TwoCircles.net News Desk
बलिया : पिछले दिनों टी-20 में भारत के ऑस्ट्रेलिया से जीत का जश्नी काफी महंगा पड़ा. जीत की खुशी में दबंगों ने दलित बस्तीि पर न सिर्फ़ लाठी-डंडों से हमला किया, बल्कि बस्तीि को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान फायरिंग भी की गई.
यह मामला उत्तर प्रदेश के ज़िला बलिया के थाना कोतवाली अंतर्गत शिवपुर दियर का है. आज इस मामले में लखनऊ से रिहाई मंच के साथ इंडियन पीपुल्स सर्विसेज़, भाकपा माले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने संयुक्त रूप से घटना-स्थल का दौरा किया और पीड़ितों की बात सुनी.
जांच टीम ने इस मामले को क्रूर सामंती हिंसा का उदाहरण बताते हुए पूरे घटनाक्रम में सपा के नगर विधायक की भूमिका की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
जांच टीम के मुताबिक़ पीड़ितों ने उन्हें बताया कि उनके घरों को सपा विधायक नारद राय के क़रीबी सजातीय दबंगों ने फूंका है. हमलावरों के हाथ में लाइसेंसी व गैर लाइसेंसी हथियार थे. लाइसेंसी हथियार से चली गोली से घायल संतोष गोंड़ अभी भी सदर अस्पताल में भरती हैं.
पीड़ितों ने बताया कि हमले में धारदार हथियारों, लाठी-डंडों व लोहे के रॉड का इस्तेमाल करते हुए एक दर्जन लोगों पर हमला किया गया. हमले के दौरान सौ से अधिक लोग, जिनमें से कुछ बिहार से भी आए हुए थे, असलहों से लैस होकर पूरी बस्ती को घेरे रहे.
उन्होंने बताया कि एसपी और सीओ ने खुद घटना-स्थल से राईफ़ल के खोखे भी बरामद किए थे. लेकिन इसका ज़िक्र एफ़आईआर में सदर विधायक नारद राय के दबाव में नहीं किया गया. पीड़ित महिलाओं के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को भी दबंगों ने नहीं छोड़ा और बेरहमी से पीटा.
पीड़ितों का आरोप है कि इस मामले का मुख्य अभियुक्त शम्भू नाथ तिवारी अभी भी खुलेआम घूम-घूम कर पुनः हमला करने की धमकी दे रहा है. हमला कांड में प्रयुक्त उसकी लाइसेंसी राईफल को पुलिस ने अभी बरामद नहीं किया है, जिसके खोखे घटना-स्थल से पुलिस को बरामद हुए हैं.
जांच टीम में शामिल नेताओं का कहना है कि –‘इन्हीं आरोपियों ने 27 अक्तूबर 2014 को भी झठू गोंड पर जानलेवा हमला किया था, जिसकी प्राथमिकी थाना कोतवाली बलिया में अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न एक्ट के तहत दर्ज है, लेकिन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ़ कोई कारवाई नहीं की, जिससे दबंगों का मन बढ़ता गया. जिसकी परिणती गोंड खरवार पासी और पासवान लोगों की बस्ती पर हमले के रूप में सामने आई है.’
नेताओं ने मांग की कि बलिया में लम्बे समय से हो रहे सामंती उत्पीड़न का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग घटना-स्थलों का विशेष दौरा करके पीड़ितों को इंसाफ़ दिलाने के साथ-साथ उनकी जान-माल की सुरक्षा करे.
इसके साथ ही जांच टीम के नेताओं ने सदर कोतवाल और सीओ के निलंबन की मांग करते हुए उन पर नगर विधायक नारद राय के इशारे पर दबंगों को बचाने का आरोप लगाया.
इस जांच टीम में रिहाई मंच के प्रवक्ता शहनवाज़ आलम, इंडियन पीपुल्स सर्विसेज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद गोंडवाना व मिथलेश पासवान, भाकपा माले के लक्ष्मण यादव व भागवत बिंद, भाकपा के रोशन अली के अलावा डॉक्टर अहमद कमाल, मंज़ूर अहमद, पवन कुमार गुप्ता आदि शामिल थे.