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दिल्ली: साल 2008 के मालेगांव बम धमाकों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ज़मानत अर्ज़ी खारिज कर दी है.
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर इस मामले में प्रमुख अभियुक्त हैं और पिछले 8 साल से जेल की सलाखों के पीछे हैं. हालांकि प्रज्ञा सिंह के परिवार वालों का कहना है कि वो एनआईए की स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ़ हाईकोर्ट जाएंगे.
दरअसल पिछले सप्ताह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ज़मानत याचिका पर बहस हुई थी, जिसके बाद विशेष जज श्रीपद टेकले ने अपना फ़ैसला सुनाने के लिए 28 जून की तारीख सुरक्षित कर ली थी.
धमाके में मारे गए बिलाल के पिता सैय्यद निसार अहमद ने इस मामले में दख़ल देने का आवेदन देते हुए ज़मानत याचिका का विरोध किया था.
हालांकि एनआईए ने साध्वी की ज़मानत याचिका का विरोध नहीं किया था. एनआईए ने पिछले दिनों इस मामले में अपनी चार्जशीट दायर की थी, जो इस मामले में दूसरी चार्जशीट है. एनआईए की चार्जशीट में कहा गया था कि उसे साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिला था.
सैय्यद निसार अहमद के वकील ने अदालत में दलील दी कि इसके बावजूद कि जांच एजेंसी साध्वी की ज़मानत का विरोध नहीं कर रही है, ये अदालत पर निर्भर करता है कि वो रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर ज़मानत देती है या नहीं.
उन्होंने ये भी तर्क दिया कि इससे पहले एटीएस ने पुख़्ता सबूत जुटाए थे और उसके पास गवाहों के बयान भी थे और एनआईए ये नहीं कह सकता कि साध्वी के ख़िलाफ़ सबूत नहीं हैं.
पिछले महीने मालेगांव बम धमाकों के मामले में एनआईए ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में पूरक चार्जशीट दायर की थी. इस पूरक चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा सिंह और पांच अन्य अभियुक्तों के नाम नहीं हैं. एजेंसी ने इन सभी अभियुक्तों को मकोका से बरी करने की सिफ़ारिश की है.
स्पष्ट रहे कि महाराष्ट्र के मालेगांव के अंजुमन चौक तथा भीकू चौक पर 29 सितंबर 2008 को बम धमाके हुए थे जिनमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 घायल हो गए थे.
इन धमाकों में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. इस मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने की थी, जो बाद में एनआईए को सौंपी गई थी. ये मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम पर थी. हालांकि साध्वी का कहना है कि धमाके के दो साल पहले से ही वह मोटरसाइकिल रामचंद्र कलसांगरा इस्तेमाल कर रहा था. रामचंद्र कलसांगरा इस मामले में फ़रार आरोपी है.