स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों को शताब्दी वर्ष में जारी किए गए विश्वविद्यालय के गजट में पीएम मोदी की अधिक तस्वीर लगाने पर आपत्ति हो गई है। विश्वविद्यालय के छात्र लगभग एक सप्ताह से इस पर नाराजगी जता रहे है। यह गजट शताब्दी वर्ष के मौके पर जारी किया गया है। निकालें गए इसे विश्वविद्यालय संस्थापक सर सैयद अहमद ख़ान का अपमान बताया जा रहा हैं। छात्रों ने गजट में उर्दू सेक्शन की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है। इस मामले में विश्वविद्यालय के छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने वर्ष 2020 में अपने 100 वर्ष पूरे किये हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 2020 को शताब्दी वर्ष के तौर पर मनाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शताब्दी वर्ष सामारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा तत्कालीन शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी संबोधित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होने एएमयू के किसी समारोह को संबोधित किया हो। इससे पहले 1964 में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू में अपना संबोधन किया था।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने शताब्दी वर्ष के मौके पर विशेष गजट जारी किया है। जारी करे गए गजट में विवाद उत्पन्न हो गया हैं। विश्वविद्यालय छात्रों ने गजट में विश्विविद्यालय प्रशासन पर संस्थापक सर सैयद अहमद ख़ान की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। छात्रों की ओर से कहा गया है कि गजट में पीएम मोदी की 7 फोटो तो पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की तीन तस्वीरें लगायी गयी हैं। तो वहीं यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद ख़ान की महज़ तीन तस्वीरें लगाई गई है।
छात्रों ने आपत्ति दर्ज कराई हैं कि विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां की महज तीन तस्वीर और पीएम मोदी की 7 तस्वीरें क्यों लगायी गयीं। विश्वविद्यालय छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अपना निजी स्वार्थ पूरा करने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एकेडमिक गजट न बनाकर विज्ञापन वाला गजट बना दिया है।
यूनिवर्सिटी छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि गजट में यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। और साथ ही गजट की पीडीएफ तक जारी नहीं की गई है। छात्रों का कहना है सरकार को खुश रखने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन अंडर टेबल काम कर रहा है। छात्रों ने गजट में उर्दू की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है। गजट उर्दू भाषा में भी जारी किया गया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व नेताओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है।
वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लग रहें आरोपों से पल्ला झाड़ा है। विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रोफेसर शाफे किदवई का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के शाताब्दी वर्ष समारोह पर विशेष गजट ज़ारी किया गया है। उन्होंने कहा है कि समारोह में पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि आनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तो गजट में अन्य अतिथियों के यादगार फोटो शामिल किये गये हैं।
प्रोफेसर शाफे किदवई ने कहा है कि विशेष गजट में देश दुनिया के बुद्धिजीवियों के लेख के साथ उनकी तस्वीरें भी शामिल हैं। उन्होंने कहा हैं कि गजट हर बार की तरह अंग्रेजी और उर्दू में जारी किया गया है, ऐसे में विवाद जैसी कोई बात नहीं है।
इस मामले में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष हम्ज़ा सूफियान कहते हैं कि जो गजट यूनिवर्सिटी ने जारी किया हैं वो उन्हें यूनिवर्सिटी का गजट कम सरकार का गजट ज़्यादा लग रहा हैं। छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हमज़ा सूफियान ने कहा कि गजट में यूनिवर्सिटी को बनाने में योगदान देने वालों की अनदेखी की गई है।
उन्होंने कहा हैं कि गजट में प्रधानमंत्री की सर सैयद अहमद ख़ान से ज़्यादा तस्वीरें नही लगानी चाहिए थी। हमज़ा सुफियान ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति यह सब करके सरकार की चाटुकारिता कर रहे हैं।
वहीं इस मामले में छात्रसंघ के सचिव रहें हुजैफा आमिर रशादी ने कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि यूनिवर्सिटी के गजट में यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों के बारे में बताया जाएगा और यूनिवर्सिटी को बनाने में योगदान देने वाले लोगों के बारे में भी बताया जाएगा लेकिन बहुत शर्म की बात है कि यूनिवर्सिटी का 100 साला जश्न के गजट को भाजपा का संदेश पत्र बना दिया गया है।