आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
देवबन्द : असम में एनआरसी की रिपोर्ट जारी होने वाली है. इसमें लाखों महिलाओं की नागरिकता पर ख़तरा पैदा होना लाज़िम है. ऐसी चर्चा है कि 40 लाख से ज्यादा महिलाओं से वोट डालने का अधिकार छीन लिया जाएगा. इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना अरशद मदनी के एक बयान के बाद असम में माहौल गर्म हो गया है. मौलाना अरशद मदनी के ख़िलाफ़ असम के अलग-अलग थाना क्षेत्र में 5 एफ़आईआर दर्ज कराई गई है. TwoCircles.net ने मौलाना अरशद मदनी से ख़ास बातचीत की. पेश है इस बातचीत का प्रमुख अंश —
असम में आपके ख़िलाफ़ मुक़दमे हुए हैं. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मौलाना अरशद मदनी — इस पर मेरा क्या रद्देअमल है. मैं तो अपने घर बैठा हूं. मेरा कोई रद्देअमल नहीं है.
फिर आपके ख़िलाफ़ मुक़दमे क्यों लिख दिए गए?
मौलाना अरशद मदनी — मैं नहीं जानता हूं. मेरी बात अपनी जगह सही थी. मेरा तो एक मकरुजा है. तुम वैसा करोगे तो ऐसा हो जाएगा. वो जो लोग उर्दू नहीं जानते, उन्होंने इसका मतलब यह निकाला कि मैं आग लगा दूंगा. मुझे कौन सी मुसीबत पड़ी है कि मैं मार दूं या मर जाऊं. मेरी बात अपनी जगह सही थी. मैं अपनी बात पर क़ायम हूं. जैसी करनी वैसी भरनी…
बदरूद्दीन अजमल साहब ने आपके बयान को ग़लत कहा है. क्या उनकी मुक़दमा दर्ज करवाने में कोई भूमिका है?
मौलाना अरशद मदनी —मुक़दमे दर्ज कराने के बारे में मैं नहीं कह सकता. मगर उनका बयान मैंने सुना है. बीजेपी के हामी हैं वो अंदर-अंदर. और एक डरपोक आदमी हैं. हालांकि वो उर्दू जानता है वो रिकॉर्डिंग सुन ले. वीडियो सब जगह है.
अगर आपके ख़िलाफ़ सरकार कोई कार्रवाई करने लगे तो…
मौलाना अरशद मदनी —मैंने कहा कि अगर ऐसा कर दिया तो वैसा हो जायेगा तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि मैंने वैसा कर दिया. मैं कोई डरता हूँ क्या! जब मैंने कुछ ग़लत कहा ही नहीं. अब अच्छी बात यह हो गई कि ये मसला सबके सामने आ गया. जो लोग 400 साल से यहां रह रहे हैं, उन्हें आप बंगलादेशी कैसे कह सकते हैं? वो इंडियन हैं. यह असम को म्यांमार बनाने की साज़िश है.
मौलाना अरशद मदनी का बयान आप इस वीडियो में देख व सुन सकते हैं :