By TwoCircles.Net staff reporter,
चंडीगढ़: लगता है भाजपा का स्वच्छता अभियान सिर्फ़ भौतिक सफ़ाई का द्योतक न होकर धीरे-धीरे किसी विराट निष्कर्ष पर पहुँचने की तैयारी का हिस्सा है. यह स्वच्छता अभियान गलियों-मोहल्लों के साथ समाज के निश्चित तबके को टारगेट करने के लिए चलाया जा रहा है, जिसके लिए सबसे बड़ा हथियार है भाजपाशासित राज्यों में गो-माँस पर प्रतिबन्ध.
महाराष्ट्र में बीते हफ़्ते गो-माँस पर आए प्रतिबन्ध के बाद अब हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी अमुक प्रतिबन्ध के लिए कमर कास ली है. अब हरियाणा की खट्टर सरकार हालिया बजट सत्र में गो-माँस व गो-हत्या को प्रतिबंधित करने के लिए बिल पेश करने जा रही है.
(Photo by Siddhant Mohan, TwoCircles.net)
रोचक बात यह है कि गाय की हत्या करने पर पूरी तरह से हत्या की सजा मुक़र्रर होगी, यानी यदि आप गाय का क़त्ल करते हैं, तो आप पर सेक्शन 302 के तहत हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा, जिसकी सज़ा मौत है. प्रस्तावित बिल में सज़ा-ए-मौत के साथ-साथ उम्रकैद को भी जोड़ने का प्रस्ताव है.
हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा था कि राज्य सरकार गायों की सुरक्षा और पालन पर बिल बजट सेशन में पेश करने जा रही है. इस बिल का नाम ‘गोवंश संरक्षण और गऊ संवर्धन’ रखा गया है. कृषि मंत्री ने कहा था कि इस बिल का उद्देश्य गायों की हत्या को रोकना और देसी पशुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
हरियाणा सरकार इसके पहले भी गायों की तस्करी को लेकर सख्त तेवर दिखा चुकी है. माँस की सही पहचान के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, जिसके तहत वैज्ञानिक टेस्ट के आधार पर आरोपी को सजा दी जाएगी, डिब्बाबंद गाय के माँस पर भी प्रतिबन्ध लग सकता है. आवारा गायों के लिए गोशालाओं की स्थापना किये जाने की भी तैयारी है.
यह कदम और ऐसे सारे कदम धीरे-धीरे भाजपा के हिन्दू राष्ट्र के सपने की ओर बढ़ते नज़र आ रहे हैं. बीता हफ्ता प्रतिबंधों की आड़ में गुजरा और यह हफ्ता भी कहीं दूर जाता नहीं दिख रहा है. समाज के विशेष तबकों को अपनी नीतियों से साधने और दमित करने की कवायदें साफ़-साफ़ सामने दिख रही हैं.