स्टाफ रिपोर्टर।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक निजी स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ प्रेयर के दौरान इस्लामिक प्रार्थना करवाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई हैं। स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के पिता की तहरीर पर सीसामऊ पुलिस ने धर्म परिवर्तन और धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। वहीं इस मामले में स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल में “सर्व धर्म सम्मान” की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों की प्रार्थना सुबह प्रेयर मीट में होती है। इससे पहले हिंदूवादी संगठनों द्वारा स्कूल का गंगा जल से शुद्धिकरण भी किया गया और शिक्षा जिहाद बताते हुए जमकर हंगामा भी काटा गया।
मामला कानपुर शहर के पी रोड स्थित फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल का हैं। इस मामले की शुरुआत एक वीडियो ट्वीट के बाद से शुरू हुई, दरअसल वीडियो में एक महिला और उनकी बेटी दिखाई देती है। इसे बनाने वाले ने दोनों के चेहरे वीडियो में नहीं दिखाए हैं। महिला कह रही है, “स्कूल में बच्चों को रोजाना प्रार्थना के समय इस्लामिक प्रार्थना कराईं जाती है।” महिला ने बच्ची से पूछा तो उसने जवाब दिया, ”हां.. पढ़ाया जाता है।”
यह वीडियो वायरल होने के बाद बीते सोमवार को कुछ बच्चों के अभिभावक और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग स्कूल पहुंचे और इस्लामिक प्रार्थना करवाने पर विरोध जताते हुए स्कूल गेट के बाहर प्रदर्शन करने लगें और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। बीजेपी कार्यकर्ताओं और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने स्कूल में कथित तौर पर इसे शिक्षा जिहाद बताते हुए गंगाजल से शुद्धिकरण भी किया। हिंदूवादी संगठनों ने फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल की सभी ब्रांचों को बंद करने की मांग भी की। हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जब तक स्कूल प्रबंधन माफ़ी नहीं मांगेगा तब तक स्कूल नहीं चलने देंगे।
इस्लामिक प्रार्थना का विरोध कर रहे बीजेपी पार्षद महेंद्र शुक्ला ने मीडिया से कहा कि, “यहाँ जन गण मन तो होता नहीं है, कलमा पढ़ाया जाता है। इनके PFI से संबंध हैं, यहाँ बच्चों को रोज कलमा पढ़ाया जाता है, हम मामले की जाँच कराएँगे, स्कूल के ऊपर गंगाजल छिड़का है।” स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र के पिता और हिंदूवादी संगठनों की तहरीर पर सीसामऊ थाना पुलिस ने स्कूल की निदेशक सुमित मखीजा के विरुद्ध आईपीसी की धारा 295 ए और यूपी धर्मांतरण निषेध अधिनियम-2021 की धारा 5(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया हैं।
सीसामऊ पुलिस थाने में दर्ज कराई शिकायत में कहा गया है कि ‘स्कूल द्वारा छात्रों के धर्मांतरण का प्रयास किया जा रहा है।’ इसमें आगे कहा गया है कि स्कूल ‘शिक्षा जिहाद’ को आगे बढ़ा रहा है, क्योंकि छात्रों से इस्लामिक प्रार्थना पढ़वाई जा रही है। इसके अलावा एफआईआर में यह भी कहा गया है कि स्कूल छात्रों को धर्मांतरण के साथ-साथ ‘जिहाद’ के बारे में बताने का प्रयास कर रहा है, जिसके बाद बच्चों के व्यवहार में कुछ बदलाव आए हैं। स्कूल पर आरोप लगाया है कि बच्चों में धर्मांतरण का बीज बोया जा रहा है। शिकायती पत्र में फीस वापस करवाकर स्कूल की सभी ब्रांच को बंद करने की भी मांग की गई है।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कानपुर विशाख जी ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इस मामले की जांच बीएसए को सौंपी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रबंधन को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने के लिए कहा है। वहीं एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में स्कूल के निदेशक सुमित मखीजा ने कहा है कि “सर्व धर्म सम्मान की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों की प्रार्थना सुबह प्रेयर मीट में होने की प्रथा दशकों से हैं। स्कूल के छात्र पिछले 12-13 वर्षों से चार धर्मों – हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई – की प्रार्थना करते हैं। इस दौरान किसी ने कभी आपत्ति नहीं जताई है।
स्कूल के निदेशक सुमित ने कहा है कि, ‘पिछले कुछ दिनों से कई अभिभावकों ने इस्लामिक प्रार्थना पर एतराज़ जताया था और इसके वीडियो भी वायरल कर दिए थे। इसके बाद स्कूल में सोमवार से यह प्रार्थना बंद करा दी गई थी और सिर्फ राष्ट्रगान कराया जाना शुरू किया गया। , उन्होंने कहा हैं कि अब इस पर जबरदस्ती का कलमा को पढ़ाये जाने पर मुद्दा बनाया जा रहा है।
वहीं इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल श्रद्धा शर्मा ने मीडिया बात करते हुए कहा है कि,”स्कूल की डायरी में सभी धर्मों की प्रातः प्रार्थना है, जिसे सभी बच्चों को प्रेयर मीट में कराया जाता है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो पिछले कई वर्षों से चलती आ रही है, जिसमें किसी भी अभिभावक द्वारा आपत्ति नहीं जताई गई। हम किसी एक विशेष धर्म की नहीं, बल्कि सभी धर्मों की प्रार्थनाओं का पाठ कराते हैं। प्रिंसिपल श्रद्धा शर्मा ने आगे कहा कि, ‘आज जब आपत्ति जताने का मामला जब सामने आया तो स्कूल प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए वार्ता करके इस बात का आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में स्कूल में किसी भी तरह की धार्मिक प्रार्थना नहीं होगी बल्कि सिर्फ राष्ट्रगान बच्चों को प्रार्थना में करना होगा।
मामले में सीसामऊ के पुलिस आयुक्त निशंक शर्मा ने मीडिया से बताया हैं कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्वीट सामने आया जिसमें कहा गया है कि स्कूल के अंदर इस्लामिक प्रार्थना करवाई जा रही है। जब पूछा गया, तो स्कूल ने बताया कि सुबह की सभा में सभी धर्मों की प्रार्थनाओं का पाठ कराया जाता है और ऐसा 12 सालों से होता आ रहा है।
पुलिस उपाधीक्षक निशांक शर्मा ने मीडिया से आगे बताया कि उन्होंने शिकायत के बाद स्कूल का दौरा किया था, जिसमें पुष्टि हुई है कि स्कूल में अन्य प्रार्थनाओं के साथ सुबह की सभा में इस्लामी प्रार्थना पढ़ने की प्रथा भी थी। इसी को लेकर अभिभावकों ने शिकायत की थी जिसके बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच की जा रही है। फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल की स्थापना 2003 में हुईं थीं और इस स्कूल की कानपुर शहर में कई ब्रांच हैं। पी रोड़ स्थित स्कूल की ब्रांच में हुए प्रेयर को लेकर हुए विवाद के बाद से स्कूल की छुट्टी कर दी गई है।