सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और प्रदेश के कद्दावर नेता आज़म खान इन दिनों विवादित बयानों की ओर रुख करते नज़र आ रहे हैं. कल बुलंदशहर में आयोजित एक रैली में जब वे पहुंचे तो अपना आपा खो बैठे.
उन्होंने वहां माइक से सीधे कह डाला कि इस साल अस्सी फीसदी मुसलमानों ने रोज़े नहीं रखे, जो कहते हैं कि उन्होंने रोज़े रखे वे झूठ बोलते हैं. इसके बाद उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाते हुए कहा कि जो अपने मालिक का नहीं, वह कुत्ते से भी बदतर है.
दरअसल शनिवार रात को बुलंदशहर के स्याना में आज़म खान अपने पुराने दोस्त और सपा नेता बदरुल इस्लाम के बुलावे पर पहुंचे. बुलंदशहर में घुसते ही उन्होंने चारों ओर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के पोस्टर देखे. बस इतना था कि आज़म खान भड़क गए.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार्यक्रम में पहुंचते ही आज़म खान ने मंच पर स्थान नहीं ग्रहण किया. उन्होंने तुरंत डायस पर आकर माइक सम्हाला और बोलना शुरू कर दिया. ओवैसी की यूपी में आवक से भड़के आज़म खान ने तो पहले मुस्लिमों के खिलाफ कई विवादित बयान दिए. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत इस बात से की कि ‘आप सबको ईद की मुबारकबाद. रमज़ान की मुबारकबाद अगर आप रोज़े रखते हों तो…. इसके बाद आज़म खान ने रमजान न रखने वाले और अल्लाह को न मानने वाले मुस्लिमों के बारे में कहा कि कुत्तों से भी बदतर हैं.
इसके बाद आज़म खान ने मीडिया पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मीडिया ने मुज़फ्फ़रनगर का दंगा दिखाया, दंगाई नहीं दिखाए. उन्होंने मीडिया के रोल पर सवाल उठाया, जिसकी वजह से मुज़फ्फरनगर दंगों में सपा सरकार के रोल पर सवाल उठते रहे हैं. आज़म खान ने कहा, ‘मुजफ्फरनगर में दंगे कराने वाला ये मीडिया है. ये परदेवाला मीडिया. मीडिया के कैमरों में दंगा कैद था, लेकिन मीडिया ने सिर्फ़ जलते हुए घर दिखाये, घर जलाने वाले नहीं. मीडिया ने बलात्कार दिखाये, बलात्कारी नहीं, दंगा तो दिखाया, पर दंगाई नहीं.’
इसके बाद आज़म खान ने सपा नेता बदरुल इस्लाम से ओवैसी के पोस्टरों की शिकायत की. आज़म खान ने कहा कि लोग अपने घरों पर ऐसे पोस्टर लगाकर क्या दिखाना चाहते हैं. उन्होंने ओवैसी को भाजपा और आरएसएस का एजेंट करार दिया. उन्होंने ओवैसी पर रूपए लेकर मुसलमानों को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि ओवैसी मुसलमानों की बंद मुट्ठी खोलना चाहता है.
जब उत्तर प्रदेश के चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में आज़म खान के इन बयानों से समाजवादी पार्टी की छवि को खासा नुकसान पहुंच सकता है. वैसे भी प्रदेश के मुस्लिम समुदायों में समाजवादी पार्टी के हालिया रुख के प्रति रोष हर जगह बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आज़म खान का ऐसा बोलना कहीं न कहीं से मजबूत मुस्लिम सपा मतदाताओं को छिटकाने का भी काम कर सकता है.