अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : ख़बर है कि साल 2018 से भारतीय मुसलमानों को समुद्री मार्ग से हज के लिए सऊदी अरब भेजने की तैयारी चल रही है. इसे हवाई सफ़र के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
बताते चलें कि विगत 26 जुलाई, 2017 को लोकसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सांसद पी. नागराजन ने अपने अतारांकित प्रश्न में पूछा था कि, क्या केन्द्र सरकार हज तीर्थ यात्रा के लिए समुद्री मार्ग शुरू करने एवं अकबर व नूरजहां जहाज़ों को लगाने के लिए परिवहन मंत्रालय से अनुरोध किया है?
इस सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने बताया कि, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पोत परिवहन मंत्रालय के साथ केवल एक अतिरिक्त विकल्प के तौर पर पोतों के माध्यम से हज यात्रा फिर से चालू करने की संभावनाओं पर विचार की छानबीन कर रहा है. पोत परिवहन मंत्रालय ने सूचित किया है कि यदि 1100 यात्रियों की क्षमता वाले यानों का उपयोग किया जाता है तो टिकट प्रभार एयरलाइन प्रभारों से कम होंगे.
आगे उन्होंने यह भी बताया कि, हालांकि फिलहाल तीर्थ यात्रियों को एकत्रित करने तथा यात्रा के समय सहित अन्य संभारिकी व्यवस्थाओं पर भी विचार किए जाने की ज़रूरत होगी. पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा दी गई सलाह के मुताबिक़, विदेश मंत्रालय से भी इस संबंध में सलाह-मश्विरा कर लिया गया है. यह अभी तक अन्वेषणात्मक स्तर पर है और कुछ निश्चित नहीं किया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि मुख़्तार अब्बास नक़वी भले ही लोकसभा में यह कह रहे हैं कि, ‘यह अभी तक अन्वेषणात्मक स्तर पर है और कुछ निश्चित नहीं किया गया है.’ लेकिन मीडिया में तो वो अप्रैल में ही बयान दे चुके हैं कि केन्द्र सरकार 23 साल बाद समुद्र मार्ग से हज के सफ़र की दोबारा शुरुआत करने जा रही है.
उन्होंने ये भी कहा था —‘नई हज पॉलिसी के तहत मोदी सरकार की योजना 2018 से समुद्री मार्ग से हज यात्रा का सफ़र शुरू करने की है. इसके तहत हज यात्रियों को मुंबई से जेद्दा के बीच समुद्री मार्ग से सफ़र कराया जाएगा. इसमें तीन से चार दिन लगेंगे. जहाज़ कुल 15 फेरे लगाएगा और एक बार में 5000 यात्री इस सफ़र पर जा सकेंगे.’
मीडिया में दिए नक़वी के बयान के मुताबिक़, हाल ही में मुंबई में सेंट्रल हज कमेटी ऑफ इंडिया की एक बैठक हुई थी. इसके बाद शासकीय स्तर पर एक कमेटी गठित की गई थी, जिसे महंगी हवाई यात्रा के विकल्प के रूप में समुद्री यात्रा के बारे में अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था.
मुख़्तार अब्बास नक़वी ने साफ़ शब्दों में कहा कि, शिपिंग मिनिस्ट्री प्रस्ताव को हरी दे चुकी है. इतना ही नहीं, सऊदी अरब सरकार ने समुद्री मार्ग से सफ़र का स्वागत किया है.
बताया जा रहा है कि हज यात्रियों को समुद्री जहाज से भेजने पर यात्रा संबंधी खर्च क़रीब आधा हो जाएगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि केन्द्र सरकार अपने बयान पर कब तक अमल करना शुरू करती है.
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