अफ़रोज़ आलम साहिल, Twocircles.net,
‘नीतिश-प्रशासन’ ने बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िला के बेतिया शहर में अग्नि-परीक्षा पास की. क्योंकि नागपंचमी के मौक़े पर निकलने वाला महावीरी अखाड़ा किसी अनहोनी के आशंकाओं के बीच शांतिपूर्ण रहा.
इस महावीरी अखाड़े को लेकर पिछले कुछ दिनों से शहर में तरह-तरह की अफ़वाहें थी. लोगों का कहना था कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दंगा होने की संभावना है. शहर के लोगों में डर व भय था. इन अफ़वाहों को बल तब और मिल रहा था, जब शहर में कई तरह की घटनाएं इससे जुड़ी हुई मिली. और सबसे बड़ा कारण दो साल पूर्व 12 अगस्त, 2013 में महावीरी अखाड़े के दौरान छिटपूट हिंसा थी, जिसमें असामाजिक तत्वों ने दुकानों, मकानों और गाड़ियों को नुक़सान पहुंचाया था. खास तौर कई सब्ज़ी व फल बेचने वालों के दुकानों को लूटा गया था, साथ ही मुस्लिम समाज से जुड़े स्थानों जैसे कि कब्रिस्तानों आदि पर हमले भी किए गए थे. तब शहर का माहौल ख़राब करने की कोशिशें सुर्खियाँ भी बनी थी. तब देश में लोकसभा चुनाव करीब था और अब बिहार विधानसभा चुनाव…
इन्हीं सब बातों के मद्देनज़र महावीरी अखाड़ा में किसी अनहोनी की आशंका को लेकर मंगलवार की रात से ही पुलिस व प्रशासन की चौकसी देखी गई. पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया गया. डीएम लोकेश कुमार सिंह व एसपी विनय कुमार दल-बल के साथ सायरन बजाते नगर के प्रमुख सड़कों से गुज़रते रहें. संवेदनशील जगहों व चौक-चौराहों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस की स्थायी प्रतिन्युक्ति रही. हर अखाड़े पर वीडियोग्राफ़ी के ज़रिए शरारती तत्वों पर नज़र रखी जा रही थी.
इतना ही नहीं, प्रशासन इस अखाड़े को लेकर कुछ नियम-क़ानून भी बनाए थे. रात में अखाड़ा निकालने पर पूरी तरह से प्रतिबंध था. इसके साथ हथियार निकालने पर भी प्रतिबंध लगाया था. लेकिन इन नियम-क़ानूनों की धज्जियां कुछ असामाजिक तत्वों ने खुलेआम उड़ाई. प्रतिबंध के बावजूद रात को भी एक-दो अखाड़े निकाले गये और शहर के जंगी मस्जिद के करीब कुछ दुकानों को नुक़सान पहुंचाया गया. प्रतिबंध के वाबजूद धारदार हथियार भी खूब लहराए गए. योगापट्टी के नवलपूर माई स्थान के करीब 8 महादलित परिवारों के झोंपड़ीनुमा घर को उजाड़ दिया गया.
दो साल पूर्व हिंसा की एक वजह अखाड़े में निकालने वाली राजनीतिक झांकियों को भी बताया गया था. इस बार झांकियां न के बराबर थी. लेकिन एक झांकी के माध्यम से नीतिश कुमार के शिक्षा योजना पर कटाक्ष किया गया था. वहीं नरकटियागंज के शिवगंज अखाड़ा कमिटी की ओर से याकूब मेनन सहित भारत माता व अन्य देवी-देवताओं की झांकियां निकाली गई थीं.
खैर, परम्परा के अनुसार बेतिया शहर के सभी अखाड़े काली बाग मंदिर का परिभ्रमण कर ऐतिहासिक राज ड्योढ़ी के मैदान में एकत्रित होने लगे. जहां हर अखाड़े के खिलाड़ियों ने अपने शौर्य-कला का प्रदर्शन किया. इसी मैदान में बजरंग दल ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी किया. शिवसेना भी अखाड़ियों की सेवा में जुटी रही. विश्व हिन्दू परिषद की ओर से भी अखाड़ा के खिलाड़ियों के लिए पेयजल की व्यवस्था की थी. राज ड्योढ़ी ‘जय श्री राम’, ‘जय बजरंग बली’ व ‘जय शिव’ के नारों से गुंज उठा.
इन सबके बीच लोगों ने चैन की सांस तब ली जब पिछले बार की तरह इस बार भी इंद्र देव बेतिया-वासियों पर मेहरबान हुए. जमकर बारिश हुई. लोगों का कहना है कि यह बारिश इस शहर में इस साल की रिकार्ड बारिश है.
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