शमी-हसीन विवाद : अब सुलह हो सकती है, मगर मिलन नहीं!

आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net

समाज पुरुष प्रधान हो सकता है, मगर वो झुकता औरत की तरफ़ ही है. क्योंकि जब हर तरफ़ बात होती है कि महिलाएं ‘बेचारी’ होती हैं, तो दिल का एक कोना हमेशा महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाता है.


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शमी के मामले में भी यही हो रहा है. औरतों में खुद को ग़लत मानने की प्रवृति कम होती है. उनको ऐसा लगता है कि वो परफेक्शन की ओर हैं.

यक़ीनन हसीन जहां आज अपनी अक़्ल पर ‘रश्क’ कर रही होंगी. खुद की विजय होने पर गर्वित हो रही होंगी. उनके मन में यह भावना हिलोर मारती होगी कि देखा मैंने क्या कर दिया!

मुझे नहीं पता कि किन लोगों ने ‘नागिन’ फ़िल्म बनाई थी, मगर मेरा मन कभी यह मानने के लिए राज़ी नहीं हुआ कि औरत डस भी सकती है.

नागिन का भी वो समर्पण अपने नाग के लिए था, मगर यहां तो स्थिति ही पलट गई है. कहते हैं कि ‘जोड़े’ जन्नत में तय होते हैं, मगर कुछ कहानियां इबरत हासिल करने के लिए भी लिखी जाती हैं. 7 दिन में एक घर में कैसे तूफ़ान खड़ा होता है. आप यहां से समझ सकते हैं. इस कहानी में कई सबक़ हैं.

हसीन जहां और शमी के रिश्ते में शमी ज़्यादा ईमानदार हैं. उसने यह जानकर शादी की कि ‘जान’ की पहले भी दो बेटी हैं. हसीन का दूसरा नाम जान है और वो शमी से 5 साल बड़ी हैं.

सच तो यह है कि हसीन सिर्फ़ एक चीयर लीडर थी और शमी उस समय बड़े स्टार हो गए थे. शमी बेहद देसी और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं. उनके परिवार के लोग बेहद आम हैं. वो जिस ‘झोझा’  बिरादरी से आते हैं, वो मेहनतकश सांस्कृतिक विरासत की पहचान के लिए जानी जाती है. इस बिरादरी के लोग ज़्यादातर गांवों में ही रहते हैं और खेती व दुधारु जानवर पालने का काम करते हैं.

तब हसीन जहां का यह कहना कि ये तो गंवार और बहुत गरीब हैं. एक कमरे के मकान में रहते हैं मैंने इन्हें जीना सिखाया, काफ़ी तकलीफ़ देता है.

आज जब हसीन जहां मीडिया से यह कहती हैं कि शमी के परिवार के लोग तो उसके ग़ुलाम हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे शमी की मां के दिल को उसने पैरों तले रखकर कुचल दिया हो.

शमी ने हसीन के कहने से ही कोलकाता में घर बनाया. तब बहुत तकलीफ़ होती है, जब हसीन यह कहती हैं कि “शमी का परिवार तो एक कमरे में रहता था. घर मैंने बनवाया.”

शमी की दोनों गाड़ियां कोलकाता वाले घर में ही है. शमी की कमाई की प्रॉपर्टी कोलकाता में है. हसीन ने मुक़दमा भी वहीं दर्ज कराया है. शमी के परिवार को हसीन और मीडिया ने इतना डरा दिया है कि अब वो अमरोहा वाले घर पर भी नहीं हैं.

सोचने की बात है कि सिर्फ़ व्हाट्सप चैट के आधार पर यह बात क़ानूनन व मज़हबी दोनों तरह से कैसे साबित हो सकता है कि शमी किसी अन्य लड़की के साथ सेक्स किया है.

हसीन का यह आरोप भी झूठा है कि शमी ने उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए कहा. यह संभव ही नहीं, क्योंकि शमी हसीन को जुनून की हद तक चाहते थे. जैसे उनको ट्रोल करने पर वो भड़क गए और अपनी पत्नी की हिमायत की.

शमी के लिए अब सब कुछ ख़त्म जैसा हो गया है. उसके अंदर ही अंदर कुछ मर गया है. अपनी ढाई साल की बेटी के लिए वो चीख रहा है. अब भी सुलह की हर संभव कोशिश में लगा है.

लेकिन हसीन कह रही हैं कि अगर वो यह सब ना करती तो शमी उसे तलाक़ दे देता. तो इससे क्या लगता है. क्या उनके रिश्तो में गर्माहट वापस आ पाएगी!

समझने की बात यह है कि शमी इन सब बातों को भूल पाएंगे. कैरियर की तो बात ही छोड़िये, उनके अंदर जो तोड़-फोड़ हुई है, उसकी वापसी नहीं हो पाएगी. अब सुलह हो सकती है मिलन नहीं!

(ये लेखक के अपने विचार हैं.)

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