By TCN News,
कानपुर: हाशिमपुरा जनसंहार पर हाल में ही आए अदालती फैसले के बाद पीड़ितों के इंसाफ के सवाल पर इंडियन नेशनल लीग(आईएनएल) ने प्रेस काफ्रेंस कर जनसंघर्ष और खुले-आम प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
मीडिया को संबोधित करते हुए आईएनएल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि बेगुनाहों की सामूहिक हत्या के इस जघन्यतम अपराध में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी दोषियों के बराबर भागीदार है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के रहनुमा बनने का दावा करने वाले मुलायम सिंह यादव ने हत्याकांड में इस्तेमाल राइफलों को केस से नहीं जोड़ा। यही नहीं, अदालत में चल रहे इस मुकदमे में लंबे समय तक सरकारी वकील तक नहीं उपलब्ध कराया गया। इस दौरान मशावरत की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई और उसके बाद इस केस को दिल्ली स्थानांतरित किया गया।
मोहम्मद सुलेमान ने आगे कहा, “समाजवादी पार्टी सरकार की लचर पैरवी का ही नतीजा है कि पीड़ितों को इंसाफ ही नहीं मिल सका। इंसाफ की हत्या करने में समाजवादी पार्टी सरकार तथा मुलायम सिंह यादव की बड़ी भूमिका रही है। इन पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए इंडियन नेशनल लीग सड़क पर उतरेगी।” मोहम्मद सुलेमान ने मांग की कि सूबे की समाजवादी पार्टी सरकार हाशिमपुरा प्रकरण में तत्काल पुर्नविवेचना की घोषणा करे अन्यथा आईएनएल जनविरोध पर उतर आएगी।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “एक तरफ रिहाई मंच को हाशिमपुरा पीड़ितों के इंसाफ के सवाल पर लखनऊ में कार्यक्रम तक नहीं करने दिया जाता, वहीं आजम खान दिल्ली में कैंडिल लाईट का आयोजन करते हैं। अगर आज़म खान अदालत के फैसले से इतने ही दुखी हैं तो फिर सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में पूरे मामले की सीबीआई या एसआईटी से जांच की घोषणा सपा सरकार से क्यों नहीं कराते?” मोहम्मद शुऐब ने सवाल किया सपा सरकार इससे पहले भी कई बार सत्ता में रह चुकी है तब उसने पीड़ितों के इंसाफ के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि पीडि़तों को इंसाफ तब तक नहीं मिल सकता जब तक इस पूरे प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पुर्नविवेचना नहीं होती। उन्होंने मांग की प्रदेश की सांप्रदायिक हिंसा पर अब तक जितने भी आयोग गठित हुए हैं उनकी जांच रिपोर्ट समाजवादी पार्टी सरकार तत्काल सार्वजनिक करे। मोहम्मद शुऐब ने पूछा कि सपा सरकार इन्हे सार्वजनिक करने से डर क्यों रही है? क्योंकि वह सेक्यूलर होने के नाम पर हिन्दुत्व की राजनीति करती है और उसमें इंगित अपराधियों को दंडित करने का नैतिक साहस तक नहीं है।
प्रेस काफ्रेंस को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एखलाक हुसैन चिश्ती ने कहा कि हाशिमपुरा पर आए अदालती फैसले और इसके पहले शंकर बिगहा, बथानीटोला, लक्ष्मणपुर बाथे जनसंहारों के फैसले के बाद यह बात साफ हो गई है कि अब इस मुल्क की न्यायपालिका गरीबों और वंचितों को इंसाफ से वंचित रखने के लिए कमर कस चुकी है। अगर हाशिमपुरा के मुसलमानों को पीएसी के जवानों ने नहीं मारा तो फिर असली हत्यारे कौन थे? इसका उत्तर इस पूरे सिस्टम को देना होगा। उन्होंने कहा कि दलितों और मुसलमानों के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं थी, अब न्यायपालिका भी इसमें शामिल हो गई है। एखलाक हुसैन चिश्ती ने कहा कि इस मुल्क में मुसलमानों-दलितों के अब तक जितने भी जनसंहार हुए हैं, उनमें किसी को सजा नहीं दी गई। यह अन्याय लोकतंत्र के लिए खतरा है और इसके खिलाफ, लोकतंत्र बचाने के लिए देश की अमन पसंद आवाम सड़कों पर उतरेगी।