TwoCircles.net Staff Reporter
लखनऊ : यूपी में यात्राओं का दौर शुरू हो चुका है. आज जहां आरएसएस से वाबस्ता ‘भारतीय बौद्ध संघ’ देश भर में दलितों पर हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ ‘दलित चेतना यात्रा’ की शुरूआत की. वहीं आगामी 05 नवम्बर को बीजेपी उत्तर प्रदेश में चार दिशाओं से एक साथ परिवर्तन यात्रा निकालने जा रही है. इन यात्राओं को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रवाना करेंगे जबकि समापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन से होगा. यह यात्रा पूरे 55 दिनों का है.
लेकिन लखनऊ की एक सामाजिक व राजनीतिक संगठन रिहाई मंच बीजेपी की इस की परिवर्तन यात्रा को दंगा यात्रा क़रार देते हुए अखिलेश यादव से तत्काल इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
रिहाई मंच ने आरोप लगाया है कि गुजरात से तड़ीपार रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने सांप्रदायिक एजेण्डे को सूबे की हर विधानसभा तक ले जाने के लिए यह ‘परिवर्तन यात्रा’ करने जा रहे हैं. जिस तरह से अगस्त 2013 में फैज़ाबाद में पंच कोसी परिक्रमा के बहाने सांप्रदायिक तनाव पैदा किया गया जिसकी परिणति मुज़फ्फ़रनगर हुई, वैसा ही षडयंत्र को फिर से यूपी में दोहराया जा रहा है.
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि –‘जिस तरह से यूपी में मूर्ती-विसर्जन व मुहर्रम के जुलूसों के दौरान बहराइच, सीतापुर, फैज़ाबाद, रायबरेली, गोण्डा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, देवरिया में सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हुई हैं, इसने यह साबित कर दिया है कि पश्चिमी यूपी के बाद अवध और पूर्वी यूपी को बीजेपी ने सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने का पूरा खाका तैयार कर लिया है.’
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देज़र सांप्रदायिक हिंसा के लिए भाजपा व सपा पर गठाजोड़ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि –‘मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब कहते हैं कि सांप्रदायिक हिंसा हुई तो डीएम-एसपी जेल जांऐगे… अब उन्हें किसने रोका है यहां के डीएम-एसपी को जेल भेजने से.’
राजीव यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मुहर्रम के दिन ही भंडारा कराकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करने वाले कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह पर क्यों नहीं मुक़दमा दर्ज कर अब तक जेल भेजा गया. इसका जवाब अखिलेश यादव को ज़रूर देना चाहिए.
रिहाई मंच लखनऊ महासचिव शकील कुरैशी ने बताया कि 13 अक्टूबर को मूर्ती-विसर्जन के दौरान फ़खरपुर थाना क्षेत्र के ततेहरा गांव में हुए सांप्रदाहिंक हिंसा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के 39 से अधिक आशियानों में आगज़गी की गई, जिसमें 6 साल की एक बच्ची ज़िन्दा जल कर मर गई.
उनके मुताबिक़ बहराइच के नानपारा में बुधवार की रात अफ़वाह के चलते, बलरामपुर के महादेइया बाज़ार में, रामपुर मुरार तथा पचपेड़वा थाना क्षेत्र के कुसमहर गांव में, गोण्डा में 11 अक्टूबर को स्टेशन रोड पर महरानीगंज घोसियाना में, फैज़ाबाद नगर कोतवाली क्षेत्र में 12 अक्टूबर को बहादुरगंज में, पटरंगा थाना क्षेत्र के खंड पिपरा गांव में, रायबरेली में डीहकेहरोखा गांव में 12 अक्टूबर को, सीतापुर के हरगांव में जोशीटोला में, रेउसा के डिहवां नेवदा गांव में तीन मकान में आगजनी, सुल्तानपुर के चांदा में, श्रावस्ती के मल्हीपुर के जमुनहीं गांव में 13 अक्टूबर को, देवरिया के लार थाना क्षेत्र के लार कस्बे में 13 अक्टूबर को रात 9 बजे, कुशीनगर में कुबेर स्थान थाना क्षेत्र के बतरौली थाना क्षेत्र में 13 अक्टूबर को दोपहर बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा में 7 दुकानों, 5 घरों में आगजनी हुई. वहीं मुरादाबाद के बेलारी थाना क्षेत्र के सतारन गांव में बुधवार को सांप्रदायिक हिंसा हुई.