अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
‘मेरा भाई सुबह दोनों बहनों को लेकर उन्हें स्कूल छोड़ने जा रहा था. रास्ते में खड़े कुछ लफंगे लड़कों ने मेरी बहनों पर कुछ उल्टे-सीधे कमेन्ट पास किए. इस पर मेरा भाई ने मना किया. उसने कहा कि भाई ये मेरी बहन है. इसे मत छेड़ो… इस पर वो लड़के मेरे भाई का मज़ाक उड़ाने लगें. मेरा भाई चुपचाप बर्दाश्त करके स्कूल की तरफ़ आगे बढ़ गया. लेकिन जब वो लौटकर आ रहा था तो इन लड़कों ने इसको भी उल्टा-सीधा बोलने लगें. उसके मना करने पर इसके साथ मारपीट शुरू कर दी. गांव के लोगों ने इस झगड़े को छुड़ा दिया. लेकिन उसके कुछ ही देर के बाद अचानक वो लोग घर में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और फिर हमलोगों का सबकुछ ख़त्म हो गया…’
यह बयान है कि मो. सलीम का, जिसने आज बिजनौर में अपने दो चचा अनीसुद्दीन, अहसान और चचेरा भाई शमशाद को खो दिया है.
TwoCircles.net से बातचीत में सलीम बताते हैं कि मेरा छोटा भाई सिर्फ़ 15 साल का है. वो कभी किसी से लड़ता या तेज़ आवाज़ में बोलता भी नहीं था. लेकिन आज बहनों पर पास किए गए कमेन्टस पर विरोध के रूप में उनसे न छेड़ने की गुज़ारिश ज़रूर की थी. जो हर भाई करेगा. लेकिन उन लोगों सबकुछ ख़त्म कर दिया…
TwoCircles.net से बातचीत में इस परिवार के एक अन्य सदस्य सुलतान अहमद कहते हैं कि –‘उन गुंडों ने बच्चों व औरतों को भी नहीं छोड़ा. घर की औरतें रोती-चिल्लाती रहीं कि गोली मत मारो, लेकिन जाट के उन लड़कों ने इनकी एक भी न सुनी. वो इन्हें भद्दी-भद्दी गाली देते हुए गोली चलाते रहें. फायरिंग के बाद जब वो जाने लगें तो घर के सामने ख़ड़ी बाईक को भी आग लगा दिया…’
सुलतान बताते हैं कि –‘एक भाई रिज़वान दिल्ली के एम्स में भर्ती है. उसके गर्दन पर गोली लगी है. उसकी हालत काफी गंभीर है. उसका बचना काफी मुश्किल लग रहा है. वहीं परिवार के अन्य सात सदस्य मेरठ के दो अस्पतालों में भर्ती हैं. कुछ समझ नहीं आ रहा है कि हम क्या करें?’ मो. सलीम व सुलतान दोनों नोएडा में रहते हैं.
यह घटना शुक्रवार सुबह 9 बजे के आस-पास उत्तर प्रदेश के बिजनौर से क़रीब चार किलोमीटर दूर पेदा गांव की है. इस घटना के बाद पूरे बिजनौर में तनाव पैदा हो गया है. स्थानीय लोगों की शिकायत है कि तीन पुलिसकर्मी मौक़े पर पहुँचे भी थे, लेकिन वो हालात पर क़ाबू नहीं कर सकें. यह लोग यह भी बताते हैं कि मामला गरम ज़रुर है लेकिन स्थित सामान्य है.
एडीजी दलजीत चौधरी के मुताबिक़ सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सात कंपनी पीएसी और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. साथ ही लापरवाही बरतने के जुर्म में एक दरोगा और दो सिपाही को निलंबित भी किया गया है. इसके अलावा गोली चलने के बाद पुलिस ने गांव से कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है.
इस मामले में लखनऊ की सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने अखिलेश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि बिजनौर के पैंदा ग्राम में दसवीं की मुस्लिम छात्रा के साथ गांव के संसार सिंह के परिवार के लड़कों द्वारा छेड़खानी की गई. जब छात्रा के परिजन शिकायत के लिए वे संसार सिंह के घर गए तो संसार सिंह के नेतृत्व में जाट समुदाय के लोगों ने जिस तरीक़े से पीड़ित छात्रा के परिजनों पर हमला करते हुए मुस्लिमों समुदाय के घरों पर हमला बोला उसने एक बार फिर मुज़फ्फ़रनगर दोहराने की कोशिश की.
लेकिन बिजनौर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह इस घटना को सांप्रदायिक नहीं मानते हैं.