TwoCircles.net Staff Reporter
लखनऊ : पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों को बंद कराने और 15 सार्वजनिक छुट्टियों को रद्द किये जाने का फैसले को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार काफी चर्चे में रही थी, लेकिन इसी बूचड़खाने और 15 सार्वजनिक छुट्टियों को रद्द किये जाने के फैसले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने साफ़ तौर पर कहा कि, किसी को भी मांसाहार खाने से रोका नहीं जा सकता. कोर्ट ने यूपी सरकार की उस दलील को भी खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि बूचड़खाने बनाना सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है.
यह फ़ैसला आज लखनऊ बेंच के जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली ने सुनाया है. इस बेंच ने योगी सरकार को बूचड़खानों के लिए नए लाइसेंस बनाने और पुराने को रिन्यू करने के आदेश दे दिए हैं.
हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से यह भी कहा है कि वह इस ममाले का जल्द से जल्द हल निकालने. साथ ही 17 मई को मामले के हल के साथ आने को भी कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.
बताते चलें कि याचिकाकर्ताओं ने शिकायत की थी कि उनके लाइसेंस का समय 31 मार्च को पूरा हो चुका है और उन्होंने रिन्यूवल के लिए आवेदन कर रखा है, लेकिन सरकार अनुमति नहीं दे रही है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस कर रहे वकील ने अदालत को यह भी कहा कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से स्लॉटर हाउस बंद करना चाह रही है, जबकि किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का खाना खाने का अधिकार है, चाहे वो वेज हो या नॉनवेज.
वहीं, सरकार की तरफ़ से महाधिवक्ता और विशेष वकील का तर्क था कि सरकार लाईसेंस रिन्यूवल तभी करेगी, जब याची सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों के मुताबिक़ स्लॉटर हाउस और मीट की दुकान चलाएं.
बूचड़खाने के साथ-साथ यूपी की योगी सरकार द्वारा 15 सार्वजनिक छुट्टियों को रद्द किये जाने का फैसला भी अब विवादों में भी घिर गया है. योगी सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए योगी सरकार को नोटिस जारी किया है और उससे छुट्टियां कैंसिल किये जाने का जीओ अदालत में पेश करने को कहा है.
बरेली ज़िले के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बशीर बेग ने छुट्टियां रद्द किये जाने के योगी सरकार के फै़सले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस अर्जी में खासकर मुस्लिम समुदाय के ईद मिलादुन्नबी यानी बारावफ़ात की छुट्टी पर एतराज जताया गया था. अर्जी में कहा गया कि यूपी सरकार को वह छुट्टियां रद्द करने का अधिकार ही नहीं है, जिन्हे केंद्र सरकार ने नेगोसिएविल इन्स्ट्रूमेंट एक्ट की धारा-25 के तहत अवकाश घोषित कर रखा है.
अदालत ने योगी सरकार से ये छुट्टियां ख़त्म किये जाने के बारे में जवाब भी मांगा है. अदालत इस मामले में 12 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगी. हालांकि योगी सरकार के लिए राहत की बात यह रही कि अदालत ने इन छुट्टियों पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है.