जिब्रानउद्दीन। Twocircles.net
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए लगातार पांचवें वर्ष भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से मिलने वाली डेवलपमेंट ग्रांट में कटौती जारी रही। वर्ष 2022-23 के लिए विश्वविद्यालय को महज़ सवा 9 करोड़ की अनुदान राशि ही प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय से ज़िम्मेदार लोगों ने इस पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की है चूंकि इसका सीधा असर यहां की शिक्षा स्तर पर पड़ेगा। यही अनुदान की राशि, पांच वर्ष पहले, 2017-2018 में लगभग 7 गुना ज्यादा, 62 करोड़ हुआ करती थी।
विश्वविद्यालय के परिसर विकास और दूसरी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस अनुदान के राशि का प्रयोग किया जाता रहा है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अनुसार इस बार की ज्यादातर राशि का इस्तेमाल विभिन्न विभागों में मौजूद लेबोरेट्री और अन्य संसाधनों को मज़बूत करने के लिए किया जाएगा। ज्ञात हो कि किसी भी दूसरे विश्वविद्यालय के अनुदान राशि में कोई भी कटौती नहीं की गई है। इस वर्ष कम मिले अनुदान राशि की वजह से सीधा साधा प्रभाव – विश्वविधालय के रिसर्च के कार्यों में उपयोग होने वाले उपकरणों, परिसर में होने वाले निर्माण कार्यों, बिजली आपूर्ति, परिसर की सड़क और बॉउंड्री इत्यादि के विकास पर पड़ेगा।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी शाफे किदवई ने TwoCircles.Net से बात करते हुए इस मामले पर प्रकाश डाला, “डेवलपमेंट ग्रांट हर यूनिवर्सिटी के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। इसे यूनिवर्सिटी के हर तरह के विकास के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। लेकिन घटते अनुदान राशि से काफी दिक्कतें आने लगी हैं।” शाफे किदवई ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने इस मामले में अपने स्तर पर कई तरह से अपील की और पत्र लिखें हैं, कि ये जो अनुदान राशि होता है वो हमारे अस्तित्व के लिए काफी ज़रूरी होती है। ये छात्रों और अध्यापकों से संबंधित मामलों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होता है उन्होंने कहा कि”एएमयू के डेवलपमेंट ऑफिस की तरफ से भी कई बार ऊपरी स्तर पर बोला गया कि ग्रांट बढ़ाई जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन – वाइस चांसलर, डेवलपमेंट ऑफिसर और फाइनेंस ऑफिसर प्रयासरत हैं’।
विश्वविद्यालय के डेवलपमेंट ऑफिसर, प्रोफेसर अफीफुल्लाह खान संबंधित मामले में कहते हैं, ” एएमयू की अनुदान राशि पिछले वर्षों में लगातार कम होती जा रही हैं, शिक्षा विभाग को इस विषय पर कई बार पत्र लिखे गए हैं, लेकिन उधर से कोई संतोषजनक उत्तर नही मिला है “। उन्होंने बताया कि इस बार के अनुदान राशि में हुई कटौती के बारे में विभाग से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। एएमयू के लिए अनुदान राशि पिछले कुछ वर्षों से घटते हुए 2017-2018 : 62 करोड़ 2018-2019 : 22 करोड़,2019-2020 : 16 करोड़ 2020-2021 : 14 करोड़, 2021-2022 : 10 करोड़ और 2022-2023 : सवा 9 करोड़ पर आ गई है। एएमयू से स्नातक के एक छात्र, राहत क़ादरी TwoCircles.Net को बताते हैं, “पूर्व के मुकाबले इतने कम अनुदान राशि से हम, छात्रों के रहन सहन पर भी खासा पड़ सकता है। अगर आने वाले समय में हॉस्टल की पुरानी इमारतों को मरम्मत की ज़रूरत पड़ेगी तो उसे पूरा करने के लिए कई बार सोचना पड़ेगा।”
राहत आगे बताते हैं, “हालांकि, अनुदान राशि के कम होने के बावजूद भी हम छात्र अपना हौंसला नही हारने वाले हैं। हम जितनी हो सके, विश्वविद्यालय के खर्चों की उतनी बचत करने की कोशिश करते हैं। जैसे की, बिजली के इस्तेमाल को लेकर भी हम छात्र काफी सचेत हैं “। विश्वविद्यालय के एक अन्य छात्र ताजीम अहमद बताते हैं, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ, ऊपरी स्तर से ऐसा दोहरा रवैया काफी चिंताजनक है। एएमयू के अलावा और किसी भी विश्वविधालय के अनुदान राशि में कोई कटौती नहीं की गई है लेकिन यहां लगातार 5 वर्षों से राशि को कम किया जा रहा है”।