सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
वाराणसी: केन्द्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक कमेटी ने आज एनडीटीवी को एक दिन के लिए बंद करने का निर्णय लिया है. आगामी 9 नम्बर को चैनल का प्रसारण पूरे देश में बाधित रहेगा. किसी भी समाचार चैनल के खिलाफ यह पहली कार्रवाई है.
यह निर्णय पठानकोट हमले के दौरान एनडीटीवी द्वारा की गयी रिपोर्टिंग पर कार्रवाई के फलस्वरूप लिया गया है. सरकार में मौजूद सूत्रों के मुताबिक़ सरकार एनडीटीवी की पठानकोट हमले की रिपोर्टिंग को ‘राष्ट्रविरोधी’ मान रही है. यही नहीं सरकार एनडीटीवी के रुख को ही राष्ट्रविरोधी मान रही है, जो कि ज़ाहिर है.
लेकिन चैनल से जुड़े लोगों का कहना है कि उनकी रिपोर्टों में कुछ भी ऐसा नहीं है, जो राष्ट्रविरोधी हो.
कल रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह में नरेंद्र मोदी आपातकाल का ज़िक्र कर रहे थे. उनका आशय था कि आपातकाल जैसे काले अध्याय की वजह से बहुत समझ विकसित हुई. लेकिन ऐसा लग रहा है कि उनकी सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय आपातकाल को दुहराने का काम कर रहा है.
कुछ महीनों पहले पठानकोट में सेना के बेस पर हुए हमले के दौरान एनडीटीवी ने रिपोर्टिंग की थी. इस रिपोर्टिंग के दौरान एनडीटीवी ने बेस पर मौजूद गोला-बारूद, हथियारों और लड़ाकू विमानों की संख्या के बारे में बताया था. हालांकि लाइव रिपोर्टिंग के दौरान कवरेज की बदौलत आतंकी हमलावरों की स्थिति पता लगाने में मदद मिली थी, और इस बात को कमेटी ने माना भी है.
इस मामले में एनडीटीवी से जुड़े लोग बात करने को तैयार नहीं हैं. लेकिन चैनल से जुड़े कुछेक लोग नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि सरकार की ओर से नोटिस मिलने के बाद चैनल से जुड़े लोग मंत्रालय गए भी थे, लेकिन मंत्रालय चैनल के स्पष्टीकरण से संतुष्ट न हो सका.
चैनल 9 नवम्बर की आधी रात से 10 नवम्बर की आधी रात तक बंद रहेगा. हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब एनडीटीवी को प्रतिबंधित किया गया हो. सरकार की ओर से लगाए गए डायरेक्ट टू होम केबल कनेक्शन में लम्बे समय तक एनडीटीवी अघोषित रूप से प्रसारित नहीं हो रहा था, जबकि निजी सैटेलाईट टेलीविज़न पर यह निर्बाध रूप से आ रहा था.