सिमी से संबंध के आरोप में गिरफ़्तार 5 मुस्लिम नौजवान बाइज़्ज़त बरी

TwoCircles.net News Desk

स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया यानी ‘सिमी’ एक बार फिर ख़बरों में हैं. मीडिया में आने वाली ख़बरों के मुताबिक़ इस्लामिक स्टेट (आईएस) का भारतीय मॉडयूल मृत पड़े संगठन इंडियन मुजाहिदीन और सिमी के तत्वों द्वारा चलाया जा रहा है.


Support TwoCircles

वहीं दूसरी तरफ़ यह भी ख़बर है कि बीते दिनों पानीपत स्टेशन पर खाली खड़े पैसेंजर ट्रेन में कम तीव्रता के बम धमाकों में 2013 में मध्यप्रदेश की जेल से फ़रार हुए प्रतिबंधित छात्र संगठन सिमी के सदस्यों का हाथ हो सकता है. यह बात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जीआरपी हरियाणा के अधिकारियों को दी है.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने जीआरपी सूत्रों के हवाले से बताया है कि एनआईए ने पानीपत विस्फोट की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पानीपत धमाकों में जो सैंपल्स मिले हैं, वैसी चीजें सिमी द्वारा इस्तेमाल की जाती है.

इस ख़बर को अधिकतर हिन्दी मीडिया ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है. लेकिन हम यहां एक ऐसी ख़बर आपके सामने रख रहे हैं, जिसे एक-दो उर्दू अख़बारों को छोड़कर किसी भी अख़बार या वेबसाईट ने यह ख़बर प्रकाशित नहीं की है.

यह ख़बर सिमी से संबंध रखने के आरोप में गिरफ़्तार हुए 5 नौजवानों के बाइज़्ज़त बरी होने की है.

स्पष्ट रहे कि 2006 में मुम्बई में होने वाले सिलसिलेवार बम धमाकों में मुम्बई क्राईम ब्रांच ने 13 अगस्त 2006 को शहर के अलग-अलग इलाक़ों से पांच मुस्लिम नौजवानों को गिरफ़्तार किया था. इन पांचों नौजवानों पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रखने और ग़ैर-क़ानूनी सरगर्मियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया.

लेकिन अब मंगलवार को स्थानीय अदालत ने पांचों आरोपित नौजवानों, इरफ़ान सैय्यद, नजीब बकाली, फ़िरोज़ घासवाला, मोहम्मद अली चीपा और इमरान अंसारी को बाइज़्ज़त बरी कर दिया है.

चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट महेश आर. नाटो ने इन पांचों मुस्लिम नौजवानों को बरी करने का आदेश सुनाते हुए यह स्पष्ट किया कि इन आरोपियों के विरुद्ध पुलिस के पास कोई सबूत नहीं थे और न ही पुलिस कोई आरोप साबित कर पाई.

इस मामले की पैरवी एडवोकेट सत्याराम गौड़, इशरत अली ख़ान, तहूर ख़ान पठान, जमाल ख़ान और एडवोकेट आफ़ताब कुरैशी कर रहे थे.

अदालत के इस फैसले पर जमीअत-ए-उलेमा-ए-हिन्द (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष मौलाना नदीम सिद्दिक़ी ने खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि –‘यह सच्चाई की जीत है.’

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE