झूठा निकला मुजफ्फरनगर का भी लव जिहाद मामला ,नदीम को क्लीन चिट

Photo credit: Social Media

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर के लव जिहाद के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया है कि  उसे धर्म परिव‌र्तन निषेध अध्यादेश के तहत दर्ज मुकदमे में आरोपी एक मुस्लिम युवक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। नदीम को लव जिहाद कानून के तहत आरोपी बनाया गया था। मालूम हो कि यूपी ने धर्म परिव‌र्तन निषेध अध्यादेश पास होने के ठीक दो दिन बाद नदीम और उसके साथी सलमान के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत मुज्जफरनगर के अक्षय कुमार ने दर्ज कराई थी।


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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी मजदूर ठेकेदार अक्षय कुमार त्यागी ने 29 नवंबर 2020 को हरिद्वार निवासी एक मुस्लिम युवक नदीम के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। उसने आरोप लगाया था कि नदीम उसकी पत्नी को अपने जाल में फंसाकर उसका धर्म परिवर्तन करना चाहता है। अक्षय ने कहा था कि नदीम जो की लेबर का काम करता है वह मुजफ्फरनगर में उसके घर आया करता था और उसने उसकी पत्नी को प्रेम में फंसाने और शादी के बहाने धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाल रहा था।और इस काम में उसकी मदद उसका एक अन्य साथी सलमान कर रहा था। अक्षय ने यह भी कहा कि जब उसने इसका विरोध किया तो दोनों ने उसे धमकाया। इसके बाद नए विवादित कानून के तहत नदीम और सलमान के खिलाफ मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। मुजफ्फरनगर पुलिस ने नए अध्यादेश लव जिहाद कानून की धारा 3 व 5 के अलावा आईपीसी की धाराओं के तहत धमकी देने और आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा दर्ज कराया गया था। उधर आरोपी बनाए गए नदीम का कहना था कि वह एक गरीब मजदूर है तथा कुछ पैसों के लेनदेन के कारण उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है।

पिछले महीने, नदीम ने एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करी थी, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी नदीम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ किसी तरह की उत्‍पीड़न वाली कार्रवाई भी ना करने का निर्देश दिया था। और यूपी सरकार से जांच पड़ताल कर हाईकोर्ट को जवाब देने को कहा था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से जॉइंट डायरेक्टर अवधेश पांडे ने इस मामले में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया है कि जांच अधिकारी को ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला, जिससे इन दोनों आरोपियों के खिलाफ लव जिहाद कानून के तहत मामला दर्ज किया जा सके, और यह भी कहा गया कि जांच से पता चला कि नदीम का महिला के साथ कोई तरह का संबंध नहीं था। यह बात जांच के दौरान महिला ने बयान में भी कही। हालांकि जांच अधिकारी ने सबूत पाया कि नदीम ने अक्षय को धमकाया जरूर था।  ऐसे में नदीम के खिलाफ आईपीसी की धारा 504 और 506 के तहत कार्यवाही करी जाएगी।

मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाने के एसएचओ धर्मेंद्र पाल के अनुसार  पुलिस को जांच में धर्म परिवर्तन कराने का दबाव डालने  का कोई सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने सलमान और नदीम दोनों को धर्मांतरण मामले में क्लीन चिट दे दी हैं।

नदीम ने कहा कि महिला के पति ने उस पर बेवजह शक करते हुए बेबुनियाद आरोप लगा दिए थे। वो यूपी पुलिस और सरकार का बहुत शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने उसकी मदद की।

उत्तर प्रदेश लव जिहाद के खिलाफ पिछले साल धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश लेकर आई थी, जो कि एक दक्षिणपंथी  सिद्धांत है। लेकिन अब इस कानून पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि इस कानून के तहत दर्ज किया गया पहला मामले में ही कोई सबूत नहीं मिल पाया है। मुजफ्फरनगर के अलावा भी लव जिहाद के कई मामलों की जांच में सबूत ना मिलने की बात सामने आई है।‌

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