ है। रिजवान अहमद शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की है, नरसिम्हा विधानसभा क्षेत्र से तनवीर सेठ, रमनागांव विधानसभा क्षेत्र से इकबाल हुसैन और हिजाब मामले में विवादास्पद क्षेत्र मंगलौर से यूटी खदीर फरीद ने जीत दर्ज की है। वहीं, चार मुस्लिम प्रतिनिधित्व आसिफ़ सेठ, रहीम खान ज़मीर अहमद खान और कनीज़ फातिमा ने अपने सीट को बरकरार रखा है। पिछले चुनाव के मुकाबले मुसलमानों के प्रतिनिधत्व दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह काफी है? कर्नाटक में मुसलमानों की आबादी 13% से अधिक है। राज्य के 224 निर्वाचन क्षेत्रों में से 40 से अधिक क्षेत्रों में समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस बार चुनाव में कुल 68 मुस्लिम निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे, इनमें से ज्यादातर प्रत्याशी आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे।