आकिल हुसैन। Twocircles.net
दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र मोहम्मद काशिफ़ का इसरो में चयन हुआ हैं। काशिफ़ ने राष्ट्रीय स्तर की इस कठिन परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है। काशिफ़ का इसरो में वैज्ञानिक के पद पर चयन हुआ हैं। काशिफ़ ने कड़ी मेहनत से अपने इसरो जाने के सपने को पूरा किया हैं। काशिफ़ इसरो में वैज्ञानिक बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। काशिफ़ के अलावा जामिया के कई बच्चों का इसी पद पर इसरो में चयन हुआ है।
आजमगढ़ के रहने वाले मोहम्मद काशिफ़ ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन में वैज्ञानिक पद की परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है। काशिफ़ ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा आजमगढ़ से ही पूरी करी। काशिफ़ की शिक्षा आजमगढ़ के ज्योति निकेतन स्कूल से पूरी हुई।
आगे की पढ़ाई के लिए काशिफ़ दिल्ली आ गए और 2014 में दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंजिनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। काशिफ़ ने जामिया से 2019 में मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी करी और फिर इसरो जाने की तैयारी में लग गए।
जनवरी 2020 में काशिफ़ ने इसरो में वैज्ञानिक पद के लिए परीक्षा दी थी, जिसका अब परिणाम आया तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, काशिफ़ ने अपनी मेहनत से परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया। काशिफ़ के इसरो मे चयन पर काशिफ़ के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को बधाई देने का तांता लगा हुआ है।
काशिफ के अलावा उनकी क्लास के अरीब अहमद और अमित कुमार भारद्वाज का भी इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन में समान पद के लिए चयन हुआ है। अरीब अहमद मुज़फ्फरनगर के खतौली के रहने वाले हैं। पिता काज़ी महताब ज़िया और माता नज़रीन के होनहार पुत्र अरीब ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा मुज़फ्फरनगर के गोल्डन हार्ट एकेडमी से प्राप्त की हैं। इसके बाद अरीब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए जामिया आ गए। अरीब ने इसरो में वैज्ञानिक पद के लिए परीक्षा दी, जिसमें उनका चयन हो गया।
अपने पुत्र अरीब की इस उपलब्धि पर उत्साहित उनके पिता मेहताब ज़िया कहते हैं कि इंटरमीडिएट के बाद से ही उनके बेटे की इच्छा वैज्ञानिक बनने की थी और अपनी जद्दोजहद और मेहनत के दम पर आज उसका चयन इसरो में वैज्ञानिक के तौर पर हुआ हैं।
अरीब अहमद के मामा असद फारुकी कहते हैं कि उनका भांजा अरीब शुरू से ही बहुत ही मेधावी रहा है। अरीब की मां नज़रीन अपने बेटे की इस सफलता पर फूले नहीं समा रही है। इससे पहले अरीब का चयन एफसीआई में भी हो चुका है। अरीब के इसरो में चयन से खतौली क्षेत्र में हर्ष का माहौल है।
इसके अलावा झारखंड के जमशेदपुर ज़िले के जमशेद खान का भी चयन इसरो में वैज्ञानिक पद पर हुआ हैं। जमशेद ने ऑल इंडिया रैंकिंग में 11वां स्थान हासिल किया है। जमशेदपुर के आज़ादनगर के रहने वाले जमशेद ने अपनी स्कूली शिक्षा केरला पब्लिक स्कूल मानगो से पूरी की। इसके बाद उन्होंने राजीव गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी भोपाल से बीटेक की पढ़ाई पूरी करी। एमटेक में पढ़ाई के लिए जमशेद ने जामिया मिलिया इस्लामिया में दाखिला लिया और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करी।
फिलहाल जमशेद डीआरडीओ में जूनियर रिसर्चर के तौर पर काम कर रहे हैं। इस सफलता पर जमशेद ने कहा कि इसरो में साइंटिस्ट बनना किसी सपने के सच होने से कम नहीं। बचपन से उनका सपना एपीजे अब्दुल कलाम की राह पर चलना था। इसरो में चयन होना, इस दिशा में पहला कदम है। जमशेद मिसाइलमैन अब्दुल कलाम को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।
जामिया के छात्रों के प्रदर्शन से उत्साहित कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने तीनों छात्रों को शुभकामनाएं दीं हैंऔर आशा व्यक्त की कि यह उपलब्धि अन्य छात्रों को अनुसंधान में अपना करियर बनाने और इसमें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।
इसरो सेंट्रलाइज्ड रिक्रूटमेंट बोर्ड-2019 ने जनवरी, 2020 के महीने में एससी स्तर के वैज्ञानिकों के चयन के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों का साक्षात्कार जुलाई, 2021 में आयोजित किया गया। अभी कुछ दिन पहले ही इसका परिणाम जारी किया गया हैं।