TwoCircles.net Staff Reporter
सहारनपुर : यूपी के ज़िला सहारनपुर में पिछले एक माह में हुए सभी 5 दंगों या जातीय संघर्षों की जांच एसआईटी को सौंप दी गयी है.
सड़क दुधली से लेकर बसपा सुप्रीमों के दौरे के बाद भड़की हिंसा तक कुल 40 मुक़दमों में अब स्थानीय पुलिस का कोई दख़ल नहीं होगा.
गौरतलब रहे कि सहरानपुर पिछले एक महीने से झुलस रहा है और यहां जातीय हिंसा का गंभीर रूप सामने आया है. समाज के वंचित तबक़े दलितों के साथ यहां हुए अत्याचार की आग से देश भर में सरकार की बदनामी हुई है.
वर्तमान डीआईजी के.एस. इम्यूनल के अनुसार क़ाबिल विवेचकों की एक टीम को यह काम सौंपा गया है. एससी/एसटी से जुड़े मामलों में जांच देवबंद सीओ सिद्धार्थ के हाथ में रहेगी. इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है और यह सड़क दुधली, पुलिस कप्तान के घर पर भाजपाईयों का हमला, शब्बीरपुर गांव पर हमला, 9 मई को भीम आर्मी का तांडव और बसपा सुप्रीमो मायावती के आने के बाद भड़की हिंसा समेत सभी मामलों की जांच करेगी.
अपर पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह इसके प्रभारी होंगे. जांच में इंस्पेक्टर अनिल कुमार, राजनारायण यादव, सुनील चौधरी, अमर सिंह पंवार, देवेंद्र सिंह, अमर पाल सिंह, श्योरज सिंह को शामिल किया गया है.
बताते चलें कि मुज़फ्फ़रनगर दंगों के बाद भी इसी तरह की एक जांच टीम बनाई गई थी, जिसपर तरह-तरह के आरोप लगे थे. अब भी इसकी सम्भावना है, क्योंकि इस जांच टीम का सुपरविज़न एएसपी सहारनपुर देखेंगे, जिनकी तैनाती यहां एसपी यातायात के तौर पर है.
यहां यह भी स्पष्ट रहे कि कुल 40 मुक़दमों में सैकड़ों नामज़द हैं, जिनमे भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ अकेले डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं. लेकिन इससे एक बात साफ़ हो गई है कि पुलिस जांच पूरी होने तक गिरफ़्तारी नहीं करेगी और इसमें 6 माह भी लग सकते हैं. मतलब फ़िलहाल गिरफ्तारी पर 6 माह के लिए रोक लग गई है.