चंपारण की पूर्व विधायक रश्मि वर्मा पर हमले-धमकियों की कहानी झूठी

अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net

पटना: राजनीतिज्ञों द्वारा चुनाव जीतने के लिए कुछ भी किया जाना कोई नयी घटना नहीं है. चाहे वह बूथ लूटना हो या फिर किसी की भी जान लेना हो. यहां तक कि कई बार नेता खुद पर भी हमले करवाते और स्याही फेंकवाते हैं. राजनीतिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों के लिए यह बातें कथानक का हिस्सा हैं.


Support TwoCircles


Rashmi Verma

कथित धमकी भरा पत्र दिखातीं रश्मि वर्मा

लेकिन इस बार यह फ़िल्मी कहानी 2015 में भी बिहार विधानसभा चुनाव में पश्चिम चम्पारण के लोगों को देखने को मिली.

मामला पश्चिम चम्पारण के नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र की है. यहां की विधायक (अब पूर्व) रश्मि वर्मा को 28 सितम्बर को धमकी भरा पत्र मिला, जिसमें उन्हें चुनाव नहीं लड़ने की धमकी दी गई थी. पत्र में रश्मि वर्मा से कहा गया था, ‘तुम्हारे चुनाव लड़ने और नॉमिनेशन करने से हम लोगों के लक्ष्य में बाधा पहुंच रही है. अगर तुम चुनाव नहीं लड़ती हो और नामांकन नहीं करती हो तो तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के लिए अच्छा होगा.’

दरअसल, रश्मि वर्मा भाजपा के टिकट से यहां की विधायक बनी थी लेकिन इस बार उनका टिकट कट गया था. उनकी जगह पर भाजपा ने रेणु देवी को अपना कैंडिडेट बनाया था. जिसके बाद नाराज़ रश्मि वर्मा ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया. उनके निशाने पर भाजपा सांसद सतीश दुबे व रेणु देवी रहीं. क्योंकि पत्र में नीचे नाम की जगह एसडी और आरडी लिखा हुआ था.

इस मामले को लेकर रश्मि वर्मा ने पुलिस के समक्ष भी रखा और यह ख़बर एक राष्ट्रीय ख़बर बन गई. लेकिन इसके बाद फिर 10 अक्टूबर को मीडिया में ख़बर आई कि ‘नरकटियागंज में विधायक रश्मि के कार्यालय के बाहर मिला टाइम बम’.

यह ख़बर भी देश के तमाम मीडिया में काफी चर्चित रही. उनके कार्यालय में टाईमबम मिलने की ख़बर से जिले में सनसनी फैल गयी. इस बार भी एक धमकी भरा पत्र मिला था, जिसमें चुनाव नहीं लड़ने की बात कही गई थी. इस बार भी इसकी लिखित शिकायत रश्मि वर्मा ने शिकारपुर थाने को दी.

टाईमबम मिलने के बाद से पुलिस-प्रशासन की भी रातों की नींद गायब हो गई. बल्कि टाईम बम की जांच के लिए एक विशेष टीम मुज़फ्फ़रपुर से बुलाई गई जिसकी जांच में बम नकली निकला.

इसके बाद रश्मि वर्मा को कड़ी सुरक्षा में रखा गया. रश्मि वर्मा ने चुनाव भी लड़ा. लोगों की सहानुभूति भी मिली और इसी सहानुभूति के बल पर रश्मि वर्मा को 39200 वोट भी मिले लेकिन वह तीसरे नंबर पर रहीं. यहां जीत कांग्रेस के विनय वर्मा की हुई. दूसरे नंबर पर भाजपा की रेणु देवी रहीं. रेणु देवी को 41151 वोट मिले.

लेकिन अब चुनाव ख़त्म हो जाने के बाद पुलिस जांच में यह बात खुलकर सामने आई है कि रश्मि वर्मा पर हमलों और उन्हें मिल रही धमकियों की कहानी पूरी तरह से नकली थी. पुलिस ने जांच के क्रम में रश्मि वर्मा के करीबी शाहनवाज़ रिज़वान और रश्मि वर्मा के कार्यालय के समीप स्थित आभूषण दुकान के मालिक रामेश्वर सर्राफ़ को हिरासत में लिया था. पूछताछ में शाहनवाज़ ने बम रखने का खुलासा किया.

अब शिकारपुर पुलिस ने शाहनवाज़ से पूछताछ के बाद यह दावा किया है कि रश्मि वर्मा ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए खुद अपने कार्यालय में बम रखवाया था. साज़िश में उनके कई करीबी शामिल थे.

थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह के मुताबिक़ इस मामले का खुलासा एसपी के ज़रिए शाहनावज़ से पूछताछ में हुआ है. शाहनवाज़ ने खुद पुलिस को बताया है कि रश्मि वर्मा ने चुनाव में लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए ऐसा किया था. नकली बम व पत्र रखने के लिए शाहनवाज़ और मोहित को चुना गया था. इन दोनों ने ही कार्यालय में बम रखा था.

थानाध्यक्ष के मुताबिक़ इस साज़िश में रश्मि वर्मा के अलावा अजय श्रीवास्तव, अशोक वर्मा, मुन्ना, मोहित कुमार, गोलू, तनुज वर्मा व शाहनवाज़ शामिल थे. अब सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा.

लेकिन इस पूरे मामले में रश्मि वर्मा का कहना है, ‘साज़िश के तहत हमारे क़रीबियों को फंसाकर राजनीतिक विरोधी हमको फंसाने की साज़िश रच रहे हैं. इसमें पुलिस भी शामिल हो गई है.’

SUPPORT TWOCIRCLES HELP SUPPORT INDEPENDENT AND NON-PROFIT MEDIA. DONATE HERE